यूरोप में बिहार दिवस का आयोजन किया गया। यूरोपीय देश स्कॉटलैंड के इडिनबर्ग शहर से ऐसी है गौरवान्वित करने वाली तस्वीरें आयी है। इडिनबर्ग में बुधवार को बिहार दिवस के पूर्व संध्या पर बिहारी समुदाय द्वारा बिहार दिवस के उपलक्ष्य में भव्य व रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम मे शहीदों पर बनी एक नाटिका भी प्रस्तुत की गयी। वहां रह रहे पूर्वी चम्पारण जिले के रूपहारा निवासी स्व. अवधेश नारायण सिंह के पुत्र अविनाश कुमार ने बताया कि नयी पीढ़ी को अपने बिहार के बारे मे वहां की कला संस्कृति एवं खानपान के बारे में जानकारी देने के लिए ऐसे कार्यक्रम का आयोजन किया गया।मोतिहारी निवासी खुशबू ने बताया कि हमलोग रोजी रोजगार के कारण यहां बस गये परन्तु हमारी भी जवाबदेही है कि अपनी अगली पीढी को अपने मातृभूमि के रहन सहन व संस्कृति से परिचित करायें। ें बिहार में गाये जाने वाले लोकगीत व सोहर पर लोगों ने जमकर तालियां बजाई।मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उप वाणिज्य दूत भारतीय दूतावास इडिनबर्ग अमित कुमार चौधरी के अलावे डिप्टी लाँर्ड प्रोवेस्ट काउंसलर मैरियन कैमरून थे।

दोस्तों, आज झुमरू के झोले से निकला है एक लोक गीत। यह गीत सुना रही है जमुई से मोबाइल वाणी की श्रोता, अशोका देवी। अगर आपके पास भी ऐसा ही कोई लोक गीत है, तो उसे मोबाइल वाणी पर रिकॉर्ड करें। इसके अलावा, आप रिकॉर्ड कर सकते है अपने क्षेत्र के रोचक किस्से और कहानियां... फोन में नम्बर 3 दबाकर।

दोस्तों, आज झुमरू के झोले से निकली है सोरठी और बिरजाभार की प्रेम कहानी। ये लोक गीत गा रहे है सिवान के अवध चौधरी जी। अगर आप भी ऐसा कोई लोक गीत जानते है तो उसे मोबाइल वाणी पर रिकॉर्ड करें. इसके अलावा, आप रिकॉर्ड कर सकते है अपने क्षेत्र के किस्से और कहानियां.. फोन में नम्बर 3 दबाकर.

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दोस्तों, कुछ लोगों की सोच है कि बेटियों की पढ़ाई में कुछ नहीं रखा है, क्योंकि आखिर में उन्हें शादी करके घर सम्हालना है. पर क्या आपने ये सोचा कि घर सम्हालने में भी तो शिक्षा मददगार होती है. अगर घर की बहू पढ़ी लिखी होगी तो परिवार के पोषण का ख्याल रख सकेगी, बच्चों की पढ़ाई में मदद कर सकेगी और जरूरत पड़ने पर घर को आर्थिक मदद दे सकती है. खैर.. बेटियों की पढ़ाई के बारे में आप क्या सोचते हैं ये हमें जरूर बताएं... इसके साथ ही हमें बताएं कि— -- आखिर क्यों अभी भी कई परिवारों में बेटियों को शिक्षित करने पर जोर नहीं दिया जाता? -- बेटियों की पढ़ाई में किस तरह की बाधाएं आ रही हैं? -- क्या आपको भी लगता है कि बेटियों का ज्यादा पढ़ना ठीक नहीं है? अगर ऐसा है तो क्यों? -- अगर आप सोचते हैं कि बेटियों की शिक्षा जरूरी है तो बताएं कि इससे क्या सकारात्मक बदलाव आ सकता है? -- अगर आप बेटियों की शिक्षा के पक्ष में हैं तो बताएं कि आप अपनी तरफ से इस दिशा में क्या प्रयास कर रहे हैं?" अपनी राय बताने के लिए अभी दबाएँ नं 3 और रिकॉर्ड करें अपनी बात