सरकार हर बार लड़कियों को शिक्षा में प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग योजनाएं लाती है, लेकिन सच्चाई यही है कि इन योजनाओं से बड़ी संख्या में लड़कियां दूर रह जाती हैं। कई बार लड़कियाँ इस प्रोत्साहन से स्कूल की दहलीज़ तक तो पहुंच जाती है लेकिन पढ़ाई पूरी कर पाना उनके लिए किसी जंग से कम नहीं होती क्योंकि लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने और पढ़ाई करने के लिए खुद अपनी ज़िम्मेदारी लेनी पड़ती है। लड़कियों के सपनों के बीच बहुत सारी मुश्किलें है जो सामाजिक- सांस्कृतिक ,आर्थिक एवं अन्य कारकों से बहुत गहरे से जुड़ा हुआ हैं . लेकिन जब हम गाँव की लड़कियों और साथ ही, जब जातिगत विश्लेषण करेंगें तो ग्रामीण क्षेत्रों की दलित-मज़दूर परिवारों से आने वाली लड़कियों की भागीदारी न के बराबर पाएंगे। तब तक आप हमें बताइए कि * -------आपके गाँव में या समाज में लड़कियों की शिक्षा की स्थिति क्या है ? * -------क्या सच में हमारे देश की लड़कियाँ पढ़ाई के मामले में आजाद है या अभी भी आजादी लेने की होड़ बाकी है ? * -------साथ ही लड़कियाँ को आगे पढ़ाने और उन्हें बढ़ाने को लेकर हमे किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ?

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

बिहार में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े लोगों की पहचान कर उस पर कार्रवाई के लिए पहली बार आर्थिक अपराध इकाई के डीएसपी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम बनाई है। साथ ही मोतिहारी,  पटना, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, पूर्णिया समेत दो दर्जन जिलों को भी कार्रवाई करने से संबंधित निर्देश दिए गए हैं। इसमें सीमांचल के भी कुछ जिले शामिल हैं। हालांकि, सभी जिलों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इस तरह के अश्लील वीडियो से जुड़ी सामग्री की जानकारी केंद्र सरकार के स्तर से आई है। वेबसाइट पर अश्लील सामग्रियों खासकर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी गतिविधि में सक्रिय भूमिका निभाने वालों में बिहार के भी कई संदिग्ध लोग शामिल हैं। अवैध तरीके से ये लोग वेबसाइट पर इसे अपलोड करते हैं या इस तरह की वीडियो किसी सुदूर इलाकों में चोरी-छिपे या डरा-धमका कर बनाने में संलिप्त हैं। ईओयू के पास ऐसी 18 हजार सामग्री आई हैं, जिसकी सघन जांच चल रही है। इसमें बिहार का कनेक्शन सामने आ रहा है। दूसरे देशों या राज्यों से वीडियो मंगाकर वेबसाइट पर अपलोड करने का भी मामला सामने आया है। इनके लिंक ग्रुप में प्रसारित किए जा रहे हैं। अब इसकी बारीकी से जांच होगी।

पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक की गई। इस बैठक में बाल संरक्षण और बाल अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

Transcript Unavailable.

बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर लोगों को जागरूक करते हुए बाल श्रम से जुड़े कानूनों की जानकारी देते हुए 14 वर्ष से कम के बच्चों से खतरनाक कार्य नहीं करवाने के लिए किया जागरूक।

बिहार के निर्देश के आलोक में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के पूर्व बाल श्रम के विरुद्ध जन जागरूकता पखवाड़े में जिला प्रशासन, श्रम संसाधन विभाग और यूनिसेफ के सहयोगी प्रथम संस्था के संयुक्त तत्वाधान में समाहरणालय परिसर से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के बच्चो के द्वारा जागरूकता प्रभातफेरी निकाली गई। प्रभातफेरी को उप विकास आयुक्त विनय कुमार , जिला शिक्षा पदाधिकारी अवधेश कुमार सिंह और डायट के प्राचार्या कुमारी अर्चना के द्वारा संयुक्त रुप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो मर्यादा पथ, शंकर चौक, बड़ी बाजार होते हुए डायट में समापन समारोह के रूप में हुआ। उप विकास आयुक्त विनय कुमार ने बताया बच्चे राष्ट्र की प्रगति के संवाहक है। बच्चों का स्वभाव उन्मुक्त होता है एवं उनका नैसर्गिक एवं गुणवत्तापूर्ण विकास हमारा मूल लक्ष्य है।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

आइए सुनते हैं 10 वर्षीय शालू कुमारी के इंटरव्यू क्या शालू कुमारी के माता पिता भाई से अधिक प्यार दुलार देते हैं या फिर लड़का लड़की में भेदभाव रखते हैं