देश में राष्ट्रीय मानव का दर्जा प्राप्त बैगा जनजाति की उत्पत्ति डायनासोर से हुई है! ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि मध्य प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक द्वारा बच्चों को यह पाठ पढ़ाया जा रहा है। गौरतलब है कि देश में तेजी से विलुप्त हो रही बैगा जनजाति को बचाए रखने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही हैं जिसके तहत करोड़ों रुपए का बजट हर वर्ष खर्च किया जाता है। लेकिन मैदानी स्तर पर बैगा जनजाति को किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। आपको बता दें कि 9 अगस्त 2012 को सरकार द्वारा बेगम को राष्ट्रीय मानव का दर्जा प्रदान बेगम को राष्ट्रीय मानव घोषित किया गया है। जिनकी उत्पत्ति को लेकर शासकीय शिक्षक द्वारा छात्रों को भ्रामक पाठ पढ़ाया जा रहा है। मामला मध्य प्रदेश के उमरिया जिले का है जहां शासकीय माध्यमिक शाला अचला में पदस्थ शिक्षक विजय सिंह बघेल पर आरोप है कि शिक्षक ने कक्षा में पढ़ते हुए कहा कि बैगाओ की उत्पत्ति डायनासोर से हुई है जिसके बाद छात्रों और ग्रामीणों द्वारा मामले की शिकायत कलेक्टर उमरिया से की गई है।
टीसीएस (टाटा कंसलटेंट सर्विस) में डेटा एनालिस्ट के 800 पदों की पूर्ति हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये हैं। आवेदक को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/कॉलेज से बीकॉम, बीएएफ, बीबीआई, बीबीए, बीबीएम, बीएमएस, बीए, बीएससी (नॉन सीएस और आईटी) स्ट्रीम नवीन स्नातक 2021, 2022, और 2023 में उत्तीर्ण होना चाहिए। मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रानिक्स विकास कारपोरेशन के क्षेत्रीय अधिकारी द्वारकेश सराफ द्वारा जारी सूचना में बताया गया है कि इस जॉब के लिए इच्छुक उम्मीदवार 21 से 24 फरवरी 2024 तक प्रातः 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक सुपर कॉरिडोर इंदौर स्थित टीसीएस कैम्पस में साक्षात्कार हेतु उपस्थित हो सकते हैं। साक्षात्कार में शामिल होने के पूर्व आवेदक को अपना ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन https://nextstep.tcs.com/campus/#/ पर करना अनिवार्य है। उम्मीदवार को साक्षात्कार में शामिल होने के लिए बायोडाटा की अपडेट प्रति, आईडी कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, कोविड सर्टिफिकेट और ऑनलाईन भरे गये फार्म की प्रिंट साथ में लाना अनिवार्य है।
किसने की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च कर दिया गया है और उसमें कैसा ऑप्शन दिया गया है जिसके माध्यम से किसान अपने खेत में बैठकर अपनी समस्याएं दर्ज कर सकता है। इतना ही नहीं किस चाहे तो मोबाइल ऐप के जरिए ही अपने खेत का खसरा बोई गई फसल की जानकारी और उससे जुड़े अन्य जानकारियां अपलोड कर सकते हैं। यह मोबाइल अप गूगल के प्ले स्टोर से डाउनलोड करके इसका उपयोग करें।
सतना जिले में धड़ल्ले से चल रही मिलावट खोरी को रोकने के लिए जिला स्तर पर एक स्पेशल टीम गठित की जाएगी। कलेक्टर अनुराग वर्मा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश स्तर से प्राप्त दिशा निर्देशों के आधार पर सतना जिले में मिलावट मुक्त अभियान चलाया जाएगा। इसमें खाद्य विभाग पुलिस विभाग नापतोल विभाग खाद्य एवं औषधि विभाग समेत अन्य प्रमुख विभागों के अधिकारियों की एक टीम गठित की जाएगी। यह टीम लगातार सतना जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर दूध से बने उत्पाद पनीर, मावा के नमूने एकत्रित कर उनकी जांच करेगी यदि जांच में मिलावट खोरी पाई गई तो संबंधित दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान उन दुकानदारों के विरुद्ध भी कार्यवाही होगी जो बिना पंजीयन के दुकान संचालित कर रहे हैं।
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रामपुर बाघेलान तहसील मुख्यालय के सामने भारतीय राष्ट्रीय किसान यूनियन टिकैट की मासिक बैठक आयोजन की गई जिसमें क्षेत्र में व्याप्त किसानों की समस्याओं पर बिन्दु वार चर्चा की गई और तत्काल निदान करने की प्रशासन से मांग की गई
देश में चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए हमारे साथ मोबाइल वाणी में मौजूद हैं किसान राजभान सिंह जिन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए बताया कि केंद्र की सरकार किसानों को रोकने के लिए जिस तरह से प्रयास कर रही है वह हिटलरशाही है। सरकार को चाहिए कि वह किसानों की मांगों को मान ले और इस मसले का हल निकाले। इस आंदोलन को लेकर आखिर सतना जिले के किस क्या सोचते हैं लिए सुनिए उन्हीं की जुबानी।
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देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सतना जिले के किसानों में सरकार के प्रति आक्रोश पनप रहा है। किसान आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार पूरी तरह हिटलर शाही दिखा रही है। यह बात मोबाइल वाणी से चर्चा करते हुए किसान राजभान सिंह ने कही,,,। पूरी बातचीत सुनने के लिए प्ले का बटन दबाइए, और समाचार को लाइक करें ज्यादा ज्यादा शेयर करें।
कृषि विभाग द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया है कि सतना जिले में चना सरसों एवं मसूर का पंजीयन 20 फरवरी से 10 मार्च 2024 तक किया जाएगा। लिहाजा ऐसे किस जिन्होंने चना सरसों एवं मसूर का उत्पादन किया है वह समय पर अपना पंजीयन कर लें,ताकि उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की सुविधाओं का सामना न करना पड़े।