कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा किसानों को बता रहे है कि दुधारू पशुओं को संतुलित आहार दें। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

हांगकांग के फूड सेफ्टी विभाग सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने एमडीएच कंपनी के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स्ड पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाया है और लोगों को इसका इस्तेमाल न करने को कहा है. ऐसा क्यों? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

''बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा मुर्गीपालन में रानी खेत बीमारी के सम्बन्ध में जानकारी दे रहे हैं। सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें 

आजकल कम उम्र में ही लोग लम्बी और गंभीर बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं. लाइफस्टाइल और खानपान खराब होने से सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. इसकी वजह से कई गंभीर और खतरनाक स्थिति बनने लगी है. इसी से बचाव और जागरूकता के लिए हर साल 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे (World Health Day 2024) मनाया जाता है. इस वर्ल्ड हेल्थ डे का थीम 'माई हेल्थ-माई राइट' मतलब 'मेरा स्वास्थ्य-मेरा अधिकार' रखा गया है. इस बार वर्ल्ड हेल्थ डे का उद्देश्य अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, साफ पानी-हवा, पोषण से भरपूर आहार और साफ-सफाई है. तो दोस्तों आइये हम सब संकल्प ले और स्वस्थ आदतें अपनाएं: अपने आहार पर ध्यान दें, नियमित व्यायाम करें, पर्याप्त नींद लें और तनाव मुक्त रहने का प्रयास करें,डॉक्टर से नियमित रूप से जांच कराएं, स्वस्थ आदतों के महत्व के बारे में अपने परिवार, दोस्तों और समुदाय के लोगों को जरूर बताएं.ये सरल कदम आपके स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं.मोबाइल वाणी परिवार यह मानता है कि विश्व स्वास्थ्य दिवस सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह स्वस्थ जीवन जीने के प्रति सचेत और सजग रहने का निरंतर प्रयास है. आइए मिलकर यह सुनिश्चित करें कि "स्वास्थ्य सबका अधिकार" वाकई में सच हो जाए

आजकल बिजी लाइफस्टाइल के चलते लोग अपनी सेहत पर अच्छी तरह ध्यान नहीं दे पाते हैं। इसके चलते शरीर से जुड़ी कई समस्याएं होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में अगर आप एक गिलास गुनगुने पानी में थोड़ा सा काला नमक और अजवाइन डालकर पिएं, तो इससे कई लाभ मिल सकते हैं। आइए जानें इस बारे में-

मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिले से संध्या विश्वकर्मा ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि गर्मियों में तरबूज संजीवनी बूटी है। गर्मियों के मौसम में तरबूज को स्वास्थ्य के लिए एक वरदान माना जाता है, यह रसदार फल न केवल आपको गर्मियों में तरोताजा रख सकता है बल्कि आपको हृदय रोग और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से भी बचा सकता है।

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर की गृह विज्ञान की वैज्ञानिक डॉक्टर विद्या गुप्ता ने बताया कि गर्मी में मिलने वाली तोरई में कैलोरी, फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और सेलेनियम से भरपूर मात्रा में होते हैं. तोरई में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

भुने हुए चने को छिलके के सहि खाना सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है। ये फाइबर से भरपूर है और पाचन क्रिया को तेज करने में मदद करता है।भुने हुए चने को छिलके सहित खाने के हैं अलग फायदे, जान लेंगे तो हमेशा ऐसे ही खाएंगे। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।