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महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय की विज्ञान संकाय के अंतर्गत संचालित ऊर्जा एवं पर्यावरण विभाग में अध्ययनरत पर्यावरण के छात्रों ने रिलायंस सीमेंट प्लांट मैहर का भ्रमण किया।

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दरअसल सतना जिले के मझगवां ब्लाक अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला तुर्रा में पदस्थ प्राथमिक शिक्षक राय करण सिंह पर आरोप है कि वह शराब के नशे में दूध होकर विद्यालय आते हैं ।इतना ही नहीं उनके द्वारा में स्कूल के छात्र-छात्राओं के साथ अभद्रता की जाती है। इसके बाद मामले की जांच के लिए जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बीआरसीसी को निर्देश दिए गए। जांच प्रतिवेदन में बताया गया है कि छात्रों द्वारा की गई शिकायत सही पाई गई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक रायकरण सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी रामपुर बाघेलान में पदस्थ कर दिया है।

सतना के धवारी इलाके में संचालित शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक शिक्षिका द्वारा दलित छात्रा से शौचालय सफाई कराई जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है की शिक्षिका को शौचालय का उपयोग करना था लेकिन शौचालय बहुत गंदा था। लिहाजा शिक्षिका ने स्कूल की ही एक दलित छात्रा को शौचालय सफाई करने के लिए कहा, मजबूरन छात्रा को शौचालय की सफाई करनी पड़ी।

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देश में राष्ट्रीय मानव का दर्जा प्राप्त बैगा जनजाति की उत्पत्ति डायनासोर से हुई है! ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि मध्य प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक द्वारा बच्चों को यह पाठ पढ़ाया जा रहा है। गौरतलब है कि देश में तेजी से विलुप्त हो रही बैगा जनजाति को बचाए रखने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही हैं जिसके तहत करोड़ों रुपए का बजट हर वर्ष खर्च किया जाता है। लेकिन मैदानी स्तर पर बैगा जनजाति को किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। आपको बता दें कि 9 अगस्त 2012 को सरकार द्वारा बेगम को राष्ट्रीय मानव का दर्जा प्रदान बेगम को राष्ट्रीय मानव घोषित किया गया है। जिनकी उत्पत्ति को लेकर शासकीय शिक्षक द्वारा छात्रों को भ्रामक पाठ पढ़ाया जा रहा है। मामला मध्य प्रदेश के उमरिया जिले का है जहां शासकीय माध्यमिक शाला अचला में पदस्थ शिक्षक विजय सिंह बघेल पर आरोप है कि शिक्षक ने कक्षा में पढ़ते हुए कहा कि बैगाओ की उत्पत्ति डायनासोर से हुई है जिसके बाद छात्रों और ग्रामीणों द्वारा मामले की शिकायत कलेक्टर उमरिया से की गई है।

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2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?