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जैतवारा नगर पंचायत उपाध्यक्ष बृजेश पयासी ने सीएमओ को पत्र लिखकर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।

नमस्ते , मेरा नाम अनबरी बेगम है , मैं अपने ही इलाके में रहती हूँ , मैं अपने ही इलाके में रहती हूँ , वार्ड नंबर अड़तीस ,। मेरे घर के सामने , मेरे घर के सामने , गड्ढे , ज्यादा सड़कें नहीं बनी हैं । और केवल गे वाली और जो मेरे को गल्ला मिलना है तो गले वाली पर्ची नहीं आई है.

सोमवार की सुबह जब नगर निगम सतना के वार्ड क्रमांक 22, 24 और 41 में रहने वाले लोगों ने अपने घरों के नल चालू किए तो उन्हें जिस प्रकार का पानी मिला, उसे देखकर सभी चौंक गए.सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजेशन(स्काडा) सिस्टम अपनाने वाला प्रदेश का पहला जिला होने का गौरव सतना के नाम पर है, लेकिन इसके बाद भी यहां की पेयजल व्यवस्था बेहद खराब बनी हुई है. पानी की चोरी, लीकेज और मीटरिंग में सतना भले ही हाईटेक हो चुका हो फिर भी शहर की जनता को वही कीड़ा युक्त, गंदा, पीला पानी ही उपलब्ध हो पा रहा है. पानी की व्यवस्था सुधारने के नाम पर स्मार्ट सिटी मद से लगभग 18 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन फिर भी घरों तक आज भी बदबूदार, गंदा और छोटे-छोटे कीड़े वाला पानी ही पहुंच रहा है.तमाम लोगों ने कहा कि नगर निगम टैक्स जमा न करने पर कनेक्शन काट देता है. लोगों के घरों तक गंदा पानी पहुंच रहा है. हर बार अधिकारी सुधार की चेतावनी अधिकारियों को देते हैं, लेकिन सिस्टम कुछ दिन ही चल पाता है.नगर निगम के जलकर शाखा प्रभारी आरपी सिंह ने कहा कि कुछ वार्डों में गंदे पानी की सप्लाई के संबंध में सूचना मिली है. टीम पता कर रही है कि कहां पर लीकेज है. क्योंकि एक ही समय पर सभी जगहों में सप्लाई होती है, ऐसे में जल संसोधन गृह से गंदा पानी पहुंचने की गुंजाइश न के बराबर है. स्कॉडा सिस्टम को टंकियों में लगाया गया है. जिससे पीएच चे क होता है. घरों तक गंदा पानी पहुंचने का एक मात्र कारण पाइप लाइन फूटी हो सकती है

मध्यप्रदेश राज्य के सतना जिला से निखिल प्रजापति मोबाइल वाणी के माध्यम से अपनी एक समस्या रिकॉर्ड कर रहे हैं और उनकी यह समस्या गाँव की है। उनके गांव में बिजली का खम्बा नहीं है

स्मार्ट सिटी सतना सिर्फ नाम की स्मार्ट रह गई है ।पिछले 8 वर्षों में शहर के विकास के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं। लेकिन शहर में एक भी ऐसी सड़क नहीं है जिसे देखकर कहा जा सके कि यह स्मार्ट सिटी सतना है ।शहर की हर गली हर मोहल्ले में नालियां जाम है सड़कों में गड्ढे हैं। लेकिन इन्हें दुरुस्त करने का काम नहीं किया जा रहा है। स्वच्छता के नाम पर कचरा गाड़ी चलाई जा रही है। इसके बाद भी हर गली चौराहे में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। इंदिरा कॉलेज के सामने नाली जाम होने के कारण गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। छात्र-छात्राएं मजबूर होकर गंदे बदबूदार पानी के ऊपर से गुजर रहे हैं।

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साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में हम आपको बता रहे है कि बरसात के पानी को कैसे संरक्षित कर भूजल को बढ़ाने में हम अपना योगदान दे सकते है। आप हमें बताइए गर्मियों में आप पानी की कौन से दिक्कतों से जूझते हैं... एवं आपके क्षेत्र में भूजल कि क्या स्थिति है....