भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

अमरूद के पोषक तत्वों और इसके गुणों के बारे में आपने अक्सर सुना ही होगा। वहीं, अमरूद के पेड़ की पत्तियों में भी बहुत से गुण होते हैं जो आपकी हेल्थ को बहुत अधिक फायदे पहुंच सकते हैं। अमरूद की पत्तियों में एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। दांत दर्द दांत के दर्द और तकलीफों में आराम पाने के लिए अमरूद की कुछ पत्तियां चबाएं। इसी तरह दर्द से आराम पाने के लिए अमरूद की पत्तियों को उबालकर इस पानी से गरारे कर सकते हैं। अमरूद की पत्तियों की चाय भी दांत दर्द से राहत दिलाती है।माउथ अल्सर मुंह के छालों से आराम पाने के लिए भी अमरूद की पत्तियों का इस्तेमाल करें। अमरूद की पत्तियों का काढ़ा बनाए और उसे पीएं। कुछ दिनों में छाले कम हो जाएंगे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल कुछ स्टडीज में पाया गया कि अमरूद खाने और अमरूद की पत्तियां का सेवन करने से डायबिटीज मरीजों को ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद होती

ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने के लिए आप खास तरह की चटनी तैयार करके खा सकते हैं। आइए जानते हैं आज के समय में लोगों को तरह-तरह की समस्याएं हो रही हैं, जिसमें हाई ब्लड शुगर की परेशानी शामिल है। शरीर में फास्टिंग शुगर का स्तर 99 मिलीग्राम/डीएल या उससे कम सामान्य है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

प्रदेश के 10 जिलों में फैला संक्रमण इंसानों और पशुओं दोनों को संक्रमित करने वाले संक्रामक रोग लेप्टोस्पायरोसिस यानी रैट फीवर का संक्रमण सतना भी आ पहुंचा है। इस संक्रामक बीमारी से पीड़ित मरीज प्रदेश के 10 जिलों समेत सतना में भी पाए गए हैं। सतना के सीएमएचओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान लैब जबलपुर से आई रिपोर्ट में प्रदेश के 10 जिलों में लेप्टोस्पायरोसिस के 21 मरीज मिले हैं, जिनमें सतना का भी मरीज शामिल है। ये मरीज 5 से 24 फरवरी के बीच कराए गए सैंपल टेस्ट में पाए गए हैं। हालांकि अभी मरीज के नाम और निवास स्थान के बारे में जानकारी साझा नहीं की गई है, लेकिन यह जानकारी मिलते ही सतना का स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड पर आ गया है। कैसे फैलता है संक्रमण चिकित्सकों ने बताया कि लेप्टोस्पायरोसिस को रैट फीवर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक जीवाणु संक्रमण है जो बग लेप्टोस्पायरा के कारण होता है। इसका संक्रमण संक्रमित पशुओं के यूरिन से फैलता है। बीमारी के लक्षण - लेप्टोस्पायरोसिस नाम की बीमारी से संक्रमित मरीज के लक्षण 5 से 14 दिन में दिखते हैं। इसमे संक्रमित को बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, आंखों में लालिमा, उल्टी-दस्त, पेट दर्द, पीलिया और शरीर मे लाल चकत्ते निकलने की समस्या भी हो सकती है। कई मामलों में इसका असर गुर्दों और लीवर पर भी पड़ता है।

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

बचपन से ही हम सभी हल्दी वाले दूध के फायदों के बारे में सुनते आ रहे हैं। सर्दी-जुकाम हो या चोट लग जाए, हमारी दादी-नानी हमेशा हल्दी वाला दूध जरूर पिलाती थीं। आयुर्वेद में भी हल्दी वाले दूध को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद बताया गया है। दरअसल, हल्दी वाला दूध कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-बैक्टीरियल, एंटीबायोटिक, एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो कई बीमारियों को दूर करते हैं। लेकिन कुछ लोगों के लिए हल्दी वाले दूध का सेवन नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। जी हां, हल्दी वाला दूध पीने से कुछ लोगों की सेहत बिगड़ सकती है। तो आइए, जानते हैं किन लोगों को हल्दी वाले दूध का सेवन नहीं करना चाहिए - प्रेग्नेंट महिलाएं गर्भवती महिलाओं को हल्दी वाले दूध का सेवन करने से बचना चाहिए। दरअसल, हल्दी की तासीर गर्म होती है, जिससे पेट में गर्मी बढ़ सकती है। ऐसे में, हल्दी वाला दूध पीने से गर्भाशय में संकुचन, गर्भाशय में ऐंठन हो सकती है या ब्लीडिंग शुरू हो सकती है। किडनी की समस्या से ग्रसित लोग अगर आप किडनी से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो आपको हल्दी वाले दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। दरअसल, हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जिसमें ऑक्सलेट काफी मात्रा में मौजूद होता है। यह ऑक्सलेट किडनी स्टोन की समस्या को बढ़ा सकता है। इससे किडनी से जुड़ी कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। एलर्जी की परेशानी से जूझ रहे लोगों को हल्दी वाले दूध का सेवन करने से बचना चाहिए। अगर आपको गर्म चीजों या मसालों से एलर्जी है, तो हल्दी वाला दूध आपकी एलर्जी को और बढ़ा सकता है। इससे आपको स्किन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने पर कई तरह के संकेत दिखाई देते हैं। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल का लेवल आपको कई तरह की प्रॉब्लम में डाल सकता है। इस लेख में जानिए क्यों इसे एक साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है। हृदय रोग के बहुत सारे संकेत होते हैं, जिसमें हाई कोलेस्ट्रॉल (high cholesterol) प्रमुख जोखिम कारक में से एक है। कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना हृदय रोग के साथ-साथ स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाने का काम करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी के डब्लूएचओ का कहना है कि हर तीसरे ह्रदय रोगी को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है। हृदय रोगियों की बढ़ती समस्या ने हाई कोलेस्ट्रॉल को एक चिंता का विषय बना दिया है। हालांकि शरीर में ऐसे कई संकेत दिखाई देते हैं, जो हाई कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने (Type of pain in High cholesterol) पर आपको परेशान करते हैं, इसलिए ही इसे एक साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है।

Roasted chana benefits : चना, जिन्हें आप छोले के नाम से भी जानते हैं, एक लोकप्रिय दाल है। इन्हें आप कई तरह से खा सकते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि भुने हुए चने सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं? जी हां, भुने हुए चने प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स का भरपूर खजाना होते हैं। तो आइए जानते हैं भुने हुए चने खाने के 5 शानदार फायदे: Roasted chana benefits : प्रोटीन का पावरहाउस: भुने हुए चने (Roasted Chana) प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत होते हैं। प्रोटीन हमारे शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने, शरीर की कोशिकाओं को ठीक करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। मांसाहारी भोजन न करने वालों के लिए तो भुना हुआ चना (Roasted Chana) प्रोटीन का एक बेहतरीन विकल्प पाचन क्रिया को दुरुस्त रखें: भुने हुए चने (Roasted Chana) फाइबर से भरपूर होते हैं. फाइबर हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करता है. यह खाना अच्छे से पचाने में मदद करता है और पेट की गैस, कब्ज जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाता है. साथ ही फाइबर आपको जल्दी भूख लगने से रोकता है, जिससे वजन को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है.

दरअसल, हम बात कर रहे हैं गुड़हल के पौधे की. इसकी पत्तियां व फूल हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद ही फायदेमंद हैं. क्योंकि इसमें बहुत सारे औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जो कई बीमारियों के लिए फायदेमंद है.आयुर्वेद में पेड़ पौधों का बड़ा महत्व होत है. पेड़ पौधों से ही दवा तैयार की जाती है. जिसका बीमारियों में उपयोग किया जाता है. आज हम आपको ऐसी ही एक औषधि के बारे में बताने वाले हैं. जिसके इस्तेमाल से आप शरीर में होने वाले कई रोगों से छुटकारा पा सकते हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बहुत अधिक गुजिया खाने से पहले इसके नुकसान को जान लें । भारतीय घरों में गुजिया बनाने की परंपरा है और होली के दिन लोग बहुत खुशी से गुजिया खाते हैं क्योंकि कई लोग बड़ी मात्रा में गुजिया खाते हैं । आइए हम आपको अधिक गुजिया खाने से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान के बारे में बताते हैं ,विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।