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श्री बसन्त चौबे जी ने कोरोना काल से अब तक आंगनबाड़ी केंद्रो की सुविधाओं के साथ टीकाकरण तथा पेंशनर्स को पेंशन दिलवाने सम्बन्धी कार्यो में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
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साथियों, क्या आपने इस कोरोना काल के दौरान आपने शिक्षकों को तलाशने की कोशिश की? क्या आपने उनसे उनका हाल जाना? क्या आपके आसपास ऐसे लोग हैं जो पहले शिक्षक थे लेकिन कोविड काल में नौकरी जाने के बाद अब कोई दूसरा काम कर रहे हैं? क्या आपको नहीं लगता कि सरकार को शिक्षकों की आर्थिक स्थिति सुधारने पर ध्यान देने की जरूरत है? स्कूल बंद होने और शिक्षकों के ना रहने से आपके बच्चों की पढ़ाई पर कितना असर पड़ा है? अगर आप शिक्षक हैं, तो हमें बताएं कि कोविड काल के दौरान आपको किस तरह की परेशानियां आईं और क्या अब आपके हालात पहले जैसे हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.
दोस्तों, लॉकडाउन के अकेलेपन को हम सबने झेला है पर खतरा अभी टला नहीं है और हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर आने का अंदेशा जता चुके हैं. ऐसे में क्या इस तरह की लापरवाही ठीक है? हमें बताएं कि आखिर क्यों सार्वजनिक स्थलों पर इतनी ज्यादा आवाजाही हो रही है? क्या स्थानीय प्रबंधन इसे रोकने के लिए कोई प्रयास कर रहा है? क्या केवल चालान काटने और जुर्माना लगा देने भर से कोरोना के प्रति बरती जा रही लापरवाही को रोका जा सकता है या फिर इसके लिए आम लोगों का जागरूक होना ज्यादा जरूरी है? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.
नमस्कार दोस्तों, पहले कोरोना आया और फिर साथ में लेकर आया लॉकडाउन, जिसने देश में हर गतिविधि को रोक दिया. जिनके घर राशन से भरे थे वे इस वक्त को गुजारते चले गए और जो हर दिन की कमाई पर निर्भर थे वे सरकारी राशन, आम लोगों की दया के भरोसे वक्त गुजारते रहे. अब अनलॉक हो चुका है, प्रवासी मजदूरों को यकीन था कि वे फिर से शहर लौटेंगे और सब ठीक हो जाएगा... पर क्या वाकई ऐसा हुआ है?दोस्तों, हम आपसे जानना चाहते हैं कि क्या आप भी इस संकट का सामना कर रहे हैं? क्या आपको भी रोजगार की तलाश करने में परेशानी हो रही है? कंपनी मालिक क्या कह कर काम देने से इंकार कर रहे हैं? क्या कारखानों में काम देने के पहले वैक्सीन लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है? अगर आप अब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं ले पाएं हैं तो इसका क्या कारण है? क्या वापिस गांव लौटने पर आपको काम मिलने की उम्मीद है? अगर आपको पहले की तरह रोजगार नहीं मिल रहा है, तो परिवार का भरण पोषण कैसे कर रहे हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.
मध्य प्रदेश राज्य के छिंदवाड़ा जिले से योगेश कविता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि जिले में अनलॉक -2 में प्रशासन द्वारा पिछले दिनों लागू किए गए प्रतिबंधात्मक आदेश फिलहाल जैसे कि वैसे लागू रहेंगे वहीं गुरुवार को जिला कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन निर्णय आदेश जारी करते हुए 15 जुलाई तक पिछले दिनों लगाए गए प्रतिबंधत्माक को दे सके। वैसे रखा नियमों को रखा है। इसके तहत अब रात 8 बजे तक बाजार खुल सकेंगे। प्रशासन द्वारा दुकानों को खोले जाने की समय सीमा में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। जिला कलक्टर से जिले में धारा 144 शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले की समस्याओं को लेकर आदेश जारी किए गए हैं ,कि राजस्व सेवा के अधिकारी को सख्ती बरतें एवं मुख्य बाजारों का संचालन रात 8 बजे के बाद न हो सके ।ऐसी व्यवस्था बनाई जाए और निरंतर निरीक्षण करें और प्रतिबंधित गतिविधियों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध दंड संहिता की धारा 188 के तहत वैधानिक कार्रवाई की जाए।
मध्य प्रदेश राज्य के छिंदवाड़ा जिले श्री योगेश गौतम मोबाइल गाने के माध्यम से बता रहे हैं कि जिले में कोरोना कर्फ्यू में प्रशासन ने एक और छूट दी है गृह विभाग से जारी आदेश के अनुसार जिला कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन ने अभी आदेश जारी करते हुए नाइट कर क्यों को रात 10 बजे से बजाएं 11 बजे लागू करने का निर्णय लिया गया है। सुबह 6 बजे तक नेट पर पुजारी सीमांत में लागू रहेगा ।तकरीबन दो महत्वपूर्ण कर्फ्यू लागू होने के बाद पसंद धीरे-धीरे आए थे प्रदान कर रही है। अनलाॅक 2 में मुख्य बाजार को खोलने के बाद अब नए कर्फ्यू में भी राहत प्रदान की जा रही है।
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