बिहार राज्य के जमुई जिले अंतर्गत गिद्धौर प्रखंड से भीम राज जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है,कि आधार की सुरक्षा को लेकर इन दिनों काफी चर्चा छिड़ी हुई है। सरकार ने हाल में इसकी सुरक्षा के लिए नए मानक भी तय किए हैं। हालांकि जिस तरह तकरीबन हर सेवा के लिए इसे अनिवार्य बना दिया गया है, उससे चिंता ज्यादा बढ़ी है। आशंका यही है कि लोगों की निजी सुचनाएं, जो आधार में दर्ज हैं, कहीं सार्वजनिक न हो जाएं। अब आधार पहचान या पते का प्रमाण नहीं रहा, बल्कि एक यूनिक डॉक्यूमेंट बन गया है। इसमें बायोमेट्रिक जानकारी दर्ज होती है। किसी भी शख्स की बायोमेट्रिक सूचना यूनिक होती है, जिस कारण आधार डाटाबेस की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। सरकार सुरक्षा को लेकर कई प्रयास कर रही है, पर हमें अपनी तरफ से भी सतर्क रहना चाहिए। ऐसी जगहों पर आधार की जानकारियां नहीं देनी चाहिए, जो सुरक्षित न हों। यूआईएडीआई की वेबसाइट पर ऐसे फीचर उपलब्ध हैं, जिनके जरिए हम अपना डाटा लॉक कर सकते हैं, कोई भी उसका दुरुपयोग नहीं कर सकता है साथ ही हमें इसका भी लाभ उठाना चाहिए।

बिहार राज्य के जमुई जिले अंतर्गत गिद्धौर प्रखंड से दुखन राम जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है, कि प्रखंड मुख्यालय गिद्धौर में मानव श्रृंखला की सफलता को लेकर सेक्टर पदाधिकारी, जोनल पदाधिकारी एवं प्रखंड के सभी पदाधिकारियों व कर्मियों के साथ समीक्षा बैठक बी.डी.ओ की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्रति दौ सो मीटर पर सेक्टर समन्वयकों, प्रति किलोमीटर पर सेक्टर पदाधिकारी एवं जोनल पदाधिकारियों को कार्य एवं दायित्व की जानकारी दी गई। समीक्षा के दौरान बी.डी.ओ द्वारा विद्यालय के प्रधानाध्यापकों व प्रभारी प्रधानाध्यापकों को निर्धारित स्थल पर समय छात्र-छात्राओं की उपस्थिति अभिभावकों की सहमति से सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। बैठक में जीविका तथा साक्षरता कर्मियों द्वारा निर्धारित स्थल पर लोगों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने की बात कही गई है। इस बैठक में अंचल अधिकारी अखिलेश कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी विशुनदेव प्रसाद आदि बैठक में मौजूद थे।

बिहार राज्य के जमुई जिले अंतर्गत गिद्धौर प्रखंड से दुखन राम जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है, कि सरस्वती पूजा को लेकर शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर स्थानीय गिद्धौर थाना परिसर में शांति समिति की बैठक का आयोजन किया गया। सरस्वती पूजा को लेकर शांति समिति की बैठक सी.ओ अखिलेश प्रसाद सिन्हा की अद्यक्षता में हुई। इस दौरान सी.ओ ने बताया कि पूजा के दौरान जितनी भी प्रतिमाओं का निर्माण किया जाना है, उन्हें लाइसेंस लेना अनिवार्य है। इसके अलावे सभी पूजा पंडाल को भी लाइसेंस लेना होगा, साथ ही पूजा के दौरान किसी भी हाल में डीजे नहीं बजाया जाएगा।अगर कही भी डीजे बजाने की खबर मिली तो कड़ी करवायी की जाएगी। सरस्वती पूजा में पुलिस भी जगह-जगह तैनात रहेगी, जिससे किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके। इस बैठक में मुखिया, सरपंच आदि लोग उपस्थित थे।

बिहार राज्य के जमुई जिले अंतर्गत गिद्धौर प्रखंड से संजीवन कुमार सिंह जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है, कि पटना हाइकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ बनने वाली मानव श्रृंखला में अभिभावकों की अनुमति के बिना बच्चे भाग नहीं लेंगे और इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि इस मामले में राज्य सरकार कार्रवाई नहीं कर सकेगी । पटना हाइकोर्ट के सी.जे. राजेंद्र मेनन ने आज एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया कि मानव श्रृंखला में भाग नहीं लेने वाले बच्चों पर राज्य सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेगी। इस मामले में 4 सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता का कहना है, कि 11 जनवरी को शिक्षा विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी ने दहेज उन्मूलन एवं बाल विवाह के विरोध में बननेवाले मानव श्रृंखला में पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को छोड़कर शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं को इस आयोजन में शामिल होने के निर्देश दिए। 21 जनवरी के इस आयोजन में बच्चों को लाने एवं उन्हें घर पहुंचाने की जिम्मेदारी शिक्षकों की होगी। इस कार्य के लिए शिक्षकों को वजीफा दिया जाएगा। इस कड़ाके की सर्दीे में बच्चों को घर से निकलने के लिए कैसे बाध्य किया जा सकता है। छात्र-छात्राओं को को नये सत्र के लिए किताबें नहीं दी गई है। इन्हें गर्म कपड़े भी नहीं दिये गये हैं। शिक्षकों से पठन पाठन के अलावा अन्य कार्य लिया जाना भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है।

बिहार राज्य के जमुई जिले अंतर्गत गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है, कि आगामी 21 जनवरी को मानव श्रृंखला को दहेज प्रथा और बाल विवाह उन्मूलन को लेकर एक रैली का आयोजन किया गया। इस रैली को जिला शिक्षा पदाधिकारी विद्यानंद सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जिले भर में कुल 341 किमी मानव श्रृंखला बनाई जाएगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्कूल के बच्चों और शिक्षकों को मानव श्रृंखला से संबंधित जानकारियाँ भी दी। 21 जनवरी को जमुई 41 कि.मी, सिकन्दरा में 20 कि.मी, अलीगंज में 17 कि.मी, खैरा में 23 कि.मी, सोनो व झाझा में में 11-11 कि.मी, गिद्धौर में 12 कि.मी, बरहट में 23 कि.मी, लक्ष्मीपुर में 16 कि.मी तथा चकाई में 14 कि.मी लंबी मानव श्रृंखला बनाने का निर्णय लिया गया। साथ ही प्रत्येक पंचायत में एक-एक किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाएं जाने का निर्देश दिया गया।

बिहार राज्य के जमुई जिले अंतर्गत गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है, कि बिहार सरकार अब बच्चो को साइकिल,पोशाक व छात्रवृत्ति की राशि का वितरण 30 जनवरी को करेंगे। पहले इसकी अंतिम तिथि 15 जनवरी थी, लेकिन धीमी रफ्तार को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी डीपीओ को 15 दिनों की मोहलत दी है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम रामचंद्रुडू और माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन ने डीपीओ से कहा कि 30 जनवरी तक हर हाल में बच्चों के खाते में राशि भेज दिया जाये। डीपीओ को यह भी निर्देश दिया है कि पिछड़ा, अति पिछड़ा,अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं की संख्या विभाग को जल्द उपलब्ध करा दें।

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से संजीवन कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि नए साल में सरकार ने उन गरीबों को बड़ी राहत दी है जिनका आधार कार्ड अबतक नहीं बना है और उसकी वजह से नया राशन कार्ड नहीं बन पा रहा है। खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गरीबों को राशन उपलब्ध कराना अनिवार्य है।इसे ध्यान में रखते हुए खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने बिना आधार नंबर के भी नया राशन कार्ड उपलब्ध कराने का आदेश अफसरों को दिया है। विभाग ने निर्देश दिया कि नए राशन कार्ड का आवेदन अनिवार्य रूप से लिया जाए। जिनका आधार कार्ड नहीं है, उनका भौतिक निरीक्षण कराकर राशन कार्ड उपलब्ध कराया जाए।विभागीय आदेश के मुताबिक पांच साल तक के बच्चे का भी नाम नए राशन कार्ड में शामिल किया जाएगा। इसके लिए विद्यालय स्तर पर नाम जोडऩे का अभियान चलाया जाए। राशन कार्ड न रहने पर भी किसी भी हाल में गरीब परिवारं को अनाज की आपूर्ति नहीं रोकी जाएगी। केंद्र सरकार के निर्देश पर विभाग ने जन वितरण प्रणाली की राशन दुकानों में पॉश मशीनें लगाने की कवायद तेज कर दी है। विभाग ने जून से पहले प्रदेश की सभी 55 हजार नई-पुरानी राशन दुकानों में पॉश (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें लगाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए नए बजट में राशि का प्रावधान किया जा रहा है।

जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड से संजीवन कुमार सिंह जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि मकर संक्रांति के आगमन की आहट के साथ ही प्रखंड क्षेत्र में गुड़ और तिल की सुगंध फैलने लगी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है, और मकर राशि में सूर्य का प्रवेश अत्यंत फलदायक होता है। इसलिए भी मकर संक्राति का विशेष महत्व है। इस दिन तिल, गुड़ एवं दही खाने का भी विशेष महत्व है। इसको लेकर सभी घरों में जमकर तिल व अन्य पारंपरिक लाय बनाए जाते हैं। इसकी तैयारी भी अभी से शुरू है। पारंपरिक ओखली-समाठ की आवाज से ही क्षेत्र में मकर सक्रांति के आने की धमक सुनाई देने लगी है। पिछले कुछ वर्षों में अंग्रेजी नववर्ष के जश्न ने मकर संक्रांति की महत्ता में भी सेंधमारी की है। तिल-गुड़ के लाय से ज्यादा स्वाद अब कहीं ना कहीं अंग्रेजी केक में लोगों को मिलने लगा है। खासकर शहरी परिक्षेत्र में यह चलन बढ़ी है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में पौराणिक संस्कृति पूरी तरह अक्षुण्ण है।

जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड से, भीम राज जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है, कि किसानों को क्षतिपूर्ति अनुदान नहीं देने को सरकार ने गंभीरता से लिया है। कृषि उत्पादन आयुक्त सुनील कुमार सिंह ने सभी जिलों को आदेश दिया है कि एक सप्ताह में पैसा किसानों के खाते में पहुंच जाना चाहिए। जिन जिलों में ऐसा नहीं हुआ, वहां अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। राज्य सरकार ने फसल क्ष्रति अनुदान के रूप में 950 करोड़ की स्वीकृति दी थी। आपदा प्रबंधन विभाग से पैसा मिलने के बाद कृषि विभाग ने इसे जिलों में आवंटित कर दिया, लेकिन आठ माह से यह पैसा सरकारी खजाने में ही पड़ा है। राज्य के 21 जिलों में किसानों के बीच बांटने के लिए यह पैसा दिया गया था। अब कृषि विभाग ने जिलों को यह नसीहत दी है हार हाल में एक सप्ताह में पैसा किसानों को मिल जाना चाहिए।

जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड से, भीम राज जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है, कि जमुई में 31 मार्च 2018 तक प्रखंड के सभी इंदिरा आवास लाभुक हर हाल में अपना आवास पूर्ण कर लें। अपूर्ण रहने की स्थिति में लाभुकों को राशि से वंचित रहना पड़ सकता है। यह जानकारी देते हुए बीडीओ राजीव रंजन ने बताया कि सभी इंदिरा आवास के लाभुक 31 मार्च 2018 तक अपना आवास पूरा कर लें तभी उन्हें राशि का भुगतान हो पाएगा। निर्धारित समयावधि में जिन लाभुकों ने अपना आवास पूरा नहीं किया तो उन्हें राशि का भुगतान नहीं हो पाएगा। सरकार ने 31 मार्च के बाद इंदिरा आवास का खाता बंद करने का फैसला किया है। 31 मार्च के बाद सिर्फ प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों के खाते में ही आवास निर्माण के लिए राशि निर्गत की जाएगी।