झारखण्ड राज्य के रांची जिला के बुढ़मू लोकसभा चुनाव को लेकर बुढ़मू थाना मोड़ में वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया। वाहन चेकिंग अभियान के दौरान पदाधिकारीयों के साथ बुढ़मू पुलिस ने वाहनों में ले जा रहे सामनों की जांच की। वही वाहन का डिक्की सहित में जा रहे लोगों का बैग की जांच की गई।वाहन चेकिंग अभियान में बुढ़मू अंचलाधिकारी सच्चिदानंद वर्मा एवं बुढ़मू प्रखंड विकास पदाधिकारी व बुढमू पुलिस बल के जवान शामिल थे। जानकारी के अनुसार वाहन चेकिंग अभियान आगे भी चलाया जाएगा।

आदिवासी छात्र एकता नामक संगठन ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर चुनाव को पर्व की संज्ञा दिए जाने पर आपत्ति जताई है। संस्था के संयोजक इंद्र हेंब्रम, और केंद्रीय सदस्य राज बांकिरा ने भेजे गए ज्ञापन में कहा यह ठीक है, कि भारत देश पर्व- त्योहारों का देश है ।और विविधता में एकता के रूप में इसकी पहचान है। परंतु लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार में निर्वाचन आयोग का चुनाव को पर्व कहना उचित नहीं इसकी जगह किसी दूसरे उचित शब्द का इस्तेमाल किया जाए जो सभी को मान्य हो।

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

झारखंड से... भाजपा ने तीन सीटों पर उतरा प्रत्याशी दुमका से सीता सोरेन लड़ेगी भाजपा के टिकट पर चुनाव

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बुढ़मू : होली पर्व एवं लोकसभा चुनाव को लेकर ठाकुरगांव थाना परिसर में शांति समिति की बैठक किया गया। बैठक की अध्यक्षता बुढ़मू अंचलाधिकारी सच्चिदानंद वर्मा ने किया। जबकि संचालन कमल मोदी ने किया। बैठक में होली पर्व शांति सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाने का निर्णय लिया गया। होली पर्व में कहीं पर किसी की भावना को मोबाइल में ठेस पहुंचाने वाला मैसेज आदि को पोस्ट नहीं करने की बात कही गई।, और मिलजुल कर होली पर्व मनाने की बात कही गई। वहीं लोकसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा की गई, और शांति पूर्ण वातावरण में लोकतंत्र के पर्व में मतदान करने की अपील की गई। बैठक में कई जानकारी और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। थाना परिसर में होली मिलन समारोह भी मनाया गया। मौके पर उपस्थित पदाधिकारीयो, और जनप्रतिनिधियों ने एक दूसरे को रंग अबीर गुलाल लगाकर होली पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मौके पर ठाकुरगांव थाना प्रभारी विनीत कुमार, बुढ़मू बीडीओ, हेसलपीड़ी के मुखिया कुसेंद्र पाहन, दिनेश महतो, रंथेश्वर गिरी, ठाकुरगांव और खखरा के मुखिया सहित शांति समिति के सदस्य लोग उपस्थित थे।

बुढ़मू : बुढ़मू थाना परिसर में होली पर्व एवं लोकसभा चुनाव को लेकर शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता बुढ़मू अंचलाधिकारी सच्चिदानंद वर्मा ने किया। बैठक में होली पर्व शांति सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाने का निर्णय लिया गया। और होली पर्व के दौरान कहीं पर कोई भी किसी की भावना को ठेस पहुंचाने वाला मैसेज आदि पोस्ट नहीं करने की बात कही गई।, और मिलजुल कर होली पर्व मनाने की बात कही गई। वहीं लोकसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा की गई, और शांति पूर्ण वातावरण में लोकतंत्र के पर्व में मतदान करने की बात कही गई। साथ ही बैठक में कई जानकारी और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। थाना परिसर में होली मिलन समारोह भी मनाया गया। मौके पर उपस्थित पदाधिकारीयो, और जनप्रतिनिधियों ने एक दूसरे को रंग अबीर गुलाल लगाकर होली पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मौके पर खलारी डीएसपी रामनारायण चौधरी, बुढ़मू थाना प्रभारी रामजी कुमार, बुढ़मू बीडीओ, प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य रामजीत गंझू, मांडर इंस्पेक्टर, राजद के सज्जाद अंसारी, वरिष्ट कांग्रेसी याकूब अंसारी, बुढ़मू के पूर्व मुखिया गोवर्धन लोहरा, ईदू खान, दिनेश यादव एवं शांति समिति के सदस्य सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

दहेज में परिवार की बचत और आय का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता है. वर्ष 2007 में ग्रामीण भारत में कुल दहेज वार्षिक घरेलू आय का 14 फीसदी था। दहेज की समस्या को प्रथा न समझकर, समस्या के रूप में देखा जाना जरूरी है ताकि इसे खत्म किया जा सके। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आपके क्या विचार है ? *----- आने वाली लोकसभा चुनाव में दहेज प्रथा क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

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देश में इस समय माहौल चुनावी है और राजनीति हावी है। यह चुनाव अहम है क्योंकि पिछले कुछ साल भारतीय राजनीति के लिए अप्रत्याशित रहे हैं। इस दौरान ऐसा बहुत कुछ हुआ जो पहले लोकतंत्र के लिए अनैतिक कहा जाता था।