रामकृष्ण विवेकानंद सेवा आश्रम के द्वारा बुढ़मू प्रखंड के चैन गड़ा पंचायत के सालहन गांव में स्कूल के लगभग 80 छात्रों के बीच पठन पाठन की सामग्री जैसे कापी,पेनशिल,रबर,कटर,पेन इत्यादि का वितरन किया गया। और बच्चों एवं अभिभावकों के बीच शिक्षा के महत्व पर जानकारी दी गयी। साथ ही रामकृष्ण विवेकानंद सेवा आश्रम के लोगों ने अभिभावकों को और बच्चों को नशापान से दूर रहने और समाजिक समस्याओं को आपसी सहयोग से दूर करने को लेकर जानकारी दी।

जी हाँ साथियों, शिक्षा का मानव जीवन में एक अलग महत्व है. शिक्षा ही एक मात्र ऐसा हथियार है जो न सिर्फ एक व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है बल्कि समाज को एक सही रास्ता भी दिखाता है। शिक्षा से समाज में फैले अंधकार को मिटाया जा सकता है। शिक्षा हर वर्ग के लोगों के लिए जरूरी है. हरेक वर्ग को शिक्षा के महत्व को समझाने के उद्देश्य से विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है।दुनिया भर में साक्षरता दर को बढ़ावा देने के उदेश्य से और सभी को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए यूनेस्को ने 7 नवंबर 1965 में इस दिन को मनाने का पहल किया। इसके बाद 8 सितंबर 1966 को पहली बार विश्व साक्षरता दिवस मनाया गया और तब से लेकर हर वर्ष 8 सितंबर को साक्षरता दिवस मनाया जाता है. तो साथियों, आइये हम सब मिलकर शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रण लें और इस पहल में अपना योगदान दें। आप सभी श्रोताओं को समस्त मोबाइल वाणी परिवार की ओर से विश्व साक्षरता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

सरकार द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने और गांवों में पीएम आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत से ज्यादा मकान महिलाओं को देने से देश में महिलाओं की गरिमा बढ़ी तो है। हालांकि, इन सबके बावजूद कुछ ऐसे कारण हैं जो महिलाओं को जॉब मार्केट में आने से रोक रहे हैं। भारत में महिलाओं के लिए काम करना मुश्किल समझा जाता है. महिलाएं अगर जॉब मार्केट में नहीं हैं, तो उसकी कई सारी वजहें हैं, जिनमें वर्कप्लेस पर काम के लिए अच्छा माहौल न मिल पाना भी शामिल है . दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- नौकरी की तलाश में महिलाओं को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। *----- आपके अनुसार महिलाओं के नौकरी से दूर होने के प्रमुख कारण क्या हैं? *----- महिलाओं को नौकरी में बने रहने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

भारत में महिला श्रम शक्ति भागीदारी में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, हालांकि वैश्विक औसत की तुलना में यह कम आधार पर है। ।स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत में महिला कार्यबल की संरचना विकसित हो रही है, जिसमें उच्च शिक्षा प्राप्त युवा महिलाओं की संख्या बढ़ रही है जो श्रम बाजार में शामिल हो रही हैं। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी कामकाजी आयु वाली आबादी होने का अनुमान है, जो 2030 तक लगभग 70% तक पहुंच जाएगी, लेकिन कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी का वर्तमान निम्न स्तर लगातार असहनीय होता जा रहा है।तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- महिलाएं किन प्रकार के कार्यों में अधिकतर अपना ज्यादा समय लगाती है ? *----- महिलाओं को उच्च पदों पर पहुंचने में क्या क्या चुनौतियां आती हैं? *----- आपके अनुसार महिलाओं को कार्यस्थल पर किन प्रकार के भेदभाव का सामना करना पड़ता है? और महिलाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत हैं? *----- क्या आपको भी लगता है कि समाज को इस दिशा में सोच बदलने की ज़रूरत है .?

Transcript Unavailable.

दोस्तों, समाज में लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए सामाजिक असमानता को दूर करना सबसे ज़रूरी है। शिक्षा, जागरूकता, और कानूनों का कड़ाई से पालन करके हम एक ऐसा समाज बना सकते हैं जहाँ पुरुषों और महिलाओं को समान अधिकार और अवसर प्राप्त हों। तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि _____ हमारे समाज में लैंगिक असमानता क्यों मौजूद हैं? _____आपके अनुसार से लैंगिक समानता को मिटाने के लिए सरकार के साथ साथ हमें किस तरह के प्रेस को करने की ज़रूरत है ?

दोस्तों, हमारे यह 2 तरह के देश बसते है। एक शहर , जिसे हम इंडिया कहते है और दूसरा ग्रामीण जो भारत है और इसी भारत में देश की लगभग आधी से ज्यादा आबादी रहती है। और उस आबादी में आज भी हम महिला को नाम से नहीं जानते। कोई महिला पिंटू की माँ है , कोई मनोज की पत्नी, कोई फलाने घर की बड़ी या छोटी बहु है , कोई संजय की बहन, तो कोई फलाने गाँव वाली, जहाँ उन्हें उनके मायके के गाँव के नाम से जाना जाता है। हम महिलाओ को आज भी ऐसे ही पुकारते है और अपने आप को समाज में मॉडर्न दिखने की रीती का निर्वाह कर लेते है। समाज में महिलाओं की पहचान का महत्व और उनकी स्थिति को समझने की आवश्यकता के बावजूद, यह बहुत दुःख कि बात है आधुनिक समय में भी महिलाओं की पहचान गुम हो रही है। तो दोस्तों, आप हमें बताइए कि *-----आप इस मसले को लेकर क्या सोचते है ? *-----आपके अनुसार से औरतों को आगे लाने के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है *-----साथ ही, आप औरतों को किस नाम से जानते है ?

झारखण्ड राज्य के जिला रांची से राजेश यादव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि बुढ़मू प्रखंड क्षेत्र के कूड़ालू गांव में यादव समाज के बुढ़मू प्रखंड के पंचायत अध्यक्षों का बैठक आयोजित किया गया। बैठक में यादव समाज से संबंधित कई विषयों पर चर्चा की गई। और यादव समाज में शिक्षा के प्रति ध्यान देने, समाज में मिलजुल कर रहने, गरीब असहाय को मदद करने की बात कही गई। साथ ही विगत दिनों यादव के ओझाड़म गांव के गणेश यादव का निधन हो जाने को लेकर एक शोक सभा आयोजित कर उनके मृत आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। बैठक में मुख्य रूप से यादव समाज के रांची जिला अध्यक्ष तापेश्वर गोप एवं जिला मीडिया प्रभारी राजेश यादव उपस्थित हुए। मौके पर यादव समाज के प्रखंड अध्यक्ष बालेश्वर यादव, योगेंद्र यादव, अजय यादव, सोहन यादव, उमेश यादव, सुन्दर यादव, मुकेश यादव समेत कई लोग उपस्थित थे।

झारखण्ड राज्य के रांची से जयवीर यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं की सरकार ने आदेश दिया गर्मी बहुत बढ़ गयी ऐसे में अपने बच्चों को घर पर सही से पढ़ाएं अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुनें

झारखण्ड राज्य के रांची जिला से जयवीर यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मैट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी किया गया है,जिसमें लड़कियां ज्यादा नंबर लाई हैं।लड़कियों की सुविधा बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से मजबूत प्रयास किया जाना चाहिए।