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भारत में आई फ्लू की संख्या में लगातार वृद्धि होते हुए देखा जा रहा है इससे आम जनमानस को सतर्क रहने के जरूरत है। कंजक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. आई फ्लू सिर्फ किसी संक्रमित व्यक्ति की आंख में देखने से नहीं बल्कि कई अन्य तरीकों से भी फैल सकता है. वो तरीके कौन से हैं, इस बारे में जान लीजिए। भारत में कंजक्टिवाइटिस तेजी से फैल रहा है. स्वास्थ्य विभागों द्वारा इससे बचने की एडवाइजरी भी जारी की गई है. 'कंजक्टिवाइटिस, कंजंक्टिवा (आंख का सफेद हिस्सा) की सूजन है. इसे आम भाषा में आई फ्लू के नाम से भी जाना जाता है. यह आंख के सफेद हिस्से और पलकों के अंदर को ढकने वाली एक पतली और पारदर्शी परत को प्रभावित करता है. आई फ्लू को काफी संक्रामक माना जाता है और यह तेजी से फैलता है. खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों और बच्चों में। वायरल कंजक्टिवाइटिस वायरल कंजक्टिवाइटिस सबसे आम प्रकार है और एक वायरस के कारण होता है. यह वायरस संक्रामक होता है और किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने या वायरस से दूषित सतहों को छूने से फैल सकता है. इसके लक्षणों में आंखों का लाल होना, पानी निकलना, खुजली शामिल हैं. वायरल कंजक्टिवाइटिस के लिए कोई विशेष इलाज नहीं है और यह आमतौर पर 1 से 3 हफ्ते के भीतर अपने आप ठीक हो जाता है. हालांकि डॉक्टर्स इसके लिए आई ड्रॉप्स सजेस्ट कर सकते हैं।

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गांव आजीविका और हम के इस कड़ी में हम हमारे विशेषज्ञ कमल धुर्वे द्वारा जानेंगे लम्पी वायरस से अपने पशु का बचाव कैसे करे। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

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