आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे पैसों के सही निवेश के बारे में

नमस्कार आदाब साथियों ,मोबाइल वाणी ले कर आया है रोज़गार समाचार। यह नौकरी उनके लिए है जो रिवोल्ट रांची के साथ जुड़कर सेल्स एग्जीक्यूटिव के पद पर कार्य करना चाहते है। नौकरी करने का कार्यस्थल हरमू हाउसिंग कॉलोनी ,रांची ,झारखण्ड होगा। न्यूनतम स्नातक पास फ्रेशर व अनुभवी व्यक्ति इस पद के लिए साक्षात्कार दे सकते है। चयनित व्यक्तियों को उनके कार्य दक्षता के अनुसार प्रतिमाह 7,500 से 12,000 रूपए वेतन दिया जाएगा।इच्छुक व्यक्ति इस पद से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए कंपनी के इस नंबर पर संपर्क कर सकते है। नंबर है : 9534031903. तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी, तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक का बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं।

झारखण्ड राज्य के जिला रांची से राजेश यादव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि मंगलवार को महागठबंधन के प्रत्याशी यशस्विनी सहाय ने बुढ़मू प्रखंड क्षेत्र में जनसंपर्क किया। इस दौरान ठाकुरगांव और बुढ़मू में चुनावी कार्यालय का उद्घाटन किया। प्रखंड क्षेत्र के सिदरोल में आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से बैठक किया। इस दौरान बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि भाजपा की जुमलेबाजी से बचकर रहना है, ये जुमलेबाजी सरकार सत्ता में आयी तो आने वाले समय में देश को बेच देगी। इसी दौरान ठाकुरगांव, बुढ़मू, चकमे, उमेडंडा, सारले में जनसंपर्क करते हुए यशस्विनी सहाय ने मतदाताओं से आग्रह किया कि देश के सर्वांगीण विकास के लिए कांग्रेस पार्टी के पक्ष में मतदान करें। मौके पर कांग्रेस पार्टी के नेता सुरेश बैठा, बलराम साहू, जाकिर हुसैन, सदन साहू, बालेश्वर यादव, गोपाल तिवारी,रंथेश्वर गिरि , मनोज यादव एवं राष्ट्रीय जनता दल पार्टी के बुढ़मू प्रखंड अध्यक्ष अजय यादव, जिला उपाध्यक्ष सजाद अंसारी, झामुमो नेता शमीम बड़ेहार, अख्तर अंसारी सहित इंडिया गठबंधन पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा किसानों को कटहल की फसल में लगने वाला तना बेधक कीट नियंत्रण की जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

झारखण्ड राज्य के जिला रांची से राजेश यादव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि बुढ़मू प्रखंड क्षेत्र के कूड़ालू गांव में यादव समाज के बुढ़मू प्रखंड के पंचायत अध्यक्षों का बैठक आयोजित किया गया। बैठक में यादव समाज से संबंधित कई विषयों पर चर्चा की गई। और यादव समाज में शिक्षा के प्रति ध्यान देने, समाज में मिलजुल कर रहने, गरीब असहाय को मदद करने की बात कही गई। साथ ही विगत दिनों यादव के ओझाड़म गांव के गणेश यादव का निधन हो जाने को लेकर एक शोक सभा आयोजित कर उनके मृत आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। बैठक में मुख्य रूप से यादव समाज के रांची जिला अध्यक्ष तापेश्वर गोप एवं जिला मीडिया प्रभारी राजेश यादव उपस्थित हुए। मौके पर यादव समाज के प्रखंड अध्यक्ष बालेश्वर यादव, योगेंद्र यादव, अजय यादव, सोहन यादव, उमेश यादव, सुन्दर यादव, मुकेश यादव समेत कई लोग उपस्थित थे।

किसी भी समाज को बदलने का सबसे आसान तरीका है कि राजनीति को बदला जाए, मानव भारत जैसे देश में जहां आज भी महिलाओं को घर और परिवार संभालने की प्रमुख इकाई के तौर पर देखा जाता है, वहां यह सवाल कम से कम एक सदी आगे का है। हक और अधिकारों की लड़ाई समय, देश, काल और परिस्थितियों से इतर होती है? ऐसे में इस एक सवाल के सहारे इस पर वोट मांगना बड़ा और साहसिक लेकिन जरूरी सवाल है, क्योंकि देश की आबादी में आधा हिस्सा महिलाओं का है। इस मसले पर बहनबॉक्स की तान्याराणा ने कई महिलाओँ से बात की जिसमें से एक महिला ने तान्या को बताया कि कामकाजी माँओं के रूप में, उन्हें खाली जगह की भी ज़रूरत महसूस होती है पर अब उन्हें वह समय नहीं मिलता है. महिलाओं को उनके काम का हिस्सा देने और उन्हें उनकी पहचान देने के मसले पर आप क्या सोचते हैं? इस विषय पर राय रिकॉर्ड करें

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू गर्मी के दिनों में लत्तर वाली फसलों में लगने वाली रोग और नियंत्रण के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

उदास होने पर हंसा देती है माँ नींद नहीं आने पर सुला देती है माँ मकान को घर बना देती है माँ खुद भूखी रह कर भी बच्चों का पेट भर्ती है माँ जी हां दोस्तों, माँ होती ही ऐसी हैं और माँ का इसी त्याग, समर्पण और प्यार पर समर्पित है मदर्स डे यानि मातृत्व दिवस। आज के दौर में यह दिन हर माँ के सम्मान में मनाया जाता है। आइये जानते हैं मदर्स डे मनाने की परंपरा की शुरुआत कब और कैसे हुई। दरअसल मदर्स दे 20वीं सदी की शुरुआत में अन्ना जार्विस द्वारा स्थापित किया गया था, जो उनकी अपनी मां के मानवीय कार्यों के प्रति समर्पण से प्रेरित था।1914 में , राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने आधिकारिक तौर पर अमेरिका में मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में नामित किया, जिसे बाद में अन्य देशों ने अपनाया। साथियों,एक और खास बात यह है कि हर साल मातृ दिवस का एक अलग थीम होता है और इस बार का थीम है "सेलिब्रेटिंग मदरहुड: ए टाइमलेस बॉन्ड". मदर्स डे ना सिर्फ मां को समर्पित है बल्कि उनके त्याग, बच्चों के लिए समर्पण और खुद से ज्यादा बच्चों के लिए प्रेम की सराहना भी करता है.मां और बच्चे का रिश्ता हर रिश्तों से बड़ा होता है. साथियों, मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से आप सभी को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । धन्यवाद !!