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बंदर ने वृद्ध पर हमला किया जिससे वो घायल हो गए थे। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया। जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

विश्व वन्यजीव दिवस जिसे आप वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के नाम से भी जानते है हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य है की लोग ग्रह के जीवों और वनस्पतियों को होने वाले खतरों के बारे में जागरूक हो इतना ही नहीं धरती पर वन्य जीवों की उपस्थिति की सराहना करने और वैश्विक स्तर पर जंगली जीवों और वनस्पतियों के संरक्षण के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य या दिवस मनाया जाता है.विश्व वन्यजीव दिवस के उद्देश्य को पूरा करने के लिए है हर वर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है जिससे लोगो में इसके प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूकता को बढ़ावा मिले . हर वर्ष की तरह इस वर्ष 2024 का विश्व वन्यजीव दिवस का थीम है " लोगों और ग्रह को जोड़ना: वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज" है। "तो आइये इस दिवस पर हम सभी संकल्प ले और वन्यजीवों के सभी प्रजातियों और वनस्पतियों के संरक्षण में अपना योगदान दे।

खैरा थाना के एक गांव में जंगल से भटक कर काला हिरण पहुंच गया मौके पर पहुंची पुलिस खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक करें

गिद्धौर प्रखंड के पतसंडा पंचायत के वार्ड संख्या 13 बनझुलिया मुसहरी टोला में एक 4 वर्षीय बालक के सांप काटने से मौत हो गई । विस्तार पूर्वक खबरों को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। धन्यवाद

जलवायु की पुकार [छोटे कदम, बड़ा परिवर्तन ] कार्यक्रम के अंतर्गत हम जानेंगे  बिजली बचाना,कचरा का सही निपटान करना और पानी का कम उपयोग करना हमारे पर्यावरण के लिए क्यों जरुरी है ?

बिहार राज्य के जमुई जिला गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से भीम राज बताते हैं कि जमुई जिला के सोनो थाना क्षेत्र  का एक गांव गुरुवार को दिनभर चर्चा में रहा। चर्चा इस बात को लेकर की जिला में खबर ये फैली की गांव के एक घर के छत पर  एक बाघ देखा गया। गांव के ही एक ग्रामीण युवकों ने वीडियो बनाया और वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।गांव के लोग दहशत में हैं। मामला सोनो थाना क्षेत्र का अमेठीयाडीह गांव का है। जहां एक घर के छत पर ग्रामीणों ने एक बाघ को देखा गया।जिसका चर्चा सिर्फ इस बात की हो रही है आखिर छत पर अहले सुबह देखा गया बाघ गया तो कहां गया। गांव के एक बंद पड़े घर की छत पर लोगों ने एक बाघ को बैठे हुए देखा। मिथिलेश पंडित और नरेंद्र पंडित नाम के ग्रामीण ने बाघ को अपनी आंखों से देखा। राजन पंडित ने दूर से उसका वीडियो भी बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। गांव में बाघ होने की खबर जंगल में आग की तरह फैली गए और गांव में अफरा तफरी का माहौल बन गया।गांव के लोग डर  से घर से बाहर निकल रहे है।दिन रात ग्रामीणों ने लाठी डंडे लेकर पहरेदारी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने गांव में बाघ होने की सूचना वन विभाग अधिकारियों को दिया ।खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

बिहार राज्य के जमुई जिला गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से संजीवन कुमार बताते हैं कि जमुई के सोनहो प्रखंड के अंतर्गत के गांव में एक घर की छतपर बाघ टहलता दिखा जिसके बाग़ गांव में अफ़रा तफ़री मच गई। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजन कुमार अपने विचार साझा करते हुए बताया की सभी प्राणियों पर जलवायु परिवर्तन का असर पड़ रहा है। इसके साथ ही खेती भी प्रभावित हो रही है। इस बार वर्षा कम होने से किसान वर्ग बहुत ही परेशान नजर आ रहे हैं। क्योंकि किसानों की आजीविका का दो मुख्य साधन है खेती और पशुपालन। लेकिन वर्षा की कमी के कारण फसल कम हुई। इसके साथ ही पशुओं के लिए चारा की भी कमी हो गई।तापमान में कमी आते ही दुधारू पशु ने कम दुध देना शुरू कर दिया है। जलवायु परिवर्तन से लोग गंभीर बिमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। वनों की कटाई से जलवायु परिवर्तन ज्यादा प्रभावित हो रही है

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता डब्लु पंडित जानकारी दे रहे हैं की आज इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा जीव होगा जिस पर जलवायु परिवर्तन का कोई प्रभाव न पड़ा हो। जलवायु परिवर्तन ने हर किसी को चोट पहुँचाई है, जलवायु परिवर्तन के वजह से ही इन दिनों अपने देश से सफेद पीठ वाला गिद्ध, लाल–सिर वाला गिद्ध, जंगली उल्लू और सफेद पेट वाला बगुला विलुप्त से हो गए हैं।लेकिन अब किसान भी इसके चपेट में आ रहे हैं। जलवायु परिवर्त्तन के कारण इस वर्ष बिहार में धान की खेती नहीं हो पाई है। सरकार ने राज्य को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है।जिससे किसानों को 3500 रूपये अनुदान की राशि प्राप्त होगी। लेकिन खेती नहीं होने के कारण पशुओं को चारा भी नहीं मिल पा रहा है।किसान बहुत मुश्किल से मवेशियों को चारा दे पा रहे हैं। जो किसान चारे का प्रबंध नहीं कर पा रहे हैं, वो अपने मवेशियों को बेच दे रहे हैं