बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजन कुमार जानकारी दे रहे हैं की सरकार अपने स्तर पर हर प्रयास कर रही है की प्रदूषण में कमी आये। इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन से होने वाली समस्या भी कम हो। लेकिन इसके लिए ग्रामीणों को भी सजग होना पड़ेगा। सरकार योजना का लाभ तो दे रही है। लेकिन अगर लाभुक उस कार्य को पूरी निष्ठा और मेहनत से नहीं करेंगे तो उसका प्रभाव भी देखने को नहीं मिलेगा।सरकार पौधारोपण के लिए सहायता राशि तो दे रही है। लेकिन इसके रख-रखाव की पूरी जिम्मेदारी हमारी है।पराली जलाने से भी वायु प्रदूषण हो रहा है। जनसंख्या वृद्धि के कारण भी लोग अपनी जरूरत के लिए वनो की कटाई कर रहे हैं।इस कारण भी जलवायु प्रभावित हो रही है। जब तक हम सभी लोग जिम्मेदार नहीं बनेंगे तब तक इन सभी समस्याओं से हमें निजात नहीं मिलेगी

बिहार राज्य के जिला जमुई के प्रखंड गिद्धौर से रुदल पंडित ने बदलते मौसम के विषय पर पिंकी कुमारी से साक्षात्कार लिया । पिंकी कुमारी ने बताया वह खेती करती है। बदलते मौसम के कारण खेती करने में बहुत परेशानी हो रही है।उन्होंने अपने खेत पर मक्के और गेंहू की फसल लगायी है किन्तु कम पानी की वजह से फसल भी अच्छी नहीं हो रही है। जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए सभी को पेड़ पौधे लगाने चाहिए

गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत रतनपुर पंचायत के वानाडी गांव से अमित यादव जी बता रहे हैं कि इस वर्ष बारिश कम होने के कारण कोई भी तालाब एवं पोखर नहीं भरा। जिसके कारण जल स्तर नीचे चला गया है और बोरिंग पानी देना धीरे-धीरे कम कर रहा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के जिला से हमारे श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि गिद्धौर प्रखंड के किसान इन दिनों पटवन को लेकर काफी परेशान नजर आ रहे है क्योंकि बोरिंग का जलस्तर 25 से 30 फीट अंदर चला गया है। आगे कह रहे है कि एक खेत की सिचाई करने में कम से कम 2 घण्टे का समय लग रहा है। कह रहे है कि अभी अगर पानी का ये हाल है तो आने वाले दिनों में फसल लगाना काफी मुश्किल हो सकता हैं हो सकता हैं

बिहार राज्य के जिला जमुई से विवेक मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि आये दिन मौसम के अचानक बदलाव के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर काफी असर पड़ रहा हैं। आगे कह रहे है कि दिन में धुप और शाम में अधिक ठंढ के कारण लोगों की तबियत बिगड़ जा रही है। कह रहे है कि मौसम के बदलाव का सबसे बड़ा कारन है प्रदूषण का बढ़ना साथ ही पेड़ों की जैम कर कटाई होना इसके वजह से सही समय पर मौसम का बदलाव नहीं हो पाटा हैं

जमुई जिला अंतर्गत गिद्धौर प्रखंड के सभी आठों पंचायत में इन दिनों पानी की किल्लत देखी जा रही है जिसके कारण गेहूं का फसल मरता हुआ नजर आ रहा है क्योंकि दो पानी किसान अपने गेहूं के फसल में दे चुका है और एक पानी के इंतजार में किसान आकाश की ओर देख रहा है अगर एक पानी और गेहूं को नहीं मिला तो इसका सीधा प्रभाव फसल पर पड़ेगा। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन मोबाईल वाणी के माध्यम से जितेंद्र कुमार से बातचीत की। बातचीत में जितेंद्र कुमार ने बताया जलवायु परिवर्तन के कारण बीन मौसम बारिश हो रही है। कभी गर्मी ज्यादा करता है तो कभी बारिश। जिससे फसलों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलता है। जितेंद्र कुमार का कहना है सभी को अधिक से अधिक पेड़ लगाना चाहिए जिससे मिटटी की जकड़ बनी रहे और बारिश भी नियंत्रित तरीके से हो

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन मोबाईल वाणी के माध्यम से सैला बिहारी से बातचीत की। बातचीत में सैला बिहारी ने बताया जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश कम हो रही है। बारिश कम होने के कारण सिंचाई करने के लिए असुविधा हो रही है। चापाकल भी सुख रहे हैं जिससे पीने के लिए पानी नहीं मिल रही है। सैला बिहारी का कहना है पेड़ पौधों की कटाई और नदियों से अवैध बालू उठाने के कारण इस तरह के स्थिति का सामना करना पड़ रहा है

पेड़ पौधे काटने से एवं बालू का उठाव होने से जलस्तर तेजी से भाग रहा है जिसका प्रभाव मनुष्य जीव जंतु एवं वन्य प्राणियों पर अधिक पड़ रहा है

बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार ने बदलते मौसम के विषय पर मोरा पंचायत के अलग पूरा गांव के किसान सोनू कुमार से साक्षात्कार लिया। सोनू कुमार ने बताया वह बहुत समय से खेती कर रहे है। तालाब और आहार तो सुख गए है तो वह बोरिंग से सिंचाई कर के खेती करते है। सरकार की योजना के अंतर्गत वह लकड़ी और फलदार दोनों तरह के पौधे लगाएंगे। जलवायु परिवर्तन के कारण पानी की कमी से उनके उनकी फसल पर भी गहरा असर पड़ रहा है