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बिहार सरकार द्वारा निर्धारित किए गए पक्ष का मूल्य से किस संतुष्ट नहीं है यही कारण है कि गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के किसान अपना ध्यान साहूकार के पास बेच रहे हैं
किसान महंगाई से इस कदर परेशान हो रहा है कि वह अपने बच्चों को खेती से दूर कर प्रदेश कमाने के लिए भेज रहा है
गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत पूर्वी गूगुलडीह पंचायत के केवल गांव के किसान विकास यादव बता रहे हैं कि महंगाई के कारण किसानों को खेती करने में काफी परेशानी हो रही है
भारत एक कृषि प्रधान देश है और आज भी यहाँ के 70 प्रतिशत लोग कृषि कार्यों से जुड़े हुए हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसलिए किसान, भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ और ग्रामीण समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं। देशभर के किसानों को समाज में उनके योगदान के लिए सम्मानित करने और उनकी सराहना करने के उद्देश्य से भारत में हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है। इसी दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती भी होती है। साथियों, राष्ट्रीय किसान दिवस के लिए हर साल एक अलग थीम निर्धारित होती है और इस वर्ष यानी 2024 का थीम है "सतत कृषि और ग्रामीण सशक्तिकरण” जिसका उद्देश्य है किसानों को स्थायी कृषि पद्धतियों के महत्व को समझाना और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है।
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से विकास कुमार से बातचीत किया। बातचीत के दौरान विकास ने बताया कि वे गिद्धौर प्रखंड के पूर्वी गुगुलडीह पंचायत के केवाल गांव के निवासी है। उन्होंने बताया कि उनके खेतों में मोबाइल वाणी के सहयोग से वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है। उनके द्वारा मोबाइल वाणी के समन्वयक को सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराया गया था। जिसके बाद समन्वयक के द्वारा राजस्व कर्मचारी से मिल कर रिपोर्ट करवाते हुए मनरेगा कार्यालय में जमा करवाया गया। जिसके बाद राजस्व कर्मचारी के द्वारा मनरेगा योजना के तहत उनका आवेदन पास कर दिया गया। एवं वृक्ष उपलब्ध करवा के वृक्षारोपण भी करवा दिया गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि उनके साथ तीन और किसानों को मोबाइल वाणी की सहायता से इस योजना का लाभ दिलवाया गया है
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गिद्धौर प्रखंड के पूर्वी गुगुलडीह पंचायत के केवाल गांव वार्ड नंबर 3 के तीन किसानों के खेतों में मोबाइल वाणी के सहयोग से वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है। किसानों के द्वारा मोबाइल वाणी के समन्वयक को सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराया गया था। जिसके बाद समन्वयक के द्वारा राजस्य कर्मचारी से मिल कर रिपोर्ट करवाते हुए मनरेगा कार्यालय में जमा करवाया गया। जिसके बाद तीनों किसानों कइ नाम यह योजना पास कर दिया गया। एवं किसानों को वृक्ष उपलब्ध करवा के वृक्षारोपण भी करवा दिया गया है।
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