एक सामान्य समझ है कि कानून और व्यवस्था जनता की भलाई के लिए बनाई जाती है और उम्मीद की जाती है कि जनता उनका पालन करेगी, और इनको तोड़ने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके उलट भारतीय न्याय संहिता में किये गये हालिया बदलाव जनता के विरोध में राज्य और पुलिस को ज्यादा अधिकार देते हैं, जिससे आभाष होता है कि सरकार की नजर में हर मसले पर दोषी और पुलिस और कानून पूरी तरह से सही हैं।

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दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी का माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज बता रहे हैं आईए जानते हैं 16 दिसंबर 2023 के चीनी के क्या रेट चीनी में गिरावट बाजार में ग्राहक नहीं होने की वजह से स्थानी बाजार में चीनी की कीमतों में ₹50 प्रतीक काउंटर की गिरावट रही जबकि बाजार कमजोर होने से खरीदारी की कमी होने से कीमतों में गिरा समय सनातन ना मिलने तथा मिले द्वारा भाव घटकर सिल दिए जाने से स्थानीय बाजार में मिली डिलीवरी चीनी 25 से ₹50 मुलायम होकर ही डिलीवरी 3780 सो 3980 तथा हाजिर में इसमें भाव 4100 4250 रुपए प्रति काउंटर रहा जबकि चीट कोड मांग बनी रहने से गुड बेटी₹3500 है 3900 प्रति कुंटल भारती की राही आपत्ती कमजोर होने से कारा के भाव 4200 से 4300 में गडकरी के भाव 5200 5300 प्रति कुंटल रहे बताया जा रहा है कि बाजार में मंदी आने के कारण चीनी मिलों ने 50 से ₹100 प्रति कुंटल घटा दिए हैं जानकार बताते हैं कि अगर ऐसे ही बाजार चला तो आने वाले दिनों में चीनी के भाव और गिर सकते हैं क्योंकि गाना बहुत तेजी से आ रहा है मिलन में

महिलाओ ने अपना बात साझा की

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चना बेचने वाले से बात

दैनिक जागरण बिहार की मई 2023 की रिपोर्ट के अनुसार नरपतगंज प्रखंड से सटे सुपौल जिला के छातापुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय ठूठी में सोमवार को एमडीएम परोसने के क्रम में बच्चों के भोजन में मरी हुई छिपकली मिली, जिसके बाद बच्चों व गांव वालों में हड़कंप मच गया। लेकिन क्या ये हड़कंप हमारा अपने जन प्रतिनिधियों के सामने झलकता है ? जिस पन्ना ज़िले के स्कुल में 40 बच्चे बीमार हो गए , क्या वोट देते समय हम ये बात सोचते है? नहीं .. बिलकुल भी नहीं सोचते। क्योंकि हम एक वोट देने की मशीन में ढल चुके है। कुछ लोग इसे मेरी ही मूर्खता करार देंगे कि मध्यान भोजन के लिए हम नेताओ को दोष क्यों दें ? लेकिन सच ये है कि जब तक कोई घटना हमारे या हमारे अपनों के साथ नहीं घटती , तब तक हम राजनितिक पार्टियों की चाटुकारिता में लगे रहते है। लोग आपको ही बार बार समझायेंगे कि हमें इन सभी पचड़ों में नहीं पड़ना चाहिए। दोस्तों, अपने देश, समाज और बच्चों के भविष्य को बदलने के लिए किसी न किसी को शुरुआत करनी पड़ेगी और वह शुरुआत स्वयं से ही होगी, इसके बाद अन्य समाज के लोगों का साथ मिलता चला जाएगा। तब तक आप हमें बताइए कि * ------ आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की स्थिति क्या है ? *------- आपने क्षेत्र या गाँव के सरकारी स्कूलों में बच्चों को कैसा पौष्टिक खाना मिलता है क्या ? आपके अनुसार बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन का क्या मतलब है ? *------ साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।

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