गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए सड़क पर बनाई जा रही है दीवार।

दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से रीना परवीन बता रही हैं किसानो की मांग बिल्कुल जायज है किसानो की मांग भारत सरकार को मान लेनी चाहिए क्योंकि बीते दिनों 2021 में भी किसानों ने अपनी मांगे मंगवाने का काम किया था क्योंकि उनकी मांगे बिल्कुल जायज थी अभी भी जो किसान अपनी मांगों को कानून बनाने की बात कर रहे हैं किसान हमारे देश का अन्नदाता है अगर किसान खेती नहीं करेगा तो देश भुखमारी की ओर चला जाएगा

सरकार को भारत रत्न देने के अलावा किसानों को उनके अधिकार भी देने चाहिए , आखिर उनकी मांग भी तो बहुत छोटी सी है कि उन्हें उनकी फसलों का बेहतर मूल्य मिले। हालांकि किसानों की इस मांग का आधार भी एम एस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें हैं जो उन्होंने आज से करीब चार दशक पहले दी थीं। इन चार दशकों में न जाने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने का वादा करके न जाने कितनी सरकारें आईं और गईं, इनमें वर्तमान सरकार भी है जिसने 2014 के चुनाव में इन सिफारिशों को लागू करने का वादा प्रमुखता से किया था। -------दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, क्या आपको भी लगता है कि किसानों की मांगो को पूरा करने की बजाए भारत रत्न देकर किसानों को उनके अधिकार दिलाए जा सकते हैं? --------या फिर यह भी किसानों को उनके अधिकारों को वंचित कर उनके वोट हासिल करने का प्रयास है.

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