ये बाबूलिटी तिरपुर, तमिलनाडु से प्रवासी कामगारों से बात करके, उनके माध्यम से साझा मंच मोबाईल वाणी को बता रहे हैं कि उन्हें यहाँ तमिल में अपने बच्चों को पढ़ाने में बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है, उनसे यहाँ की फैक्ट्रियों में कम पैसे में काम भी ज़्यादा करवाया जाता है। यहाँ उनके परिवारों को, खाने-पीने में बहुत असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसी कारण वे अपने घर जाना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने रजिस्ट्रेशन तो करवा दिया है, लेकिन अभी तक उनका टिकट नहीं आया है।

हाँ, नमस्कार दोस्तों! मैं बाबूलिटी, रोड रेलवे स्टेशन के पास में हाज़िर हूँ। भाई आपका नाम क्या है? "मेरा नाम अनिल सिंह है।" आपलोग कहाँ के रहने वाले हैं? "मैं झारखंड का रहने वाला हूँ।" आप क्या करते हो यहाँ पर? "यहाँ पे हम आरटीकल्चर मशीन का काम वर्कर का काम करता हूँ।" के के कितना साल हो गया आपको यहाँ पे काम करते? "यहाँ पे हो गया मेरा एक साल।" एक साल, आप क्यूँ घर क्यूँ जाना चाहते हो? "घर में मम्मी-डैडी सर बुला रहे हैं, इसका वजह से जाने के लिए।" तो आप, आप घर जा रहे थे तो आपको पता नहीं था कि कैसे-किस टाइम में ट्रेन जा रहा था? अभी आपका ट्रेन छूट गया, अभी कैसे महसूस कर रहे हो आप? "अभी हमको बहुत ऐसा लग रहा है कि आज बोला, बोला कि आगे से फ़ोन आया गोर्मेंट की तरफ़ से फ़ोन किया कि आज आपका जाना है, ट्रेन रोड से खुलने वाला है, जो आप एक घंटे के पहिले पहुँचिए, उसके बाद ट्रेन आपको पहुँचा देगी आपको घर तक। सर ऐसा कि एक घंटा लेट हो गया, ट्रेन में आने से, ऑटो बुक करने से हमलोग को लेट हो गया, ऐसे नहीं पहुँच पाए हमलोग।" तो आपको क्या, क्या, कैसा लग रहा है कि आपलोग कैसे घर जा पाओगे? "अभी तो ऐसा लग रहा है कि घर नहीं हमलोग जा पाएँगे।" आपके, आपके लिए, आप क्या सोच रहे हो, अभी मतलब क्या करना चाहते हो अभी? "अभी मैं क्या करना चाहता हूँ! अभी मैं अपना रिटर्न रूम में, जहाँ पे रहता हूँ, वहाँ रोटरन जाने के लिए सोच रहा हूँ। इसका बाद मतलब जब ट्रेन चलेगी, तब हमलोग जाने के लिए प्रयास करेंगे।" तो आप घर जाके क्या करोगे? "घर में जाके हमलोग जो भी है, खेती का-गृहस्थी का, वो काम हमलोग करेंगे।" बहुत-बहुत धन्यवाद भाई, आपके साथ बात करके...

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नमस्कार दोस्त मैं बाबूलिटी बोल रहा हूँ तिरपुर से ये आज मैंने कुछ भाई लोगों को मिला है सहायता तो भाई लोगों को मिला है बिहार के रहने वाले हैं वो लोग वो लोग अपने घर जाने के लिए अपना अपना रजिस्ट्रेशन किए हैं लेकिन बहुत बार गए रेलवे स्टेशन जाते हैं कि उनको ट्रेन पकड़के अपने घर जाने के लिए सुरक्षित जाने के लिए लेकिन बहुत बार कोशिश करने के बाद भी उन लोगों को पास नहीं मिल पा रहे हैं ओ लोग बहुत मुश्किल में हैं उनलोगों को काम धंधा कुछ नहीं है और खाने पीने के लिए बहुत मुश्किल हो रहे हो लोग और किराए देने के लिए बहुत मुश्किल हो रहे हो भाषा का भी बहुत मुश्किल हो रहे भाषा समझने में बहुत मुश्किल हो रहे हो इसीलिए वह लोग बहुत कष्ट में हैं और वो लोग मुझे जो मैंने मैंने मैन मैंने उन लोगों को मिला है तो वह लोग बहुत परेशानी से मुझे बोल रहे हैं कि हमको कुछ मदद कर दीजिए कृपया इस विषय के लिए ध्यान दीजिए नमस्कार

तिरपुर से बाबूलिटी साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि यहाँ पर विभिन्न प्रांतों के प्रवासी कामगार लॉक डाउन में फँसे हुए हैं और किसी भी तरह घर जाना चाहते हैं। लेकिन इन्हें पास न मिलने की वजह से ये नहीं जा पा रहे हैं। सरकार को इसपर ध्यान देने की ज़रूरत है।

तिरुपुर के मोतीपुर से मीना कुमारी ने साझा मंच के माध्यम से बताती हैं कि आज फिर से बिहार के लिए ट्रेन है जो भी लोग हैं जिसके एरिया से बस से नहीं निकलते हैं जैसे कि जियो के सारे पैसे और पंचायत के सहायता से जोड़ दिए जाते हैं वह नहीं है तो आप डायरेक्ट स्टेशन जा सकते हैं और उसमें वहां पर उसके विद्यालय में जो कि विद्यालय के पास वहां पर रुकने पर वहां पर टोकन नंबर दिए जा रहे हैं और तो कल देख कर आपको नंबर चिपका आएंगे उसके बाद आपको और ट्रेन में बैठने दिया जाएगा अपने आधार कार्ड दिखाते तो जो लोग आज बिहार जाना चाहते हैं तो कृपया वो लोग जा सकते हैं दाढ़ी के लिए रेलवे स्टेशन से बिहार के लिए निकल सकते हैं धन्यवाद

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