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दयेश राज नोयडा से मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि ठीकेदार छह माह से पैसे नहीं दे रहा है,पैसे कैसे मिलेंगे इसका हल बताया जाए

दिल्ली एनसीआर के कापसहेड़ा गाँव से मणिलाल पंडित बता रहे हैं कि वो उधोग विहार में तिहाड़ी पर काम करते हैं। जिसमे चार सौ रूपया दिया जाता है और टारगेट देकर काम करवाया जाता है। कपनी में ऐसे ठीकेदार भी है जो काम तो करवा लेते हैं पर पैसा नहीं देते हैं। वो करीब सत्रह साल से उधोग विहार में काम कर रहे हैं। सभी कंपनी में ठीकेदारी के माध्यम से ही काम करवाया जाता है

दिल्ली एनसीआर के उद्योग विहार से हमारे संवाददाता नन्द किशोर ने साझा मंच के माध्यम कुछ महिलाओ जी के साथ बातचीत की। इस बातचित में इन महिलाओ ने बताया कि जो भी ठेकेदार इनसे फैक्ट्री में काम करवाने के लिए , लेने के लिए आते है , वो केवल रु 200 - 250 के बीच में ही देते है। इतने कम पैसे देने के कारण इनका गुज़ारा चलाना मुश्किल हो जाता है। अगर ये किसी कम्पनी में काम करने जाती भी है , तो वहाँ इनसे ज्यादा टारगेट देकर काम कराया जाता है। और टारगेट पूरा नहीं करने पर बिना वेतन दिए ही नौकरी से निकाल दिया जाता है

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दिल्ली एनसीआर के कापसहेड़ा गाँव से हमारे संवाददाता नन्द किशोर जी बता रहे हैं की पिछले कई दिनों से नाली का गन्दा पानी फैला हुआ है। जो की मंडी एवं फैक्टरियों में लाखो मजदूरों के आने जाने का मुख्य रास्ता है। इससे सिर्फ मजदुर भाइयों को परेशानी नहीं है बल्कि स्थानीय एवं दुकानदार भाइयों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगो और दुकानदारों से मिली जानकारी के मुताबिक गली में हमेशा गन्दा पानी बहता रहता है।इसकी जानकारी अधिकारीयों को दी है पर अब तक कोई करवाई नहीं हुई है

ठाकुर प्रसाद साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि उनका पीएफ का पैसा,बोनस,तनख्वा नहीं दिया गया। कंपनी ने उन्हें अपनी मर्जी से काम से बाहर निकाल दिया। कोई लेटर भी उन्हें नहीं दिया गया। उन्हें अक्टूबर में 16 तारीख़ को काम से निकाला गया है। पर अभी जब वो कंपनी में कॉल कर रहे हैं तो उनका फोन नहीं उठाया जा रहा है और न ही कोई जवाब दिया जा रहा है। जब वो ऑफिस भी जाते हैं तो उनसे कोई ढंग से बात नहीं करते हैं। वो डेढ़ महीने से काम की तलाश में बैठे हुए हैं

दिल्ली एनसीआर के कापसहेड़ा से हमारे संवाददाता विनोद कुमार सिंह ने साझा मंच के माध्यम रंजीत कुमार जी के साथ बातचीत की।इस बातचीत में रंजीत जी ने बताया कि यह एक जींस बनाने वाली फैक्ट्री में पीस रेट के हिसाब से काम करते है। फैक्ट्री वाले इनसे काम तो समय पर करवाते है , परन्तु पैसे देने के समय पर आधा वेतन ही देते है।कम पैसे मिलने के कारण इन्हे अपना जीवन यापन गुज़रने के काफी तकलीफो का सामना करना पड़ता है

दिल्ली एनसीआर के उद्योग विहार से हमारे संवाददाता नन्द किशोर ने रामवृक्ष जी के साथ बातचीत की।इस बातचीत में रामवृक्ष जी ने बताया कि वह पिछले 14 सालों से सिलाई का काम एक एक्सपोर्ट हाउस में करते है। उन्होंने साथ में यह भी बताया कि किसी भी व्यक्ति किसी भी कम्पनी में नई नौकरी करने से पहले कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए। जिसमे की प्रमुख रूप से यह ध्यान देना चाहिए कि वहाँ पीएफ , ओवरटाइम , तनख़्वाह आदि समय पर मिले।साथ ही 8 घंटे से ज्यादा की नौकरी ना हो। सप्ताह में कम से कम एक दिन छुट्टी मिलनी चाहिए। साथ ही कम्पनी में काम करने के दौरान नियुक्ति पत्र भी लेना चाहिए। अगर कोई किसी कम्पनी में ठेकेदार के द्वारा काम कर रहा है , तो उसे उस ठेकेदार के बारे में भी पूरी तरह से जानकारी पहले ही ले लेनी चाहिए।

दिल्ली एनसीआर से हमारे एक श्रोता मनोज वर्मा ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि 3 -4 साल पहले यह एक सिक्योरिटी गार्ड की कम्पनी में कार्य करते थे। वहां उन्होंने 5 साल तक लगातार काम किया। आज यह अपना खुद का काम करते है और साझा मंच के इस प्रयास की सराहना कर रहे है