राजस्थान के श्रीगंगानगर ज़िला से हमारे एक श्रोता साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि वो एक गत्ता की निजी फैक्ट्री में कार्य करते हैं। ज्वाइन करने से पहले कंपनी द्वारा कहा गया था कि उनका मासिक वेतन 10,000 रूपए होगा।पहले महीनें में छह हज़ार दिया जाएगा। जैसे जैसे महीनें गुज़रते जाएँगे उनकी सैलरी बढ़ती जाएगी।इसकी लालच में आ कर उन्होंने कंपनी ज्वाइन कर लिया और अपने सारे दस्तावेजों को जमा करवा दिया। कार्य करते हुए जब तीन महीनें गुजर गए तब उनकी सैलरी बढ़ने के बजाय घटती गई। वर्त्तमान में उनकी वेतन केवल तीन हज़ार रूपए हैं। कंपनी अधिकारी से शिकायत करने पर उनको ब्लैकमेल किया जा रहा हैं। इस समस्या का समाधान वो साझा मंच के माध्यम से चाहते हैं।
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
राजस्थान राज्य से राणा राम साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं की वो दृष्टिबाधित हैं और उन्हें दूसरे राज्य का बस पास बनवाना हैं। उन्हें इसकी प्रक्रिया की जानकारी चाहिए।
Comments
बताना चाहेंगे कि दिव्यांगों के लिए कई राज्य सरकारों जैसे कि यूपी, हरियाणा सरकार ने फ्री बस सेवा की सुविधा दी है। जिसमें कि दिव्यांग प्रमाण पत्र के जरिए रोडवेज बसों में सफर कर सकते है। लकिन यात्रा के लिए अपने क्षेत्र के मुख्मय चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी प्रमाणपत्र उनके पास होना चाहिए। तो इस संबंध में आप राज्य्थान परिवहन विभाग से संपर्क करें और जानें कि राज्य सरकार ने दिव्यांगों के लिए बस सेवा में क्या सुविधा प्रदान की है। इसके बाद आप रोडवेज़ कर्यालय से बस पास बनवा सकते हैं।
Sept. 11, 2018, 11:47 a.m. | Tags: int-PAJ
Transcript Unavailable.
कोटा से विशाल शर्मा साझा मंच के माध्यम से बताते हैं, कि पीएफ ऑनलाइन करवाने के लिए श्रमिक भाई अपने उच्च प्रबंधक से शिकायत कर सकते हैं।
Transcript Unavailable.
Comments
अक्सर गत्ता फैक्ट्रियों की इस तरह की घटनाएं सुनने को मिलती हैं।एक घटना याद आती है जिसमे गत्ता फैक्ट्री मे अपहरण किए हुए मज़दूरों को जंजीरों मे बांध कर उनसे मज़दूरी करवाई जाती थी।एक मज़दूर भाग कर आया तो सबको मुक्त करवाया जा सका।ये घटना दो तीन साल पहले की है।ये रिसर्च का विषय है कि गत्ता फैक्ट्रियों मे ही ऐसा क्यों हो रहा है।इससे पहले काँच और बारूद फैक्ट्रियों मे ऐसा होता था।राजस्थान की इस फैक्ट्री मे अगर ऐसा हो रहा है, कि इसमे मजदूरी बढ़ने की बजाए घटाई गई है।आश्चर्यजनक है कि मज़दूरी 10 से 3 हो गई, लेकिन कोई विरोध का स्वर नहीं उठा अब तक।कारण शायद यही है कि मज़दूर बिल्कुल भी विरोध नहीं कर रहे हैं, और इस तरह के गंभीर शोषण के मामले सामने आ रहे हैं।इस मामले मे तुरंत आपराधिक शिकायत दर्ज करवाई जानी चाहिए। श्रम अधिकारी को सूचित किया जाना चाहिए।लेकिन लाभ तभी होगा जब यूनियनमे शामिल हुआ जाए या यूनियन बाना ली जाए।
April 1, 2019, 11:10 a.m. | Tags: int-PAJ