हमारे एक श्रोता कालीचरण ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से संगठन का निर्माण करने के लिए क्या करना होगा ?इसकी जानकारी जानना चाहते हैं

Comments


अधिवक्ता पदम कुमार कहते है कि एक श्रमिक को यूनियन से जुड़ना बेहद ही ज़रूरी है। कोई भी कंपनी प्रबंधन ,श्रमिकों को संगठन बनाने से नहीं रोक सकती क्योंकि संविधान में अनुछेद 19 (1C ) के तहत श्रमिकों को स्वतंत्रता है कि वो यूनियन का निर्माण करें। अगर कंपनी संगठन बनाने से रोकती है तो विकट स्थिति पर इसकी शिकायत लिखित रूप से की जा सकती है।कंपनियों या फ़ैक्टरियों में संगठन बनाने का एक क़ानून है,जिसे ट्रेड यूनियन एक्ट 1926 कहा जाता है। इसके तहत संगठन तैयार कर श्रम कार्यालय में पंजीकरण करवा सकते है। श्रम कार्यालय में पंजीकरण करवाना अनिवार्य नहीं है। यूनियन बनाने के अनेक फ़ायदे है। कंपनी किसी भी झूठे मामलों में श्रमिकों को नहीं फँसा सकती है। साथ ही श्रमिक यूनियन के माध्यम से अपने हक़ों की मांग कर सकते है।
Download | Get Embed Code

Sept. 29, 2020, 12:18 p.m. | Tags: industrial work   collective action   PADAM-ADV   govt entitlements   int-PAJ   workplace entitlements  

मध्यप्रदेश मुरैना से कालीचरण साझा मंच मोबाइल के माध्यम से बताते हैं कि दिव्यांगों को योजनाओं में शामिल नहीं किया जाता। सबसे बड़ी की बात यह है कि दिव्यांगों का वोट बैंक नहीं है

Transcript Unavailable.

Namaste friends! I am Kalicharan on Sajha Manch. As per the new labour laws the laborers would be forced to work for 12 hours instead of 8 days in a day. Companies can fire them anytime for any reason. In the light of such suppressive labor laws and government policies I feel that the labour protest movement is going to be successful. We all are with it. We demand that the work-shift for a day should be limited to 8 hours only. They should be paid as per the minimum wages rules prescribed by the labour laws. The three categories of laborers like skilld, semi-skilled and unskilled should be paid accordingly and they should not work than more than 48 in week. If these labor laws would be eliminated then the era of the bonded labor would be back. It will also increase unemployment and decrease overall production.

Transcript Unavailable.

मध्यप्रदेश से जितेंदर साझा मंच के माध्यम से पूछ रहें हैं कि अगर कंपनी पैसो मैं घोटाला करे तो क्या करें?

Comments


कम्पन्यां सैलरी देते वक्त अक्सर ऐसे घोटाले करती रहती हैं, और ये घोटाले अलग-अलग तरीके के होते हैं, जैसे की 3 महीने का वेतन नहीं दिया गया, कभी वेतन रोक लिया जाता है और काम करने केलिए मजबूर किया जाता है, कभी-कभी हस्ताक्षर किसी और राशि पर लिया जाता है और वेतन कुछ और दिया जाता है, ये भी एक घोटाला है. इसके अलावा वेतन में जो घोटाले होते हैं वो यह कि, न्यूनतम वेतन जो सरकार तय करती है उसे कंपनी अपने कर्मचारियों को अपनी श्रमिकों को नहीं देते। तो ये भी एक बड़ा घोटाला है. अब देखिए अनियमितता यह घोटाले होते रहेंगे, जब तक मजदुर इसके खिलाफ आवाज़ नहीं उठता और अगर वे आवाज नहीं उठाते तो ये चलता रहेगा। व्यक्तिगत स्तर पर इस पर अधिक नहीं किया जा सकता, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर बहुत से कानून है और आप कंपनी में जाकर बात करें। वह ना माने तो आप श्रम कार्यालय में इसकी शिकायत करें, दूसरा यह कि आप यूनियन बनाएं नहीं तो यूनियन के साथ जुड़ा, और यूनियनों के साथ जुड़के इन घोटालों के खिलाफ आवाज उठाएं। जिसे आप घोटाला कर रहे हैं दरअसल वह आपका शोषण कर रहे हैं, मजदूरों के एकजुट होकर इसके खिलाफ आवाज उठानी होगी तभी इसका कुछ समाधान मिल पाएगा।
Download | Get Embed Code

April 9, 2020, 4:27 p.m. | Tags: wages   int-PAJ  

मुलेरा से त्रिलोकी नाथ साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बहुत से युवक गाँवों से काम की तलाश में पलायन कर शहरों में आते हैं

Transcript Unavailable.

साझा मंच के माध्यम से राम करण ने सवाल किया था कि वे जब भी पंजाब नेशनल बैंक एटीएम कार्ड की मांग करने जाते हैं तो उन्हें टाल दिया जाता है। इसके संदर्भ में काली चरण ने बताया कि पासबुक में कस्टमर केयर का टॉल फ्री नंबर दिया रहता है। उस नंबर पर फोन कर शिकायत दर्ज सकते हैं।

Transcript Unavailable.