मोबाइल वाली के साझा मंच पर गिरिडीह झारखंड से सर्वेश तिवारी बताते हैं कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देशव्यापी लॉक डाउन किया गया है। घोषित लॉक डाउन के दौरान जिलेवासियों एवं जरूरतमंद लोगों के खाने से संबंधित कोई समस्या नहीं हो इसे लेकर गिरिडीह जिला प्रशासन कटिबद्ध है। इसी कड़ी में मंगलवार को उपायुक्त श्री राहुल कुमार सिन्हा एवं पुलिस अधीक्षक श्री सुरेंद्र झा के द्वारा बगोदर प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र बूढ़ा चोंच बिरहोर टुंडा में बिरहोर परिवारों के बीच खाद्य सामग्रियों यथा चूड़ा,गुड़, ब्रेड,पाव रोटी आलू, चावल, दाल एवं अन्य खाद्य सामग्री का वितरण किया गया।

झारखंड से मोबाइल वाली के साझा मंच पर सर्वेश तिवारी बताते हैं कि झारखंड के हॉटस्पॉट हिंदपीढ़ी में मंगलवार से सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से सख्त कर दी गई है। यहां से लोगों के बाहर निकलने की बात सामने आने के बाद सीआरपीएफ की तैनाती कर दी गई है। वहीं रांची में बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों को देखते हुए राजधानी के सारे बॉर्डर को सील कर दिया गया।संक्रमण के मामले इस रफ्तार से बढ़ रहे हैं कि आंकड़ा सौ से भी पार कर गया है। बावजूद इसके लॉक डाउन के पालन में घोर लापरवाही देखने को मिल रही है। इसके बाद राज्य सरकार ने राजधानी रांची में सीआरपीएफ की तैनाती करने का फैसला किया है।

मोबाइल वाणी के साझा मंच पर झारखंड गिरिडीह से सर्वेश तिवारी बताते हैं कि मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कोविड 19 से उत्पन्न झारखंड से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कोरो ना के नियंत्रण हेतु भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत समय-समय पर निर्गत किए गए आदेश का झारखंड राज्य में अक्षरसः अनुपालन हेतु राज्य सरकार द्वारा ठोस कार्यवाही की गई है। राज्य सरकार ने इन आदेशो के विपरित ना तो कोई आदेश निर्गत किया है और ना ही कोई कार्यवाही की है। परंतु समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हो रही है उससे पता चलता है कि अन्य राज्यों द्वारा भारत सरकार के उक्त आदेशों का उल्लंघन करते हुए कई कार्य किए जा रहे हैं।

मोबाइल वाणी के साझा मंच पर गिरिडीह, झारखंड से सर्वेश तिवारी बताते हैं कि झारखंड राज्य के सात प्रवासी मजदूर मुंबई से अपने घर के लिए साइकिल द्वारा रवाना हुए। यह मजदूर झारखंड के बोकारो एवं हजारीबाग जिले के हैं। उन मजदूरों का कहना है कि कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश भर में लॉक डाउन की स्थिति लंबी खींचती चली जा रही है...

मोबाइल बानी के साझा मंच पर गिरिडीह झारखंड से सर्विस तिवारी बताते हैं कि महानगरों में फंसे झारखंडी मजदूरों ने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन द्वारा प्रदत्त आर्थिक सहायता की राशि को ठुकरा दिया है और उन्होंने इन माइग्रेटेड वर्कर्स तथा राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी का हॉटस्पॉट बने महाराष्ट्र में अब वे जीना नहीं चाहते। इस संबंध में गिरिडीह डुमरी के चीनो पंचायत समिति सदस्य बीरबल पंडित ने कहा कि क्या हम लोग अपने बच्चों एवं परिजनों का मुंह नहीं देख पाएंगे, क्या मुख्यमंत्री ने उन्हें मरने के लिए महाराष्ट्र में छोड़ दिया है?उन्होंने यह भी कहा कि संयोगवश झारखंड राज्य के मजदूरों में अभी तक पॉजिटिव केस नहीं पाया गया है, साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री सहानुभूति पूर्वक विचार करें।

मोबाइल बानी के साझा मंच पर झारखंड के गिरिडीह से सर्वेश तिवारी बताते हैं कि जिले के डुमरी रेफरल अस्पताल में मातृ एवं शिशु विभाग के महिला कर्मी की मौत अस्पताल में ही हो गई। बताया गया कि डुमरी प्रखंड के लक्ष्मण टुंडा निवासी जेनब खातून की मौत बीती रात अस्पताल में ही हो गई। सोमवार को अपराह्न तक मृतका का शव अस्पताल में ही पड़ा हुआ था। जानकारी के अनुसार मृतका की मां को छोड़कर महिला के कोई भी रिश्तेदार नहीं है। उधर मृतका की मां को घटना की जानकारी मिलने पर उसकी मां अस्पताल तो आई।लेकिन बाद में आने की बात कहकर दोबारा अस्पताल नहीं पहुंची। उधर अस्पताल में मरीजों की देखरेख कर रहे दीपक फाउंडेशन संस्था के कर्मी जितेंद्र कुमार ने बताया कि मृतका ने संस्था में एक वर्ष तक कार्य किया था। परंतु कुछ महीनों से संस्था के अधीन कार्य करना छोड़ दिया था। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ महीनों से वह बीमार थी।

मोबाइल वाणी के साझा मंच पर झारखंड के गिरिडीह से सर्वेशस तिवारी बताते हैं कि झारखंड राज्य के लगभग 2000 बच्चे राजस्थान के कोटा में लॉक डाउन के कारण फंस गए हैं। यह बच्चे झारखंड से इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की तैयारी कोटा में कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के छात्रों को वहां से निकालने के लिए योगी सरकार ने यूपी से 252 बसें कोटा भेजी थी। इन बसों के माध्यम से कुछ छात्र अपने घर भी पहुंचने लगे हैं। हालांकि अभी कोटा में दूसरी राज्यों के करीब 25000 छात्र फंसे हुए हैं। इसमें लगभग 2,000 से अधिक छात्र झारखंड के है।जो बच्चे वहां फंसे हैं उनके माता-पिता भी लगातार पास बनवाने के लिए पोर्टल पर अप्लाई कर रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार की तरफ से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

सर्वेश तिवारी गिरिडीह झारखंड से बताते हैं कि लॉक डॉन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे असंगठित मजदूरों के हितों की रक्षा की मांग को लेकर भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने दो दिवसीय उपवास रखा साथ ही धरना एवं अनशन किए।वहीं धनवार विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक भाकपा माले नेता राजकुमार यादव ने सभी प्रवासी मजदूरों के घर वापसी की मुकम्मल व्यवस्था करने तथा उन्हें ₹10000 की आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग को लेकर दो दिवसीय धरना अनशन किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न महानगरों में फंसे मजदूरों को उक्त रकम देने की गारंटी प्रदान करें। श्री यादव ने यह धरना अपने आवास के निकट दिया। उन्होंने इस दौरान सोशल डिस्टेंस का अनुपालन किया।

सर्वेश तिवारी,गिरिडीह,झारखंड से साझा मंच पर बताते हैं कि गिरिडीह जिले के सभी सरकारी कार्यालय 20 अप्रैल से संचालित होंगे।जिसमें सभी सरकारी कार्यालयों में कोविड 19 से बचाव हेतु जारी विभागीय प्रोटोकॉल का अनुपालन किया जाएगा।इस संबंध में जिले के उपायुक्त श्री राहुल कुमार सिन्हा ने आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग,झारखंड, रांची,राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में जानकारी दी गई है कि ऑटोनॉमस बॉडीज लोकल गवर्नमेंट के कार्यालय को दिनांक 20/4/20 से खोलने का निर्देश प्राप्त हुआ है। उक्त के आलोक में गिरिडीह जिला अंतर्गत के सभी कार्यालय दिनांक 20/4/20 से संचालित सभी कार्यालय प्रधान गिरिडीह जिला की यह व्यक्तिगत जवाबदेही होगी कि वे विभागीय निर्देशों के आलोक में कार्यालय को क्रियाशील करेंगे तथा कर्मियों के द्वारा कोविड 19 से बचाव एवं रोकथाम हेतु जारी प्रोटोकॉल का भी अनुपालन कराना सुनिश्चित करेंगे।

झारखंड से मोबाइल वाणी के साझा मंच पर बताते हैं कि महाराष्ट्र के नागपुर से झारखंड के 14 मजदूर लगभग 900 किलोमीटर की लंबी सड़क यात्रा कर साइकिल द्वारा 19 दिनों में रांची पहुंचे।यह सभी महाराष्ट्र के नागपुर में कार्य करते थे। इन सभी को रांची की आईटीआई बस स्टैंड के पास पुलिस ने रोका और इन्हें स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के तहत उन्हें रांची स्थित खेल गांव के क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया गया। यह सभी मजदूर झारखंड के चतरा जिले के टंडवा के रहने वाले बताए जा रहे हैं। देशभर में लगभग सभी राज्यों में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर लॉक डाउन का दूसरा चरण चल रहा है,जिसमें यात्रा करना जानलेवा सिद्ध हो सकता है। इसलिए माइग्रेंट वर्कर्स प्रवासी मजदूरों से आग्रह है कि वह यात्रा करने की जोखिम नहीं उठाएं। इससे उनके जान के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों के लिए भी खतरा साबित हो सकता है। जिस राज्य में भी रुके हैं वहां के स्थानीय प्रशासन के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें अथवा अपने राज्य के हेल्पलाइन के संपर्क में रहें। दूसरी ओर मोबाइल वाणी के साझा मंच पर भी नंबर डायल कर अपनी बात रख सकते हैं।