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दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से रीना परवीन की बातचीत संतोष से हुई संतोष बताती हैं मैं करावल नगर खिलौने फैक्ट्री में काम करती हूं मशीनों में से खिलौने निकलते हैं उसमें से भेट तोड़ने का काम करती हूं खिलोने के बोरे के हिसाब से हमें पैसे मिलते हैं पहले 4 से 5 बोरे रोज भेट तोड़ती थी अब सिर्फ एक से दो बोरे ही भेट मिलती है एक बोरे हमारा लगभग 40 से ₹50 का एक होता है
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बदायूं से उम्मीदें लेकर आए थे नहीं हो पा रही हैं पूरी।
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