हमारे एक श्रोता,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि वो ऑटो लाइन में काम करते है। लॉक डाउन में फँस गए। अब ठेकेदार उन्हें वेतन नहीं दे रहे है। माँगने पर तरह तरह के बहाने बनाते है

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हम आपसे जानना चाहते हैं कि क्या आपकी कंपनी लॉकडाउन से पहले की तनख्वाह ठीक तरीके से दे रही थी ? या फिर आप अभी लॉकडाउन के दौरान तनख्वाह ना देने की बात कह रहे हैं। यदि आप लॉकडाउ से पहले की बात कर रहे हैं तो आप अपने यूनियन या खुद भी लेबर ऑफिस में एक लिखित शिकायत दे सकते हैं और इस शिकायत के साथ अपनी कंपनी के द्वारा दी गई आई.डी कार्ड, सैलरी स्लिप, अप्वाइंटमेंट लेटर का जेरोक्स अटैच करें। लॉकडाउन के दौरान सैलरी की बात करें तो ग्रह मंत्रालय ने अपनी 29 मार्च की अधिसूचना में घोषणा की है कि लॉकडाउन अवधि को ऑन-ड्यूटी माना जाएगा, और नियोक्ता को लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को भुगतान करना होगा। लेकिन एसोसिएशन ऑफ़ इंडस्ट्रियल एम्प्लॉयर्स ने एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें सरकार को लॉकडाउन के दौरान पूर्ण वेतन देने के निर्देश को चुनौती दी गई थी, इस सब के बीच सरकार ने 17 मई को एक और अधिसूचना की घोषणा की, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी 29 मार्च की अधिसूचना समाप्त हो गई है। दूसरी ओर एक और जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें कर्मचारियों की समाप्ति और वेतन कटौती से सुरक्षा की मांग की गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट 12 जून को अपना फैसला सुना सकती है, तब तक नियोक्ता दंडनीय नहीं है, लेकिन आप अभी भी 29 मार्च से 17 मई तक अपना वेतन मांग सकते हैं। इसलिए श्रमिक को जागरूक होना होगा, संगठन बनाना होगा यह नियोक्ता के खिलाफ खड़े होने का एकमात्र तरीका है।
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Oct. 19, 2020, 5:43 p.m. | Tags: lockdown   governance   int-DT   coronavirus   govt entitlements   int-PAJ   wages   workplace entitlements