झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो बेरमो ग्राम गोटियाटांड़ से सरस्वती कुमारी अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बतातीं हैं कि अब मेरी बारी मे चल रहे माहवारी की जानकारी हमें बहेद अच्छी लगी।10-20 वर्ष के युवतियों के लिए दी जाने वाली जानकारी बहुत ही लाभदायक है। वे बताती हैं कि उन्हें विद्यालय में दी जाने वाली सुविधाओं से भी वंचित रखा जाता है

-लोकसभा और चार राज्‍य विधानसभा चुनाव की कल मतगणना की सभी तैयारियां पूरी। -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए को भारत की जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधि बताया, कहा- इसका लक्ष्‍य नये भारत के निर्माण। -भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो ने आज सुबह श्रीहरिकोटा से रिसैट-टूबी उपग्रह का प्रक्षेपण किया। -जम्‍मू-कश्‍मीर में कुलगाम जिले के गोपालपोरा में हुई मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। -ओमान की लेखिका जोखा अलहार्डी को उनके उपन्‍यास सेलेस्टियल बॉडीज के लिए बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार। -इंग्लैंड वर्ल्ड कप टीम घोषित, आर्चर और डॉसन को मिली जगह

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के बेरमो प्रखंड से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से आशीष कुमार ने बताया कि बेरमो में इन दिनों बड़े -बड़े हाइवा और डम्पर से अवैध कोयला की तस्करी जोर-सोर से की जा रही। कोयले की तस्करी ठोरी क्षेत्र विभिन्न परियोजन जैसे की एम्लो ,कल्याणी एवम तुरिओ निचे धोरा से जमा कर हाइवा ,डम्फरों से दुगदा के एस्कोल फैक्ट्री में गिराई जाती है और उसके बाद वहां से धनबाद के कई स्पंज आइरन फैक्ट्री एवम डेहरी, बनारस उक्त जिलों को भेजा जाता है।

झारखण्ड राज्य बोकारो जिला से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से किशोरी नायक कहते है कि के भारत में शिक्षा के क्षेत्र का क्या महत्व है ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है। हमारे देश के करोड़ों बच्चे हर सुबह अपना बस्ता लेकर स्कूल जाते हैं। हर माता-पिता की तमन्ना रहती है कि उनका बच्चा पढ़-लिखकर खूब बड़ा बने और दुनिया में खूब नाम रोशन करे। इन स्वप्नों को पूरा करने में स्कूल और हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। लेकिन विडंबना है कि लोगों के जीवन को गढ़ने वाली यह पाठशाला आजकल एक ऐसे भयावह काले वातावरण से घिरती जा रही है जिससे निकलना फिलहाल तो काफी मुश्किल नजर आ रहा है।यह काला स्याह वातावरण व्यावसायिकता का है। वो व्यवसायिकता, जिसने अच्छी शिक्षा को सिर्फ रईस लोगों की बपौती बनाकर रख दिया है और साधारण तथा मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा नसीब की बात हो गई है। क्योकिं आज कल के शिक्षक सरकारी स्कूल में खानपूर्ति के लिए आते है।इस कारण साधारण तथा मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा मिल पाना मुश्किल हो चूका है।

झारखंड राज्य के बोकारो जिला से झारखंड मोबाइल वाणी के माध्यम से किशोर नायक बताते है की किसान भयावह स्थिति में खेती का कार्य कर रहे हैं।किसान भाई कठिन परिश्रम कर खेती कर रहे और इस कठिन परिश्रम का उन्हें कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।क्योंकि किसान भाई को खेती करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है, परन्तु आज के इस भयावह जल संकट से पानी नहीं मिल पा रहा है और उन्हें सिंचाई करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या के निदान के लिए किसान भाई बोरिंग कर रहे है और इसे करने में उन्हें लाखों रूपये खर्च करने पड़ रहे है। वे इस पानी से सिंचाई कर फसल को ऊगा रहे है और उन्हें उगाये हुआ फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। जिस कारण किसान भाई हरी सब्जी को उगाते तो है और उगाये हुए सब्जी को वे सस्ते मूल्यों में बेच देते है। इसलिए उन्हें बहुत घटे का सामना करना पड़ता है। अतः सरकार को किसान भाई की समस्या की ओर ध्यान देते हुए उनके लिए कोल्ड स्टोर बनाना चाहिए ताकि वे उगाये हुए सब्जी को सस्ती कीमतों में ना बेचें और उनको जो नुकसान का सामना करना पड़ता है उनसे वे बच सके।

बोकारो के बेरमो प्रखण्ड से खिरोधर महतो जी झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि बेरमो कोलांचल के शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र सभी लोग समस्याओं से ग्रसित है। खासकर पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, चिकित्सा, सिंचाई आदि मुख्य समस्याओं से अभी भी उबर नहीं पाए है।यहाँ शुद्ध पेयजल की उपलब्ध नहीं हो पा रहा है लोग बाज़ारों से कीमती पानी खरीद कर पीने के लिए मजबूर है।70 के दशक में कोयला उद्योग को राष्ट्रीयकरण किया गया था।तब लोगो में आस जगी थी की सभी समस्याओं का निदान होगा।

झारखंड राज्य के बोकारो जिला के बेरमो प्रखंड से बादल मुर्मू मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि हमारा देश डिजिटल इंडिया की ओर आगे बढ़ रहा है।यह बहुत अच्छी बात है,पर अगर देखा जाये तो अभी भी गांवों को डिजिटल बनाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी अशिक्षा और गरीबी मौजूद है।सरकार की ओर से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं,बावजूद इसके जानकारी के अभाव में सरकार का यह प्रयास पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पा रहा है।पिछले वर्ष जब सरकार द्वारा भारत को कैशलैस बनाने की मुहिम चलाई गयी थी,तब भी ग्रामीणों को जानकारी के अभाव में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।भीम एप्प के बारे में तो लोगों को जानकारी थी,पर उसे किस तरह से इस्तेमाल करें इसकी जानकारी नहीं थी।जब बैंक कर्मियों से पूछा जाता था,तो वो भी मदद नहीं करते थे।इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी योजना को पूरा करने के लिए अधिकारी लोग भी उस विषय पर गंभीरता से प्रयास भी नहीं करते हैं।और जहाँ तक की गांवों को ब्रॉडबैंड सेवा से जोड़ने की बात थी तो कई गाँवों की वर्तमान स्थिति यह है कि वाई-फाई के रॉउटर लगे हुए हैं लेकिन वो सर्च करने पर कनेक्ट नहीं होता है।

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