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झारखंड राज्य के गोड्डा जिले से निरंजन सिंह जी बताते हैं कि पचास प्रतिशत गरीब लोगों के पास मच्छरदानी नहीं है।बहुत कम लोग हैं जो मच्छरदानी का प्रयोग करते हैं।

जिला गोड्डा से निरंजन सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बाल विवाह का मुख्य कारण है गरीबी। हर बेटी के पिता यही चाहते हैं कि मेरी बेटी जिस घर में जाए वंहा खुश रहे। जब तक पिता यह नहीं मानेंगे की दहेज़ देना क़ानूनी अपराध है तब तक बाल विवाह खत्म होना असंभव है।

जिला गोड्डा से अनुजा जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बात विवाह पर आधारित एक स्लोगन प्रस्तुत कर रहीं हैं

जिला गोड्डा से सुरेंदर सिंह जी मोबईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि खाद्य सुरक्षा कानून यूपीए सरकार ने बनाया था पर इसे लागू एनडीए सरकार के कार्यकाल में किया गया। अगर झारखण्ड में इस कानून के लागू होने की बात करें तो झारखण्ड के मुख्यमंत्री माननीय श्री रघुवर दास जी ने इस योजना को लागू करने में अहम् भूमिका निभाई लेकिन हर योजनाओं की तरह इस योजना में भी बिचौलियाँ पूरी तरह हावी है। हालांकि झारखण्ड सरकार ने बिचौलियों को खत्म करने की पूरी कोशिश की लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली।एक बात गौर करने वाली यह भी है कि बगल के राज्य बिहार में दो रूपये किलो गेहूं तीन रूपये किलो चावल गरीबों को दिया जाता है लेकिन झारखण्ड सरकार गरीब जनताओं को सस्ते में अनाज मुहैया कराने के उद्देश्य से मात्र एक रुपये किलो दे रही है।बावजूद इसके विडम्बना यह है कि बिचौलियों और यहाँ के कुछ सामाजिक लोगों की आपसी मिलीभगत से गरीबों का हक़ मारा जा रहा है।अत: इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है।

सुरेंद्र सिंह गोड्डा से बताते हैं कि जबतक स्वच्छ भारत का सपना साकार नहीं होगा तबतक मलेरिया मुक्त नहीं होगा

जिला गोड्डा से निरंजन सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बाल विवाह को रोकने के लिए सबसे पहले गरीबी को ख़त्म करने की जरूरत है क्योकि गरीबी के कारण माता पिता अपने बच्चों से मजदूरी करवाते हैं।

झारखंड से अनुजा देवी जी बताती हैं कि मलेरिया ईलाज अभी तक उनके गांव में नहीं हुआ है। उनका कहना है की मलेरिया से बचने के लिए हर किसी को मॉटिन और मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। ताकि किसी को मलेरिया के मच्छरों से बचा जा सके

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