अखिल भारतीय किसान सभा की राज्य संयुक्त सचिव से बातचीत

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झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो गावँ कंचनपुर से कैलाश महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि 27 जून से गावँ में बिजली की व्यवस्था नहीं हैं। बिजली मिस्त्री को संपर्क करने पर उनका फ़ोन नंबर बंद बता रहा है

झारखंड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड से निर्मल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि उपरघाट के नौ पंचायत में लगभग एक लाख की आबादी का क्षेत्र जंगलों से घिरा हुआ हैं। यहाँ पर ज़्यादा आबादी उपरघाट के जंगलों में बसी हुई हैं। इस क्षेत्र में सरकारी सुविधाएँ और विकास के नाम पर केवल खानापूर्ति ही किया गया हैं। 80 प्रतिशत जनता ग़रीबी और भुखमरी से जूझ रही हैं। इस कारण कई युवक रोज़गार की तलाश में दूसरे राज्य पलायन करने को मज़बूर हैं।शुरू से ही उपरघाट को विकास कार्यों से वंचित रखा गया हैं। इसका मुख्य कारण यह हैं कि यह क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र हैं। सरकारी अधिकारी उपरघाट क्षेत्र में उग्रवाद का बहाना बना कर आने से कतराते हैं। इस क्षेत्र में स्वास्थ्य की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई हैं। ग्रामीण बेहतर इलाज़ पाने के लिए गांव से 70 किलोमीटर की दूरी तय कर हज़ारीबाग व बोकारो जाते हैं। साथ ही इस क्षेत्र में सरकारी कुँवा नाममात्र के लिए हैं। कुँओं में पानी देखने तक को नहीं मिलता और अधिकांश चापानलें ख़राब अवस्था में पड़ी हुई हैं। ग्रामीण पीने की पानी के लिए दूरदराज़ से जंगलों के नालों में चुवां खोदकर पानी लाते हैं। यहाँ तक कि ग्रामीण प्यास बुझाने के लिए खेतों के गंदे पानी पीने तक को विवश हैं। पानी की समस्या से सबसे ज़्यादा गांव के नारायणपुर ,मुंगो रांगामाटी ,घोसको ,लहिया ,गालुडीह ,डेगागढ़ा ,बाराडीह आदि क्षेत्र जूझ रहे हैं। वही आदिवासी बहुल क्षेत्र एवं सुदूरवर्ती क्षेत्र में सड़कों की बात करे तो दर्जनों सड़के प्रगति पर हैं।सड़कों के निर्माण के नाम पर भ्रष्टाचार से खानापूर्ति का काम जोरो से चालू हैं। दर्जनों गांव के ग्रामीण जर्ज़र सड़क से सफ़र करने को मज़बूर हैं। सरकार विकास के नाम पर बहुत बातें कहती तो हैं परन्तु धरातल तक कार्यों को नहीं उतारती। कई ग्रामीण महिलाएँ द्वारा मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहने की भी बात सामने आई हैं।

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झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो से जेएम रंगीला जी मोबाइल वाणी के माध्यम से मोबाइल वाणी के खबर का असर -स्वयं सेवी संस्था में हुई तालाबंदी के बारे में कहते है कि बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड के नावाडीह में उन्नत बीज के उत्पादन हेतु किसानो से भूमि अधिग्रहित कर 25 एकड़ जमीन में बीज गुणन प्रक्षेत्र स्थापित किया गया था।स्थापना के 58 वर्षो के बाद भी आज तक बीज गुणन प्रक्षेत्र से किसानो को उन्नत किस्म का बीज तो नहीं मिला लेकिन विगत 20 वर्षो में यहाँ पर कई मकान ,दूकान और कार्यालय खुल चुके थे। इससे सम्बंधित एक खबर बोकारो मोबाइल वाणी पर दस मार्च को प्रसारित किया गया था। तथा इस खबर को जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक के अधिकारियो को फार्वड कर सुनाया गया था जिसका असर यह हुआ कि विगत 16 मार्च 2019 को झामुमो कार्यालय में तालाबंदी अंचला अधिकारी अंगारनाथ स्वर्णकार के आदेश पर किया गया। अब 9 अप्रैल को 2019 को आदर्श ग्राम विकास सेवा समिति के कार्यालय में भी अंचला अधिकारी अंगारनाथ स्वर्णकार ने तालाबंदी करवा दी। बताते चले कि उक्त स्वयं सेवी संस्था के सचिव वासुदेव शर्मा द्वारा बीज गुणन प्रक्षेत्र में बने रैनबसेरा में कब्ज़ा कर संस्था का कार्यालय चलाया जा रहा था।सीओ की इस कार्य की और बोकारो मोबाइल मीडिया की सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है।

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