हजारीबाग: दीपक कुमार सिंह ने हजारीबाग से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर कहते हैं कि झारखण्ड प्रदेश प्रकृति का धनि और खनिज सम्पदा से सम्पूर्ण राज्य है लेकिन यहां पर धड्ले से इसकी क्षति पहुंचाई जा रही है जिससे झारखण्ड में प्रकृति की जो पहचान थी वह मिट रही है.वे कहते हैं कि सभी को विश्व पर्यावरण दिवस पर सपत लेना चाहिए कि वे पर्यावरण का संरक्षण करें.

हजारीबाग: दीपक कुमार सिंह ने हजारीबाग अंतर्गत सदर प्रखंड से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि आज के आधुनिक युग में भी जारी है बाल विवाह की प्रथा. बाल विवाह पर रोक लगाने हेतू कानून तो बनाया गया है लेकिन आज भी सुदूर ग्रामीण इलाकों में खुलेआम नियम का उलंघन कर बाल विवाह किया जा रहा और प्रशासन मूक दर्शक बनी हुई है. वे कहते है कि इस तरह से अभिभावक अपने बच्चों का विवाह कच्ची उम्र में करके उनकी बचपन छीन रहे हैं उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. अत: प्रशासन और अभिभावकों से अपील है कि वे ऐसा न करें बाल विवाह को रोकें.

हजारीबाग से दीपक कुमार सिंह जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की हजारीबाग से १० किलोमीटर दूर इचाक प्रखंड के स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वास्थ्य सुविधा नगण्य एवं कर्मचारियों के नही होने के कारन लोगो को ईलाज के लिए प्रखंड मुख्यालय आना पड़ता हैं जो कि लगभग २० किलोमीटर दूर एवं आवागमन की सुविधा नहीं होने के कारन लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं.

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हजरिबघ से दीपक कुमार सिंह जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी महिलाओं के सम्बन्ध में चर्चा करते हुए कहते हैं की झारखण्ड की हजारो महिलाएं महानगरो में कार्य करने को विवश हैं मगर सरकार के द्वारा उनके पुनर्वास एवं रोजगार के लिए कोई आवश्यक कदम नहीं उठाये जा रहे हैं.महिलाओं के लिए नहुत सारे योजनाये बनाई जाति हैं मगर जमीनी स्तर पर लागु नहीं होने के कारन महिलाओं का विकाश नहीं हो पा रहा हैं और इसी तरह झारखण्ड की महिलाएं पलायन को विवश होगी.

हजारीबाग सदर से दीपक कुमार जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी पर जल सम्बन्धी समस्या पर प्रकाश डालते हुए कहते हैं की आज हमारी जल प्रबंधन की गलत नीति के कारन गर्मियों के शुरू होते ही हमें जल संकट का सामना करना पड़ता हैं. अगर हम समय रहते जल का सरक्षण केरे तो शायद यह समस्या का समाधान हो सकता हैं जैसे बरसात के दिनों में बर्षा का जल बेकार हो जाता हैं अगर हम उस जल का सही समय पर सरक्षण करे तो इस समस्या का समाधान हो सकता हैं.

हजारीबाघ से दीपक कुमार सिंह ने झारखण्ड मोबाइल वाणी पर बताया की झारखण्ड के विभिन्न क्षेत्रो में ग्रामीण लोग महुआ के फूल को चुनने के लिए जंगलो में आग लगा देते हैं जिस कारन वनों को काफी नुकसान होता हैं साथ ही वनों में रह रहे जिव जंतु को भी नुकसान पहुचता हैं.इस पर वन के अधिकारी भी कोई करवाई नहीं कर रहे हैं. उन्होंने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से सम्बंधित विभाग से यह अपील किया है की इस सम्बन्ध में करवाई की जाये.

Dipak Kumar Singh from Hazaribagh called up to complain about the Forest Fires started by local villagers to pick Mahua Flowers. He informed that in the month of Chait, the villagers residing in the rural and hard to reach areas of Jharkhand start forest fires to pick Mahua thereby causing immense harm to the forest. He requests them to consider the pollution and harmful effects of burning down forests just to harvest Mahua and stop this harmful practice.

हजारीबाग से दीपक कुमार ने झारखण्ड मोबाइल वाणी पर होली की सुभकामनाये देते हुए लोगो से अपील किया हैं कि अपने अन्दर की बुराईयों को मार कर रंगों से सराबोर होकर अच्छाईयों की होली खेले. साथ ही उन्होंने कहा की लोगो को तिलक होली खेल कर पानी को बचाना चाहिए.ताकि यह हमारे भविष्य में काम आ सके.

हजारीबाग: दीपक कुमार सिंह कहते हैं की आज झारखण्ड में जो पानी की समस्या उत्पन्न होती है उसके लिए कही न कहीं हम खुद जिम्मेदार हैं। लोग बरसात के पानी को सहेज कर नही रखते हैं बेवजह पानी को बर्बाद किया जाता है। और खास कर गर्मी के दिनों में पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। वे कहते हैं यहाँ पर लोगो के द्वारा पानी के प्रयोग कुआ, तालाबों और नदियों से किया जाता है। लेकिन आज स्थिति यह है की नदी तालाब में लोगो द्वारा इतनी गन्दगी फैलाई जाती है जिससे पानी पूरी तरह से दूषित हो जाता है इसका जीता जगता उदहारण है दामोदर नदी जिसमे कल कारखानों से इतने सारे कचड़े बहाया जाता है जिससे प्रदुषण बढ़ रहा है।