हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड से तेजनारायण कुशवाहा जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से एक लोक गीत प्रस्तुत कर रहे है।जिसका शीर्षक है पढ़त-पढ़त ढल जातव उमरिया।

हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड से तेजनारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि उनके हजारीबाग प्रखंड में जल,वायु एवं ध्वनि प्रदूषण चरम सीमा पर पहुँची हुई है। जिससे लोगो की आंशिक दृष्टि और सुनने की शक्ति धीरे-धीरे समाप्त होते जा रही है। आज के समय में जितने भी शादियाँ हो रही है उसके अंतर्गत जो डी.जे बाजा बजाया जाता है जिसके कारण ध्वनि प्रदूषण को ज्यादा बढ़ावा मिल रहा है। प्रदूषण से लोगो की स्वास्थ्य पर असर पड़ते दिख रहा है।

तेजनारायण जी हज़ारीबाग इचाक से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि अपराधियों को संगरक्षण देने वाले राजनितिक पार्टी द्वारा दिया जाता है।ऐसे लोगों की छानबीन करने की आवशयकत है। आपराधिक मामले जो झारखण्ड में बढ़ रहे है उसके लिए दंड होने चाहिए। झारखण्ड के हर नागरिक असुरक्षित महसूस कर रहे है एवं भयभीत हो गए है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि किसी भी राजनैतिक दबाव में ना आएं और हत्या या अपहरण के दोषी को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाये ताकि दूसरे अपराधी अपराध करने से पहले सौ बार सोचे। आज जरुरत है झारखण्ड सरकार को कड़ी रूप अपनाने का और जनता के भय को हटाने का। यह तभी संभव है जब सरकार एवं प्रशासन दोषियों को जनता के बीच सज़ा देकर विश्वास दिलाये कि अब डरने की जरुरत नहीं है।

जिला हज़ारीबाग से तेज नारायण कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि सी.एम हेल्पलाइन सेवा बहुत ही सुविधाजनक सेवा है। हमे इसके माध्यम से प्रशासनिक,पदाधिकारी,मंत्री ,मुख्यमंत्री आदि तक समस्याओं को अवगत कराने का मौका मिला है,साथ ही इसके माध्यम से जिले के जनसमस्याओ के समाधान के लिए कदम उठाया जा सकता है। इनका कहना है कि अगर जनसमस्यायें आती है,तो इसका समाधान जनहित को देखते हुए ,उसके मान सम्मान को देखते हुए ,प्रतिष्ठा,आर्थिक बचाव आदि को देखते हुए निराकरण किया जाये तो यह बहुत अच्छा होगा । आम जनता के द्वारा जितने भी शिकायतें जाती है, वे सभी जमीनी स्तर की शिकायतें होती है। इसलिए इनका माननीय मुख्यमंत्री,मंत्री,प्रशासनिक पदाधिकारियों से कहना है कि जितने भी जनशिकयते हेल्प लाइन के माध्यम से जाते है,उसे गंभीरता से लें क्यूंकि इसी के माध्यम से उन्हें घटनाओ की जानकारी एवं सरकार की कमजोरियों को सुनने का मौका मिलता है।

जिला हजारीबाग प्रखंड इचाक से तेजनारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से ग्राम खुटरा की एक आँखों देखि घटना का जिक्र करते हुए कहते है की ,ग्राम खुटरा की 55-60 वर्षीय एक वृद्ध महिला को मोतियाबिंद हुई है।मोतियाबिंद होने के बाद जागरूकता या गरीबी के कारण वो अपना इलाज नहीं करवा पायी।ना ही गावं वाले उसे किसी प्रकार की सलाह दे पाए। उस समय विभिन्न जगहों पर शिविर लगाने की बाते भी नहीं हुआ करती थी।अभी वे लाठी के सहारे चलती है और अपना जीवन व्यतीत कर रही है और अभी भी उनकी स्थिति वैसी ही बनी हुई. ये चाहते है की उनकी इस अवस्था में अगर सुधार का कोई विकल्प निकले तो बेहतर होता ,ये कार्यक्रम चलाने के लिए धन्यवाद।

जिला हजारीबाग प्रखंड इचाक ,ग्राम खुटरा से तेजनारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से ग्राम खुटरा की एक 55-60 वर्षीय महिला को मोतियाबिंद से अंधे होते हुए देखा है।वे लाठी के सहारे चलती है और अपना जीवन व्यतीत कर रही है पैसे के आभाव में वे अपना इलाज नहीं करवा पायी।

तेजनारायण प्रसाद खुश्वाहा,जिला हजारीबाग के इचाक प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इनके गांव में महिला है जिन्हें पैसे के अभाव के कारण अँधा होते देखा है.उस महिला के दो पुत्र है लेकिन उनकी स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वो अपनी माता के आँखों का इलाज नहीं करा पाए और वो अंधी हो गई।इसलिए इनका कहना है की अगर आँखों का इलाज नहीं किया जाये तो किसी को भी अंधापन हो सकता है।इसलिए आँखों को सुरक्षित रखे और आँखों का सही से देखभाल करे।

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हजारीबाग जिले के प्रखंड ईचाक से तेजनारायण प्रसाद कुशवाहा जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि प्रखंड कार्यालय में कृषि विभाग क्षेत्रो में किसानों के वितरण के लिए बहुत सी सामग्रियाँ आती है परंतु ये सामग्रियाँ किसानो के नजर में भी नही आती है।बताते है की इस क्षेत्र में कुछ बिचौलियों की पंचायत सेवक एवं जनसेवक से मिलीभगत रहती है उन्ही के माध्यम से उन्हें कृषि की कुछ सामग्र्री जैसे-बीजा,दाल,दलहन,तिलहन या अनाज थोड़ा बहुत मिल पाता है।परन्तु दूसरे किसानों को यह भी नहीं मिलता यहाँ तक की उन्हें इन सामग्रियों के आने की भनक तक नहीं मिल पाती है।जिससे किसान बहुत परेशान होते है।यह बिलकुल अनुचित है क्यूंकि कृषि विभाग की हर एक सामग्री पर किसानों का अधिकार है और वो किसानों तक पहुँचनी चाहिए।

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