जिला हज़ारीबाग़ के इचाक प्रखंड से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि झारखण्ड में बाल विवाह एक अभिशाप की तरह फैली हुई है। बाल विवाह होने के कई कारण होते हैं गरीबी,अशिक्षा,पश्चिमी सभ्यता का हावी होना,सामाजिक दबाव एवं पड़ोसियों का ताना। सामाजिक दबाव के कारण सर्व प्रथम लोग अपने बच्चियों का बाल विवाह करने में मजबूर हो जाते है चाहे बच्चो को शिक्षा मिली हो या नहीं। साथ ही पड़ोसियों के द्वारा कई तरह से ताना भी दिया जाता है कि इनके घर में बच्चा एवं बच्चियां अधिक है और जरूर कोई दोष,बीमारी या कोई कारण है तभी इनकी शादी नहीं हो रही है। दूसरी ओर लोगों में शिक्षा का अभाव है उन्हें यह ज्ञात नहीं होता कि यदि बच्चों का बाल विवाह करते हैं तो उसके साथ किस तरह का शारीरिक एवं मानसिक परिणाम होता है
झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा जी बता रहे हैं कि अगर किसी को मलेरिया हो जाता है तो उसे जांच कराकर पूरा कोर्स करना चाहिए। और जब दवा का सेवन करते हैं तो कुछ खा कर ही करना चाहिए। जिससे पेट में जलन पैदा न हो
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जिला हज़ारीबाग़ इचाक से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से मलेरिया से बचाव पर आधारित एक कविता प्रस्तुत कर रहे हैं।
जिला हज़ारीबाग़ इचाक से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से गर्भवती महिला को मलेरिया से बचाना है पर आधारित एक कविता प्रस्तुत कर रहे हैं.
जिला हज़ारीबाग़ इचाक से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बाल विवाह एक अभिशाप पर आधारित एक कविता प्रस्तुत कर रहे हैं।
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जिला हजारीबाग इचाक से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और अक्टूबर नवम्बर में किसान रबी फसल जौ,गेहूं,सरसों,चना और मसूर की खेती मुख्य रूप से करते हैं।इन फसलों को तैयार करने में किसान एक जुआ के सामान अपने आप को तन,मन और धन से लगा देतें हैं। लेकिन सरकार की ओर से जो भी योजनाएँ चलाई जाती है, उन सभी योजनाओं से किसानों को वंचित कर दिया जाता है।इन योजनाओं को जनता के बीच में वितरण करने के बजाय बिचौलियों के द्वारा पंचायत स्तर में वितरण करने का कार्य दिया जाता है वो केवल सिमित लोगों के पास ही रह जाती है। आम जनता के पास इसकी जानकारी नहीं हो पाने के कारण किसान अच्छी फसल लगाने से वंचित रह जाते हैं,और प्रखंड स्तर में भी पदाधिकारी केवल सिमित लोगों को ही योजना की जानकारी देते हैं।अत: इस ओर सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है तभी किसानों को उनका हक़ मिल पायेगा।
जिला हज़ारीबाग़ इचाक से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बाल विवाह करना अभिशाप है। बाल विवाह होने से बच्चों का बचपन छीन जाता है।बाल विवाह से बचने के लिए समाज को जगाने की जरुरत है,शिक्षा को आगे लाने की जरुरत है। बाल विवाह को रोकना बहुत ही जरुरी है।कम उम्र में बच्चे मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से तैयार नहीं होते हैं तथा उनकी शिक्षा भी अधूरी रह जाती है। उनका हर सपना अधूरा रह जाता है। विवाह होने के बाद बच्चों को कई तरह के प्रताड़ना का भी शिकार होना पड़ता है। लड़कियां कम उम्र में माँ बन जाती है साथ ही कई बिमारियों से भी ग्रसित हो जाती है, और कई तरह की समस्याओं से भी गुजरना पड़ता है।