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जिला हजारीबाग से टेक नारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाईल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है।और यहां के लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है।अगर झारखण्ड प्रदेश की बात की जाए तो यहां निवास करने वाले कुल आबादी के 80 प्रतिशत लोग कृषि कार्य से जुड़े है और उनकी आजीविका का एक मात्र साधन कृषि है।यहां के किसान अपने खेतों में ऊपज बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद का उपयोग ज्यादा मात्रा में कर रहे हैं। जिसका सीधा असर मानव जीवन पर पड़ रहा है। दरअसल अत्यधिक मात्रा में रासायनिक खाद प्रयोग करने से खेतों की मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। टेक नारायण जी कहते हैं कि जमीन को उपजाऊ बनाए रखने के लिए जैविक खाद का उपयोग करना होगा। अत: किसान भाइयों को अपने खेतों में रासायनिक खाद का प्रयोग करने से परहेज़ करना होगा । साथ ही इसमें सरकार को भी ध्यान देना चाहिए कि जैविक खाद को जगह -जगह पर उपलब्ध कराए, ताकी किसानों को जैविक खाद आसानी से मिल सके ।
जिला हजारीबाग इचाक से टेकनारायण जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि लड़की की उम्र अठारह वर्ष से कम और लड़के की उम्र एक्कीस वर्ष से कम में विवाह होने की स्थिति को बाल विवाह कहा जाता है। बाल विवाह होने के कई कारण है जैसे अशिक्षा के कारण लोग बाल विवाह कर देते है क्योकि उन्हें पता नहीं होता की इससे क्या हानि होगा। लोग गरीबी के कारण भी कम उम्र में शादी क्र करने से कम दहेज़ देना पड़ता है जिस कारण लोग बाल विवाह क्र देते हैं। सामाजिक दबाव होने के कारण भी लोग बाल विवाह करने को मजबूर हो जाते है।
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जिला हज़ारीबाग़ के इचाक प्रखंड से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि झारखण्ड में बाल विवाह एक अभिशाप की तरह फैली हुई है। बाल विवाह होने के कई कारण होते हैं गरीबी,अशिक्षा,पश्चिमी सभ्यता का हावी होना,सामाजिक दबाव एवं पड़ोसियों का ताना। सामाजिक दबाव के कारण सर्व प्रथम लोग अपने बच्चियों का बाल विवाह करने में मजबूर हो जाते है चाहे बच्चो को शिक्षा मिली हो या नहीं। साथ ही पड़ोसियों के द्वारा कई तरह से ताना भी दिया जाता है कि इनके घर में बच्चा एवं बच्चियां अधिक है और जरूर कोई दोष,बीमारी या कोई कारण है तभी इनकी शादी नहीं हो रही है। दूसरी ओर लोगों में शिक्षा का अभाव है उन्हें यह ज्ञात नहीं होता कि यदि बच्चों का बाल विवाह करते हैं तो उसके साथ किस तरह का शारीरिक एवं मानसिक परिणाम होता है
झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा जी बता रहे हैं कि अगर किसी को मलेरिया हो जाता है तो उसे जांच कराकर पूरा कोर्स करना चाहिए। और जब दवा का सेवन करते हैं तो कुछ खा कर ही करना चाहिए। जिससे पेट में जलन पैदा न हो
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जिला हज़ारीबाग़ इचाक से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से मलेरिया से बचाव पर आधारित एक कविता प्रस्तुत कर रहे हैं।
जिला हज़ारीबाग़ इचाक से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से गर्भवती महिला को मलेरिया से बचाना है पर आधारित एक कविता प्रस्तुत कर रहे हैं.
