हजारीबाग जिला के उमेश जी जो की एक किसान है वे अपनी आपबीती बता रहे है। झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम उनका कहना है की हमे सरकार न तो सब्सिडी दे रही है न ही हमें हमारी उपज किया हुवा का मूल्य भी प्रप्त हो रहा है हमे सरकार सब्सिडी में खाद्य दे। ताकि हमरी कि
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झारखंड राज्य के हज़ारीबाग जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि वर्तमान परिवेश में शिक्षा जीवन की धुरी है। मनुष्य के जीवन के लिए रोटी, कपड़ा और मकान मुलभुत जरुरत है। इसके साथ ही समाज में अब शिक्षा का होना भी अति आवश्यक हो चूका है। शिक्षा से व्यक्ति के चरित्र,व्यक्तित्व एवं संस्कार का निर्माण होता है।शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 पूरा देश में लागु है और भारतीय सविंधान के अनुच्छेद 21 (१) द्वारा बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्राप्त है।लेकिन देखा जाए तो शिक्षा के नाम पर सिर्फ करोड़ो रूपये व्यय किये जा रहे हैं ,जिसका परिणाम बिल्कुल ही शिथिल है ।झारखंड राज्य में साक्षरता दर बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा हर संभव प्रयास जारी हैं।प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा,खाना,कपड़ा,किताब एवं छत्रवृति तो उपलब्ध है।लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभाव है।जिसका मुख्य कारण हैं,स्कूलों में प्रशिक्षित बीएड शिक्षकों का अभाव होना।अब ऐसे में जहाँ शिक्षकों का ही घोर अभाव हो वहाँ की शिक्षा व्यवस्था का हाल क्या होगा यह खुद समझा जा सकता है।हमारे देश में बच्चों को समान रूप से शिक्षा प्रदान नहीं की जा रही है।धनी वर्ग के बच्चें अच्छे प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करते हैं।पूँजीपति घरों के बच्चें ही UPSC,JPSC की परीक्षाओं में पास हो पाते हैं।और सरकारी स्कूल के बच्चें बहुत पिछड़े रह जाते हैं।हमारे देश में दो तरह की शिक्षा प्रणाली चल रही है।सरकारी स्कूल के शिक्षक के मध्याहन भोजन ,छात्रवृति ,स्कूल निर्माण,पोशाक वितरण अन्य कार्यों के रिपोर्ट भेजने जैसे कार्यों में ज्याद व्यस्त रहने से बच्चों का क्लास नहीं ले पाते हैं।इस विषय पर सरकारी कर्मियों को ध्यान देने की जरुरत है।इसके बाद ही राज्य का चौमुखी विकास संभव है
झारखण्ड जिले के हजारीबाग के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो बता रहे है कि गिरिडीह जिला के बगोदर विधानसभा क्षेत्र के बनपुरा और तिरिगा में कांग्रेस पूर्व विधायक महेंद्र सिंह का चौदहवां शहादत दिवस हर्षोल्लाष के साथ मनाया गया। नौ बजे पूर्व विधायक बिनोद कुमार सिंह पार्टी सुप्रीमों दीपांकर भट्टाचर्य ने उसके चित्र में पुष्प अर्पित कर शुभआरंभ किया। .
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतों जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि भारत देश की आत्मा गांवों में बस्ती है। और भारत एक कृषि प्रधान देश हैं यहां के लगभग 70 प्रतिशत आबादी आज भी कृषि पर निर्भर करते हैं। लेकिन गौर किया जाये तो ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का घोर आभाव है। सरकार द्वारा किसानों के लिए तमाम तरह की योजनाएं चलाई जाती है लेकिन दुःख की बात है कि इन योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुँच पाता है। वहीँ अगर स्वास्थ्य के क्षेत्र की बात की जाये तो करोड़ो रुपये की लागत से अस्पताल बन चुके हैं लेकिन अस्पतालों में डॉक्टरों , नर्सों , एएनएम एवं तमाम स्वास्थ्य कर्मियों की कमी पाई जाती है। वहीँ दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की स्थिति काफी दयनीय है और इसमें एकरूपता की कमी देखि जाती है।इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जहाँ गरीब परिवार का बच्चा सही शिक्षा के आभाव में किसी भी क्षेत्र में नौकरी नहीं कर पाते वहीँ उच्च वर्ग के बच्चे देश एवं राज्य के सर्वोच्च पद जैसे जेपीएससी,यूपीएससी और एसएससी पदों के लिए क्वॉलिफाई कर पाते हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की स्थिति सिर्फ साक्षरता दर बढ़ाने तक ही सिमित है। साथ ही सरकारी कार्यालयों में पदाधिकारियों का घोर आभाव है। मजदूरों की समस्याओं के निपटान हेतू प्रत्येक प्रखंड में लेबर इंस्पेक्टर की जरुरत होती है लेकिन एक अधिकारी पुरे जिले को संभाल रहे हैं। ऐसे में देश के सर्वांगीण विकास का सपना कैसे पूरा होगा।
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झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि डिजिटल सेवा से हमारे देश के लोगों को काफी फायदा हो रहा है।सरकार के सभी विभाग में 2018 तक पेपर लैस व्यवस्था के अंतर्गत कार्य निष्पादन होंगे।इंटरनेट के माध्यम से सूचना के क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव आया है।डिजिटल इण्डिया को ध्यान में रख कर सभी सरकारी कार्यालयों में इंटरनेट का उपयोग हो रहा है।ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक पंचायत में वाई-फाई इंटरनेट के लिए भूमिगत पाईप लाइन बिछाया जा चूका है। परन्तु सेवा चालू नहीं हुआ है।प्रज्ञा केंदर का संचालन होने से पूरे विश्व की गतिविधि हम घर बैठे देख रहे हैं। सभी सरकारी विभागों में ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है।डिजिटल सेवा उपलब्ध होने से अब पदाधिकारी अपने इ-मेल में ज्यादा दिनों तक सन्देश रख सकते हैं। साथ ही पैसों की लेन-देन पहले से सरल हो गया है।25 प्रतिशत दुकानों में पे-एटीएम मशीन उपलब्ध होने से कैश लैस में बढ़ोतरी हुई है।डिजिटल सेवा को और अधिक सशक्त और मजबूत बनाने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।सूचना प्रोद्यौगिकी तंत्र के लिखित होने से रोजगार के क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है।सभी कार्यो का विवरण अब ऑनलाइन आईने की तरह साफ़-साफ़ देखा जा सकता है।ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवा किशोरावस्था के दौर से गुज़र रहा है,इसलिए गाँवो में इसे परिपक्व बनाने के लिए सरकार को और मेहनत करने की आवश्यकता है। दुनिया के देशों में सबसे ज्यादा नेट इस्तेमाल करने वाले चीन,अमेरिका,जपान के बाद भारत का स्थान आता है।
झारखण्ड राज्य हज़ारीबाग़ जिले के बिष्णुगढ प्रखंड से राजेश्वर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बाल विवाह पर आधारित एक स्लोगन प्रस्तुत कर रहे हैं।
झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ प्रखंड से राजेश्वर महतो मोबाइल वाणी पर चल रहे कार्यक्रम बाल विवाह मुक्त झारखण्ड अभियान के सन्दर्भ में बताते हैं कि भारत वर्ष में बाल विवाह बहुत ही गंभीर समस्या बन गई है। बाल विवाह का ग्राफ देखा जाए तो राजस्थान,एमपी,यूपी,बिहार तथा झारखंड में इसकी संख्या अधिक देखने को मिलता है। हाल ही में झारखण्ड सरकार ने कैबिनेट की बैठक में यह मंजूरी दी है कि अब सभी को विवाह के लिए निबंधन करवाना होगा। इस फैसले का जनता तहे दिल से स्वागत करती है। क्योंकि दहेज़ प्रथा और बाल विवाह समाज के लिए दो पहिया बना हुवा है। इसे निरन्तरं करने के लिए प्रत्येक राजस्व ग्राम में जोरदार आंदोलन जागरूकता चलाने की जरुरत हो रही है। इस रूढ़िवादी विचार धारा से असंख्य लोगो की जान जा चुकी है।
राज्य झारखंड,जिला हजारीबाग के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो जी झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि देश की प्रशासनिक व्यवस्था की सबसे छोटी इकाई ग्राम पंचायत है। झारखंड में भी पंचायती राज अधिनियम 2001 के तहत गाँव के चहुमुखी विकास के लिए पंचायत चुनाव हुआ है।पंचायतों में पंचायत भवन तो बन गए है, साथ ही कई महत्वपूर्ण बैठक, सार्वजनिक कार्यकर्मो का आयोजन पंचायत भवनों में होता है।पुरे प्रदेश में कुल चार हजार पांच सौ बारसठ पंचायत भवन बन का निर्माण हुआ है। जिसमें से मात्र दो हजार पंचायतों में व्यवस्थित ढंग से सभी कार्यों का निष्पादन किया जा रहा है। पंचायत सचिव के अभाव में एक पंचायत सेवक को चार पंचायत का कार्य भार सरकार द्वारा सौंपा गया है । जिस कारण स्थायी रूप से कई पंचायत भवन बंद है और इन भवनों को जरुरत के अनुसार ही खोला जाता है। जबकि झारखण्ड सरकार ने निर्देश जारी किये है कि पंचायत प्रतिनिधि और पंचायत सचिव को नियमित रूप से पंचायत में बैठ कर सरकार की योजनाओं का और सभी विभागों की जन-कल्याणकारी योजनाओं के बारे में मजदूर किसान खासकर बेरोजगार, बुजुर्गों और महिलाओं को जानकारी देने की जरूरत है।पंचायत प्रतिनिधि अपने कर्तव्य अधिकार के जानकारी के आभाव में चहुमुखी विकास नहीं कर पा रहे हैं। जिस वजह से सड़क, पुल-पुलिया, कुटीर उद्योग का विकास व्यवस्थित ढंग से नहीं हो पा रहा है। सरकार की व्यवस्था और उदासीनता व पंचायत कर्मी के आभाव में पंचायत भवन में कोई भी काम सही से नहीं हो पा रहा है।