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जिला दुमका से शैलेन्द्र सिन्हा साथ डॉ गगन ठाकुर ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है की शिक्षको हाई कोर्ट के जजमेंट के बाद भी शिक्षको के पंचम बेतन छ:माह से नहीं दिया जा रहा है.बात करने से बताया जाता है की जाँच की जा रही है।
शैलेन्द्र सिन्हा दुमका से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बाल विवाह पर प्रोफेसर विजय कुमार जी का विचार प्रस्तुत कर रहे है विजय जी कहते है की बाल विवाह नहीं होना चाहिए और अगर ये हो रहा है तो इसका शादी करने वाली बच्चियो के स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
शैलेन्द्र सिन्हा दुमका से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर सिद्धू कान्हू विश्वविद्यालय के संथाली भाषा के प्रोफ़ेसर का साक्षत्कार ले रहे है जो यह जानकारी दे रहे है की संथाली भाषा की पढाई की स्थिती कैसी है अभी संथाली भाषा के 5 शिक्षक कार्यरत है और शिक्षको की कमी है पीजी में अभी 300 स्टूडेंट है इस भाषा की पढाई करने से लोगो को रोजगार मिल रहे है.
शैलेन्द्र सिन्हा दुमका से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर बाल विवाह पर कार्यपालक अभियंता पी.एन सिंह का विचार साक्षत्कार के द्वारा प्रस्तुत कर रहे है पी.एन सिंह जी कहते है की बाल विवाह नहीं होना चाहिए शहर में तो बाल विवाह की प्रतिशत कम है पर ग्रामीण इलाको में अशिक्षा की वजह से अभी भी बाल विवाह जारी है.
शैलेन्द्र सिन्हा दुमका से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर सामाजिक व्यक्ति रमेश श्रीवास्तव जी का विचार बाल विवाह पर साक्षत्कार के माध्यम से प्रस्तुत कर रहे है रमेश जी कहते है की जब बच्चे का सही उम्र हो तभी शादी करे बाल विवाह न करे,जो कानून बाल विवाह के लिए में बना हुआ है उसका पालन किया जाये। आज भी बाल विवाह जारी है. कुपोषण के बारे में कहते है की सरकार कुपोषण के लिए कई योजनाये चला रही है और सार्थक प्रयासरत है.
शैलेन्द्र सिन्हा दुमका से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर स्नातक के छात्र का साक्षत्कार बाल विवाह के लिए प्रस्तुत कर रहे है हिमांसु मरांडी जी कहते है की बाल विवाह नहीं होना चाहिए झारखण्ड और बिहार में बाल विवाह ज्यादा हो रहे है इससे शरीर का विकास नहीं होता है जागरूकता और शिक्षा के माध्यम से बाल विवाह को रोक सकते है।
जिला दुमका से शैलेन्द्र सिन्हा साथ महेश पंडित जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है की बाल विवाह एक कुप्रथा है। इसका मुख्य कारन गरीबी और अशिक्षा है।जिसके कारन बाल विवाह को बढ़ावा मिलता है। इसे रोकने के लिए लोगो को शिक्षित होना होगा तथा ग्रामीण क्षेत्रो में अभियान चलाना होगा।क्योकि अब तक समाज में जागरूकता नहीं है.हर गांवो में पंचायत का आयोजन किया जाए और बाल विवाह से क्या क्या हानियां होती है इस बात को बताया जाए।
जिला दुमका से शैलेन्दर सिंहा ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बाल विवाह की वजह कौन से हैं और इसे रोकने के क्या उपाय हैं,इस पर चर्चा की। उन्होने कहा की बाल विवाह हमारे देश में एक कलंक की भांति है,इसके लिए अशिक्षा और जानकारी के आभाव कुछ खास कारण हैं,इसे कही भी देखे जाने पर उसे रोकने की कोशिश करना जरुरी है। कुछ लोग कानून के भरोसे रह कर इसे दर्शक की भांति देखते रहते हैं,सिर्फ कानून के भरोसे नहीं बल्कि हमें खुद से भी कोशिश करनी होगी,क्योकि जनता जागरूक होगी तभी कानून भी जागरूक रहेगा।
जिला दुमका से शैलेन्द्र,सिन्हा साथ चंचला वर्मा ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं।कीबाल विवाह समाज के लिए अभिशाप है। और इससे सबसे ज्यादा नुकशान लडकियो को पहुचता है।माता पिता उसकी शादी जल्दी कर देते है जिससे वह शिक्षा से भी वंचित रह जाती हैं।
