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मोतिहारी के सुगौली नगर पंचायत क्षेत्र के सफाईकर्मियों ने मजदूरी, वेतन और पीएफ में गड़बड़ी को लेकर शुक्रवार को नगर पंचायत कार्यालय परिसर में हंगामा किया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

-पंजाब में मजदूरी करने गए युवक की हुई मौत -खबर मिलते गांव में पसरा सन्नाटा -पताही थाना क्षेत्र के नन्हकार गांव का है मजदूर गौरी शंकर पासवान -सड़क हादसा के बाद इलाज के दौरान हुई मौत। -पंजाब के संगरूर जिला के बेनरा पिंड स्थित केशव पीवीसी प्लास्टिक फैक्ट्री की है घटना।  

मेरी भी आवाज़ सुनो कार्यक्रम के अंतर्गत इस कड़ी में ई-श्रम कार्ड योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।ई-श्रम कार्ड योजना की शुरुआत होने से लोगों को काम मिलना आसान हो गया है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

राज्य के 22 लाख निबंधित कामगारों के आधार का सत्यापन होगा। ये सभी कामगार बिहार भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से निबंधित हैं। डुप्लीकेसी (नकल) रोकने के लिए श्रम संसाधन विभाग ने यह निर्णय लिया है। आधार सत्यापन के तहत सभी कामगारों का बायोमीट्रिक सत्यापन होगा। बिहार में बिहार भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत भवन निर्माण से संबंधित कामगारों का निबंधन किया जाता है। इसके तहत राजमिस्त्रत्त्ी, हेल्पर, रौलर चालक, ईंट निर्माण व पत्थर तोड़ने के कार्य में लगे मजदूर, सड़क, पुल एवं बांध निर्माण कार्य में लगे मजदूर, गेट ग्रिल व वेल्डिंग कार्य करने वाले, कंक्रीट मिश्रण करने वाले सहित कुल 20 प्रकार के कामगारों का निबंधन किया जाता है। वैसे निर्माण कामगार जिनकी उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच हो, अपना निबंधन करा सकते हैं। निबंधन शुल्क 20 रुपए है। निबंधन के समय ही मासिक अंशदान 50 पैसे प्रतिमाह के हिसाब से एकमुश्त पांच वर्ष के लिए 30 रुपए यानी कुल 50 रुपए लिए जाते हैं। पांच साल बाद कामगारों को नए सिरे से अपना निबंधन नवीकरण कराना पड़ता है। अंशदान समाप्त होने पर कामगारों को बोर्ड का सदस्य नहीं माना जाता और उन्हें सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलता है। अभी कामगारों के निबंधन के समय आधार कार्ड, बैंक खाता, उम्र का प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र या स्कूल या जन्म प्रमाण पत्र, नियोजक द्वारा 90 दिन काम करने का नियोजन प्रमाण पत्र व दो रंगीन फोटोग्राफ लिया जाता है। नियोजक द्वारा कार्य का प्रमाण पत्र नहीं देने की स्थिति में 90 दिनों का कार्य करने के संबंध में स्व-घोषणा पत्र जमा करना होता है। विभाग के अधिकारी निर्माण स्थलों पर जाकर भी कामगारों का निबंधन करते हैं। लेकिन इन प्रक्रियाओं के बावजूद निबंधन में गड़बड़ी की गुंजाइश बनी रहती है। निबंधन के लिए कामगार किसी और का आधार कार्ड या अन्य कागजात जमा करा सकते हैं। ऐसे में इस योजना के योग्य लाभार्थियों को सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा और कोई अपात्र कामगार योजना का लाभ उठा सकते हैं। हर योग्य और पात्र लाभुकों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिए बायोमीट्रिक सत्यापन होगा। हर लाभार्थी के चेहरे और अंगूठे का मिलान होगा कि वह आधार से मिल रहा है या नहीं। ऐसा नहीं होने पर संबंधित कामगारों का निबंधन रद्द कर दिया जाएगा।

मेरी भी आवाज़ सुनो कार्यक्रम के अंतर्गत इस कड़ी में मनरेगा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।भारत सरकार ने मनरेगा योजना के अंतर्गत मजदूरों के संकट को दूर करने की कोशिश की है। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

नेपाल के परसा जिला के वीरगंज वार्ड 32 स्थित एक कागज़ फैक्ट्री में हुई दुर्घटना में एक भारतीय मजदूर की मौत हो गयी।दुर्गा पल्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कागज फैक्ट्री में कागज का बंडल गिरने की वजह से फैक्ट्री में कार्यरत भारतीय मजदूर बुरी तरह जख्मी हो गया।जिसे स्थानीय अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।मृतक की पहचान भारत के उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर का निवासी रविंद्र रस्तोली (35)के रूप में हुई है।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कागज़ का बंडल गिरने से सिर,चेहरा व शरीर पर काफी चोट आयी व बुरी तरह जख्मी हो गया। मानक के अनुरूप फैक्ट्री में कार्य नहीं होने से यह दुर्घटना हुई। सूत्रों का कहना है कि इससे पूर्व भी फैक्ट्री के उत्सर्जित रसायन व छाई को लापरवाही से फेंके जाने से चार लोगों के पांव जल गए थे । इधर, परसा जिला के डीएसपी निर्मल बूढ़ा थोकी ने बताया कि शव को नियंत्रण में ले कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। वहीं,फैक्ट्री संचालक रोहित अग्रवाल का कहना है कि यह अकस्मात दुर्घटना है।श्रमिक को नियम के तहत क्षति पूर्ति दी जाएगी।

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सुगौली खेग्रामस और मनरेगा मजदूर सभा ने अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर प्रखंड मुख्यालय पर दिया एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन।