तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला के सिडको मुथालिपलायम से अशोक कुमार ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि 28 जुलाई को जो श्रमिकों को कंपनी में कोरोना टीका लगने वाली थी उसके लिए उनसे 800 रूपए लिया जा रहा था। कुछ श्रमिकों ने पैसे नहीं देना चाहा तो बात विचार कर श्रमिकों से टीका के 400 रूपए लिए गए। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी ख़बर...

तमिलनाडु के तिरुपुर ज़िला के सिडको के मुथालिपलायम से हमारी श्रोता ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वो मध्यप्रदेश की रहने वाली है और काम के लिए तमिलनाडु में है। लॉक डाउन के कारन उन्हें बहुत समस्या हो रही है। उन्हें साझा मंच से सहायता चाहिए

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला के मुथालिपलायम सिडको से हमारी श्रोता ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि लॉक डाउन के कारण सारा काम बंद है। गर्भवती है और खाने पीने की भी समस्या हो रही है। वापस घर भी नहीं जा सकते है। मदद चाहिए।

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला के मुथालिपलायम सिडको से हमारे श्रोता ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि वो लॉक डाउन के कारण मुथालिपलायम सिडको में फँस गए है। काम भी बंद है और पत्नी गर्भवती है। उन्हें कुछ सहायता चाहिए

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला के मुथालिपलायम से श्रमिक वीरेन ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि वो गारमेंट कम्पनी में नौकरी करने के लिए परिवार के साथ सिडको आए थे। अब लॉक डाउन के कारण वो परिवार के साथ मुसीबत में है। उन्हें सहायता चाहिए

तिरुपुर सड़क से एक श्रोता बता रहे हैं कि कम्पनियाँ बंद हो जाने से खाने के लिए पैसे की कमी हो रही है

तमिलनाडु त्रिपुर सिडको से एक श्रोता ने बताया कि लॉक डाउन के बाद दो महीने से वे बेरोजगार बैठे हैं। उन्हें मदद की जरूरत है

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला के सिडको से अशोक कुमार ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि तिरुपुर पेट्रोल का दाम बढ़ जाने से लोगों को परेशानी हो रही है। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी ख़बर..

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला के सिडको से अशोक कुमार ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि तिरुपुर में चुनाव की तैयारी को लेकर पूरे सुरक्षा के इंतेज़ाम किये हुए है। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी ख़बर...

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला के सिडको मुथालिपलायम से अशोक कुमार ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि एक श्रमिक जो कंपनी में चेकिंग सुपरवाइज़र का काम करते थे वो नौकरी नहीं मिलने के कारण अब चिकन शॉप खोल कर चिकन का व्यापार कर रहे है