मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

नमस्कार श्रोताओं मैं मीना कुमारी समिलनाथ डे श्रोता पशु चिकित्सा सलाहकार के लिए नौकरियां तिरुपुर जिले में एक वर्ष के अनुबंध के आधार पर सात पशु चिकित्सा सलाहकार नियुक्त किए गए हैं । सत्ताईस मार्च के लिए सुबह ग्यारह बजे सभी से एक पूर्ण प्रमाण पत्र के साथ शामिल होने का अनुरोध किया जाता है पद का नाम पशु चिकित्सा सलाहकार है जिसका वेतन लगभग है ।

गुड़गांव कोर्ट में मज़दूरों की हक़ की लडाई लड़ने वाले वकील गणेश जी बताते हैं आज एक महिला को उनकी मेहनत का हक़ न्यायालय के आदेश पर कम्पनी देना पड़ा पर महिला अपना बकाया राशि लेने नही आयीं ऐसा कम ही होता है।

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