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झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ ज़िला के कटकमदाग प्रखंड से लखन कुमार की बातचीत जेएसएल पीएफ के बीपीएम भावेश कुमार जी से हुई और उन्होंने बताया कि दिनाँक-06/04/2020 को मोबाइल वाणी के द्वारा यह सन्देश सुनने को मिला कि जानकारी के अभाव में लोग दीदी किचन का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।इसे सुनकर भावेश कुमार ने जनप्रतिनिधियों की सहायता से लोगों को इसके बारे में जागरूक किया। लॉक डाउन के कारण गरीब,असहाय व मजदूरों को सबसे अधिक समस्या भोजन की होने लगी है। इसे देखते हुए दीदी किचन का आयोजन कर सखी मंडल की दीदीयों की सहायता से प्रत्येक दिन लगभग 800 लोगों को निःशुल्क दो बार दोपहर और रात में भोजन करवाया जाता है। इसमें मुख्य रूप से सखी मंडल की दीदीयों का योगदान रहता है। वे अपने स्तर से चावल,दाल और सब्जी इकठ्ठा कर मिलजुल कर भोजन बना कर लोगों को खिलाती हैं। इस सराहनीय कार्य के लिए भावेश कुमार जी ने मोबाइल वाणी को धन्यवाद दिया।

झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ ज़िला के कटकमदाग प्रखंड से लखन कुमार की बातचीत कसमार प्रखंड के बिडियो जीतेन्द्र कुमार मंडल से हुई। इस बातचीत में उन्होंने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हुए कहा हैं कि कोरोना वायरस को लेकर सरकार द्वारा पूरे देश में लॉक डाउन कर दी गई है। इस दौरान जगह-जगह कई समस्याएँ उत्पन्न हो रही है। हालाँकि सभी समस्याओं के निराकरण को लेकर सरकार एवं प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह से जुटे हुए हैं। उन्ही समस्याओं में एक समस्या किसानों की थी जिसे लखन कुमार ने दिनाँक 31/03/2020 को महेंद्र प्रसाद जी से फोन में बातचीत कर इसे मोबाइल वाणी में प्रसारित किया था जिसका आइटम नंबर- 2014859 है। इस बातचीत में बानादाग निवासी प्रगतिशील किसान महेंद्र प्रसाद ने कहा कि किसानों को दो तरफा मार झेलना पड़ रहा है। 15 दिन पूर्व ओलावृष्टि से फसलें नष्ट हो गई। अब कोरोना को लेकर देश में लॉकडाउन से फसलें खेत-बारी व घर भी बर्बाद हो रहा है।इस समस्या पर बीडीओ जीतेन्द्र कुमार मंडल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जो भी किसान अपनी सब्जियों को बेचना चाहते हैं वो ब्लॉक में आ कर आवेदन जमा कर सकते हैं। क्योंकि जिला से यह आदेश आया है कि सभी किसानों के सब्जियों को वेंडर के रूप में आवेदन कर उसे होम डिलेवरी कराया जाए। किसानो के लिए यह सुविधा 24 घण्टे चालू रहेगी। साथ ही किसानों द्वारा 15 दिन पूर्व अंचल में जो आवेदन जमा किया गया था उस पर भी कार्यवाई कि जाएगी। फिलहाल सभी अधिकारी कोरोना से आई इस आपदा के निपटारे में लगी हुई है।

झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला के कटकमसांडी प्रखंड से गांव रविंदर कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि कटकमसांडी प्रखंड के बाझा पंचायत अंतर्गत परेवतरी गॉँव में आने जाने के लिए सड़क नहीं है। चारों ओर जंगलो से घिरा इस गांव में मुख्य रूप से आने जाने के लिए पगडण्डी ही एक मात्र सहारा है। गाँव को जोड़ने के लिए आज तक सरकार कि ओर से कोई भी पक्की सड़क का निर्माण नहीं किया गया है। जिस कारण गांव के लोगों को आवागमन के लिए जंगली पगडंडियों का सहारा लेना पड़ता है। बरसात के दिनों में अधिक बारिश होने के कारण जंगल का पुरा पानी गांव में आ जाता है जिस कारण सभी पगडंडियाँ बाढ़ के पानी से ध्वस्त हो जाता है और सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बन जाते हैं।यदि गाँव में कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो उसे लेने के लिए गांव में एम्बुलेंस नहीं आ पाता है ,जिस कारण मरीजों को गांव से मुख्य सड़क तक लाने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस विषय में जब अनुसूचित जाती व जनजातियों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण करवाने के लिए कई बार अधिकारियों को पत्र लिखा गया है, परन्तु आज तक इस गाँव में किसी भी अधिकारी द्वारा सड़क निर्माण का कार्य नहीं किया गया है। सड़क के अभाव के कारण इस गाँव की स्थिति नरकिये बनी हुई है।जर्जर सड़क होने के कारण किसानों को भी अपने फसलों के उत्पाद मुख्य सड़क तक ले जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।अब स्थिति यह है कि किसानों के फसल उत्पाद को बिचौलियों द्वारा ओने पौने दाम में खरीद कर किसानों का शोषण करते हैं। जिस कारण किसानो को अपने फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। गांव के लोगों ने जनप्रतिनिधियों से परेवतरी में जल्द से जल्द सड़क निर्माण करवाने की माँग की है।

झारखंड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के कटकमसांडी प्रखंड से रविंदर कुमार ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कटकमसांडी प्रखंड स्थित प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले क़रीब नौ हज़ार से अधिक छात्र-छात्राओं को शिक्षा विभाग की ओर से अभी तक स्कूली पोशाक आवंटित नहीं हो पाया है।ठण्ड के मौसम में उन्हें स्वेटर और जूते भी नसीब नहीं हुए है। झारखण्ड शिक्षा परियोजना के प्रशासनिक पदाधिकारी श्री जयंत मिश्रा के आदेश के बावज़ूद अधिकारियों द्वारा विद्यार्थीओ को गर्म पोषक वितरित नहीं किया गया।स्थिति यह है कि छात्र-छात्राएँ गर्म स्कूली पोषक के अभाव में इस कड़ाके की ठण्ड में ठिठुरते हुए विद्यालय आने को मज़बूर है। झारखंड शिक्षा परियोजना के प्रशासनिक पदाधिकारी जयंत मिश्रा ने सभी अधिकारियों को 10 जनवरी 2020 तक स्वेटर ,जूते व स्कूली पोशाक मुहैया कराने का निर्देश दिया था बावजूद अभी तक किसी भी स्कूलों में छात्र छात्राओं को स्वेटर ,जूते व स्कूली पोशाक नहीं मिल पाया है।अब वित्तीय वर्ष 2019-2020 बीतने को है और ठण्ड भी ख़त्म होने के कगार में है , ऐसे में बच्चों को स्कूली पोशाक न मिल पाना कहीं न कहीं शिक्षा विभाग की लापरवाही को दर्शाता है।दूसरी ओर वित्तीय वर्ष 2018-2019 में भी विधार्थियों को स्कूली पोशाक नहीं मिल पाया था। जिस कारण बच्चों को हर दिन ठण्ड का सामना कर विद्यालय आना पड़ता है। प्रखंड के अभिभावक संघ तथा विधायक प्रतिनिधि ,विसूत्री अध्यक्ष ,भाजपा मंडल अध्यक्ष आदि ने शिक्षा विभाग की इस लापरवाह रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग ठण्ड में बच्चों को स्वेटर नहीं देंगे तो क्या गर्मी में देंगे..?अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से अविलंब छात्र-छात्राओं को स्वेटर ,जूते व पोशाक उपलब्ध कराने की मांग की है।

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जिला हजारीबाग से मोहम्मद रुस्तम खान जी ने मोबाइल वाणी को बताया कि कटकमदाग प्रखंड अंतर्गत पतेय पंचायत भवन में बाल संरक्षण पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण सामिति का गठन किया गया। कार्यशाला में उपस्थित बीडीओ सह सीओ ओम प्रकाश मंडल ने कहा कि आज इस कार्यशाला में गठित समिति अपने प्रखंड क्षेत्र के पिछड़े, लावारिस, नशा के आदि, घर से भागे बाल मजदूर, अनाथ आदि बच्चों को चिन्हित कर मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य करेगी। समिति के अध्यक्ष प्रमुख अशोक यादव सचिव बीडीओ ओम प्रकाश मंडल, सह सचिव और समन्वयक सीडीपीओ मीणा ठाकुर समेत कई अन्य अधिकारी पदेन तथा कई चयनित सदस्य शामिल हैं। दोस्तों अगर आप भी इस तरह की कोई जानकारी हमारे साथ बाँटना चाहते हैं ,तो मिस्ड कॉल जरुर करें मोबाइल वाणी निःशुल्क नंबर -08800097458 पर

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Nov. 28, 2014, 4:35 p.m. | Location: 10: JH, Bokaro | Tags: politics   election   | Category: politics

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