दोस्तों, कोरोना संक्रमित मरीजों में सर्दी जुकाम, खांसी और बुखार का होना आम लक्षण हैं, इसलिए डॉक्टर एहतियात के तौर पर उन्हें ठंडी चीजों से दूर रहने की सलाह देते हैं. जैसे बर्फ, ठंडा पानी, शरबत आदि. लेकिन फलों का जूस तो उनकी तबियत में सुधार लाने के लिए बहुत जरूरी है, अगर जूस में बर्फ ना डालें तो! साथ ही इसके अलावा और क्या क्या ध्यान रखना चाहिए , जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

मुंगेर, 8 अगस्त। तापमान में लगातार हो रहे उतार- चढ़ाव और समय - समय पर हो रही बरसात के कारण मौसम में भी बदलाव हो रहा है। इसके कारण जिला में डेंगू और चिकनगुनिया का संक्रमण फैलने की संभावना काफी बढ़ गई है। इसको लेकर प्रत्येक आयु वर्ग के लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत ही सचेत और सावधान रहने की जरूरत है। इसके लिए रहन- सहन में सकारात्मक बदलाव के साथ- साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके अलावा डेंगू और चिकनगुनिया का लक्षण महसूस होने पर तुरंत ही जाँच करवाने की भी जरूरत है ताकि शुरुआती दिनों में ही बीमारी की पहचान होने के बाद आसानी से बीमारी को भी मात दी जा सके। इस बीमारी से बचाव के लिए जन - जागरूकता भी बेहद जरूरी है।

दोस्तों, सही जानकारी ना हो तो कितनी परेशानी हो जाती है... अभी सुना ना आपने. इसलिए तो कहते हैं कि हर बात को वेरीफाइ जरूर करें. खैर अब आप बताएं कि अगर आपके घर में या आसपास कोई कोरोना संक्रमित हो तो उसकी मदद कैसे करेंगे? संक्रमित व्यक्ति से संक्रमण दूसरों में ना फैले इस​के लिए कौन कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए? अगर आपके आसपास कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति है तो उसके साथ सभी का व्यवहार कैसा है? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

दोस्तों, कोरोना का खतरा अब पहले जैसा नहीं है. लोग अस्पताल कम पहुंच रहे हैं पर इसका मतलब ये नहीं कि कोरोना जड़ से खत्म हो गया है और खतरा अभी टला नहीं....! अगर आप भी कोरोना को हल्के में ले रहे हैं तो जरा हमारे राजू और पंकज से सबक ले लीजिए..!

मुंगेर, 25 जुलाई। जिला भर में 15 से 30 जुलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चल रहा है । इस दौरान आशा कार्यकर्ता के द्वारा घर- घर जाकर पांच साल से कम उम्र के सभी बच्चों के बीच ओआरएस के पैकेट, जिंक टैबलेट्स और जिंक सिरप वितरित किए जा रहे हैं। ताकि, बच्चों को दस्त (डायरिया) के दुष्प्रभाव से बचाया जा सके। इसके लिए वार्ड स्तर से लेकर जिलास्तर तक विभिन्न गतिविधियों का भी आयोजन किया जा रहा है। विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों को दस्त के कारण, लक्षण और इससे बचाव की जानकारी दी जा रही है । इसी क्रम में जमालपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत इटहरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कार्यक्रम आयोजित कर स्थानीय ग्रामीणों को दस्त के लक्षण और इससे बचने के उपाय के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। कार्यक्रम में आए बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को ओआरएस का पैकेट और जिंक टैबलेट्स और सिरप भी दिया गया। कार्यक्रम का संचालन कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ ) अर्चना कुमारी ने किया। कार्यक्रम में आशा फैसिलिटेटर बिंदु कुमारी, आशा कार्यकर्ता ममता कुमारी, उर्मिला देवी, विशाखा कुमारी और रीना देवी के अलावा कई ग्रामीण महिलाएं शामिल हुईं ।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से लक्ष्मण कुमार सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से हवेली खरगपुर के वृंदावन क्षेत्र के समाजसेवी राजीव हिंदुस्तानी से साक्षात्कार लिया है। जिसमे उन्होंने बताया है कि इस क्षेत्र में पेयजल का बहुत समस्या है। आंगनवाड़ी या स्वास्थ्य कर्मी किसी भी प्रकार का मदद नहीं करते हैं और न ही कभी जागरूक करने के लिए आए हैं। जब किसी बच्चे को तबीयत अचानक खराब होता है तो नजदीकी चिकित्सक से इलाज कराया जाता है और अगर नजदीकी चिकित्सक नहीं होने के बाद शहर की ओर ईलाज के लिए जाना पड़ता है.

बिहार राज्य के मुंगेर जिला के हवेली खरगपुर से लक्ष्मण कुमार सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से समाजसेवी रचना कुमारी से साक्षात्कार किया। रचना कुमारी ने बताया कि साफ पानी उन्हें पीने के लिए नहीं मिलता है वह गांव में ही जो चापाकल कुआं है जिसमें कई प्रकार का कीटाणु भी निकलता है उसी पानी का सेवन करते हैं कभी भी आंगनबाड़ी हो या स्वास्थ्य कर्मी सलाह देने या निवारण के लिए कुछ नहीं बताता है उन्होंने कहा कि वह घरेलू उपचार से ही कोशिश करते हैं कि बच्चे अगर बीमार हो तो ठीक हो जाए या तो ग्रामीण चिकित्सक से इलाज करवाते हैं अधिक होने पर मुंगेर ले जाते हैं शहर के अपेक्षा गांव अभी भी बहुत पीछे हैं

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस: तम्बाकू सेवन के दुष्परिणाम के प्रति जागरूक करने को छात्राओं ने निकाली प्रभात फेरी - प्रभातफेरी को प्रभारी सिविल सर्जन, डीपीएम, डिप्टी सुपरिटेंडेंट और एनसीडीओ ने दिखाई हरी झंडी - स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने ली तम्बाकू उत्पाद इस्तेमाल नहीं करने की शपथ मुंगेर, 31 मई। विश्व तम्बाकू दिवस के अवसर पर लोगों को तम्बाकू सेवन के दुष्परिणाम और माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मंगलवार को एएनएम स्कूल की छात्राओं ने एनसीडीसी कार्यालय से प्रभात फेरी निकली । प्रभात फेरी को जिला के सिविल सर्जन डॉ. आनंद शंकर शरण सिंह, डीपीएम नसीम रजि, हॉस्पिटल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. प्राण मोहन सहाय , एनसीडीओ डॉ. के. रंजन और एनसीडी कार्यालय की राखी मुखर्जी ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर डीपीसी विकास कुमार, लेखापाल उत्तम कुमार, साइकोलॉजिस्ट नितिन आनंद, डेटा ऑपरेटर राहुल कुमार सहित सदर अस्पताल में कार्यरत कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। प्रभातफेरी को हरी झंडी दिखाते हुए जिला के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. आनंद शंकर शरण सिंह ने बताया कि तम्बाकू निषेध और माहवारी स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जिला में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष 28 मई को माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने और कपड़ा के स्थान पर सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया जाता है ताकि वो माहवारी के दौरान किसी प्रकार के संक्रमण की शिकार न हो। उन्होंने बताया कि तम्बाकू उत्पादों के इस्तेमाल से होने वाले दुष्परिणाम से लगभग सभी लोग परिचित हैं। सरकार के द्वारा भी तम्बाकू उत्पादों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। बावजूद इसके जागरूकता की कमी के कारण लोग धड़ल्ले से तम्बाकू उत्पादों का इस्तेमाल कर रहे हैं। मौके पर मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. के. रंजन ने बताया कि मुंगेर बिहार का पहला ऐसा जिला है जो जिला कोटपा एक्ट 2003 के अंतर्गत सम्मिलित है। इस अवसर पर उन्होंने एनसीडी द्वारा बनाए गए स्लोगन को दुहराते हुए बताया कि " तम्बाकू एवं धूम्रपान की यदि है आपको आदत तो आप देते हैं कई बीमारियों को दावत"। इसलिए तम्बाकू को छोड़िए और अच्छी सेहत से जुड़िए। उन्होंने बताया कि तम्बाकू छोड़ने के कई फायदे हैं - 1 - हार्ट बीट और ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है। 2 - ब्लड में ऑक्सीजन लेवल बेहतर रहता है। 3 - ब्लड सर्कुलेशन और लंग्स बेहतर ढंग से काम करता है। 4 - खाँसी, थकान और सांस टूटने की शिकायत कम होती है। 5 - हार्ट अटैक का जोखिम कम रहता है। 6 - मुंह, गला, भोजन की नली और पेशाब की थैली के कैंसर का जोखिम कम रहता है।

टीबी है एक संक्रामक बीमारी इसलिए हमेशा रहें सावधान - दो हफ्ते से ज्यादा खाँसी रहने पर तुरंत कराएं जाँच सभी अस्पतालों में उपलब्ध है मुफ्त जाँच की व्यवस्था - जिलाभर के हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर स्तर पर हो रही है सैम्पलिंग - निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को सरकार द्वारा दी जाती है सहायता राशि

दोस्तों, मोबाइलवाणी के अभियान क्योंकि जिंदगी जरूरी है में इस बार हम इसी मसले पर बात कर रहे हैं, जहां आपका अनुभव और राय दोनों बहुत जरूरी हैं. इसलिए हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में बच्चों को साफ पानी किस तरह से उपलब्ध हो रहा है? क्या इसमें पंचायत, आंगनबाडी केन्द्र आदि मदद कर रहे हैं? आप अपने परिवार में बच्चों को साफ पानी कैसे उपलब्ध करवाते हैं? अगर गर्मियों में बच्चों को दूषित पानी के कारण पेचिस, दस्त, उल्टी और पेट संबंधी बीमारियां होती हैं, तो ऐसे में आप क्या करते हैं? क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से बच्चों का इलाज संभव है या फिर इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड रहा है? जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, क्या उन्हें वहां पीने का साफ पानी मिल रहा है? अगर नहीं तो वे कैसे पानी का इंतजाम करते हैं?