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दोस्तों, , कोरोना संक्रमण का असर 2 सप्ताह या अधिकतम 1 माह में खत्म हो जाता है. इसके बाद जैसे ही पीडित की रिपोर्ट नेगेटिव आती है, उस समय से 3 माह बाद कोरोना टीके की पहली डोज लगवा सकते हैं .

अगर अभी तक आप कोरोना टीका लेने से घबरा रहे हैं तो देर मत कीजिए.... जल्दी से किसी डाॅक्टर, आशा कार्यकर्ता या फिर स्वास्थ्य कर्मचारी की सलाह लें... ना कि सोशल मीडिया या फिर इधर-उधर से सुनी सुनाई बातों पर विश्वास करें. साथ ही हमें बताएं कि आप कैसे कोरोना टीके से जुडे मिथकों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं? क्या इस काम में आपको प्रशासन की ओर से कोई मदद मिल रही है? और अगर आप कोरोना का टीका लगवा चुके हैं तो अपना अनुभव हमारे साथ साझा करें. अपनी बात रिकाॅर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

बिहार राज्य के मुंगेर जिला के हवेली खरगपुर से लक्ष्मण कुमार सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से अनुराग से साक्षात्कार लिए है। जिसमें उनका कहना है कि उन्होंने करोना का पहला डोज लिया है और दूसरा डोज नहीं ले पाए है क्योंकि वह बाहर रहते हैं। उन्होंने कहा की सभी को करोना का टीका लेना चाहिए क्योकि इससे किसी प्रकार का कोई दिक्कत नहीं होती है।

दोस्तों, सरकार के प्रयासों से देश की अधिकांश जनता ने कोविड टीके की दोनों खुराके ले ली हैं पर फिर भी हमारे बीच कोरोना संक्रमण का खतरा कम नहीं हो रहा है. इसकी वजह है कि अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं, जो कोरोना टीके के बारे में भ्रमित हैं... यानि अफवाहों के चलते उन्होंने टीकाकरण नहीं करवाया है. जिसकी वजह से हमारे समाज में अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है. और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

दोस्तों, कुछ लोगों को ये गलतफहमी होती है कि कोविड बचाव का टीका लगवा लेने के बाद अब उन्हें संक्रमण नहीं होगा. इसलिए वे भीड़भाड़ वाली जगहों पर चले जाते हैं. जबकि यह बात समझना चाहिए कि टीका संक्रमण के प्रभावों को कम करता है. संक्रमण से बचाव के लिए अभी भी हमें भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए. जितना ज्यादा हो सके, सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना चाहिए. फिर भी समुदाय में अलग लोगों को बाहर जाना ही है तो वे मास्क पहनकर जाएं. और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

बिहार राज्य के मुंगेर जिला से विपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बता रहे हैं कि नवरात्रि के शुरुआत के साथ ही खुशियां अपने आगमन का संकेत देने लगी है। दशहरा, दीपावली व लोक आस्था के त्यौहार छठ को लेकर लोग घर आने वाले अपने परिजनों के इंतजार में हैं। इसके साथ ही त्यौहार को लेकर बाजार में भी खरीदारी कर रहे हैं । इसके साथ ही मिलने- जुलने वाले लोगों के स्वागत की तैयारी में भी जुट गए हैं। बावजूद इसके यहां यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि कोरोना वायरस का संक्रमण अभी कम भले हुआ है लेकिन अभी भी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ । पहले की तरह इस बार की दीपावली भी बिल्कुल अलग है। इन त्यौहारों को कई मायनों में हमें ख़ास बनाना होगा। अभी के दौर में भी कोविड-19 के संक्रमण का खतरा बना हुआ और सरकार हमें सतर्कता के साथ त्यौहार का आनंद उठाने की सलाह दे रही है। इस दौरान थोड़ी सी सतर्कता एवं सावधानी से हम सभी संक्रमण मुक्त रह सकते एवं त्यौहार की खुशी लोगों के साथ साझा कर सकते हैं। इसमें विशेषकर हाथ धोने, मास्क पहनने और 6 फीट की दूरी रखने जैसे नियमों का पालन भी जरूरी है। सिविल सर्जन डॉ. पीएम सहाय ने बताया कि त्यौहार के सीजन में सतर्कता ही सुरक्षा है। कोविड टीका का बूस्टर डोज अनिवार्य रूप से लेकर ही सभी लोग त्यौहार का आनंद लें। पूर्ण रूप से टीकाकृत होकर सभी लोग संक्रमित होने से बच सकते और समुदाय को भी संक्रमण से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। इस समय सभी जगह अत्यधिक भीड़ देखी जा रही और यह संक्रमण को आमंत्रण दे सकती है। इसलिए लोगों को हर हाल में दवा और दूरी के मूलमंत्र को अपनाते हुए तमाम कामों के साथ कोविड के सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा तभी हम खुशियों को खुद से और सभी से साझा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि हैंड सैनिटाइजर और मास्क के साथ ही घर से बाहर किसी भी काम के लिए निकलें। त्यौहार में लोगों के एक जगह इकट्ठा होने की पूरी सम्भावना है। ऐसे में मास्क, हैंड सैनिटाइजर और दो गज की सामाजिक दूरी के नियम का पालन अनिवार्य रूप से करें। यह कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव में सबसे उपयोगी साबित हो सकती है। मास्क इस समय सर्दी, प्रदूषण और कोरोना तीनों से बचाव कर सकता है। इसलिए घर से बाहर निकलते समय हमेशा मास्क का प्रयोग जरूर करें। इसमें किसी तरह की लापरवाही न बरतें। यह सही है कि इस समय कोरोना का रिस्क ज्यादा है। ऐसे में लोग त्यौहार मनाने के उत्साह में कोरोना को लेकर बिल्कुल भी लापरवाह न हो। किसी भी वस्तु या जगह को छूने से बचें और स्पर्श अगर हुआ हो तो अपने हाथों को सैनिटाइज अवश्य करें। सिविल सर्जन ने बताया कि कोरोना टेस्ट ज्यादा किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने व्यवस्था को दुरुस्त रखने और ड्यूटी पर मुस्तैदी के निर्देश दिए हैं। भीड़भाड़ वाले पूजा पंडालों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा वैक्सीनेशन सहित कोरोना की जांच की जाएगी और जांच में भी तेजी लाई जाएगी। इस दौरान किसी प्रकार से कोरोना की स्थिति या संदेह उत्पन्न होने पर निकट के सरकारी अस्पतालों में संपर्क कर सकते हैं। सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड में रखा गया है। कोरोना जांच के साथ समुचित चिकित्सीय प्रबंधन की व्यवस्था की गई है।

दोस्तों,कोविड का टीका हर तरह के परीक्षण के बाद तैयार किया है और फिर आम नागरिकों तक पहुंचा है. असल में कोरोना का टीका शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है. इससे शरीर को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता. टीके के प्रभाव से कुछ लोगों को हल्का बुखार या फिर टीका लगने वाले स्थान पर दर्द हो सकता है लेकिन यह क्षणिक है. यानि एक दो दिन में खुद ठीक हो जाता है. इससे ना तो माहवरी बंद होती है ना ही उस दौरान दर्द होने जैसी कोई समस्या आती है. और ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें .

दोस्तों, हम पुरानी परम्परा रही है कि किसी भी नवजात शिशु को 6 दिन तक किसी अन्य व्यक्ति के हाथ में नहीं दिया जाता. ताकि गंदे हाथों की वजह से उसे संक्रमण न हो जाए. साथ ही लोगों को हिदायत दी जाती है कि बच्चे को गोद में लेने से पहले हाथ जरुर साबुन से साफ करें. पर कई बार देखा जाता है कि लोग इस नसीहत को गंभीरता से नहीं लेते. कोरोना के दौरान भी तो यही हुआ...! घर की महिलाओं और नवजात शिशुओं की मांओं के लिए हाथ धोना क्यों जरूरी है, इस बारे में आज राजू और पंकज के साथ साथ आप भी जान लें...!

बिहार राज्य के मुंगेर जिला के खड़गपुर प्रखंड से विष्णुदेव यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि उन्होंने कोरोना का कोई डोज नहीं लिया है क्योकि उन्हें कोई दूसरा बीमारी था और डॉक्टर ने टीका लेने से मना किया था।