भारतीय संसद के इतिहास में न विपक्ष का हंगामा नया है और न उनका सदन से निष्कासन, हाल के सालों में इस तरह के निलंबन की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं, इसमें भी निलंबन उनका होता है जो सदन में अपनी बात पुरजोर तरीके से रखकर सरकार का विरोध करते हैं। लोकतंत्र और संसद जो सहमति और असहमति का मिला जुला रूप हैं, उसमें इस तरह की कार्रवाईयों का क्या औचित्य है?

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कोरोना संक्रमण से उबर चुके लोग पुनः हो सकते हैं कोरोना संक्रमित, रहें सावधान - ऐसे लोगों को सही पोषण के साथ- साथ साफ - सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए - विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना संक्रमण से एक बार उबर चुके लोग भी दुबारा हो सकते हैं कोरोना से संक्रमित

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कोरोना संक्रमण से उबर चुके लोगों को टीबी से संक्रमित होने का खतरा अधिक, रहें सावधान - लगातार कई दिनों तक खाँसी रहने पर तत्काल कराएं जाँच - जिलाभर के सभी अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध है टीबी जांच की सुविधा - टीबी के मरीजों को सरकार द्वारा दी जाती है

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कोरोना ने हमें एक बहुत गंभीर सबक सिखाया और वो ये है कि हमें अपने  स्वास्थ्य के प्रति पूरी ईमानदारी रखनी होगी। कोरोना से बचने के लिए सरकार ने हर कदम पर सुरक्षा के नए इंतेज़ाम सुनिश्चित किये और हर आयु वर्ग के लोगों के लिए कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए  टीकाकरण की व्यवस्था की और टीकाकरण का यह अभियान सफल भी रहा। पिछले साल 16 मार्च 2022 को सरकार ने 12  से 14 साल तक के बच्चों को भी कोरोना का टीका लगवाने का फैसला किया।

वर्ष 2022के बिदाई पर तर्कशील संस्था सचिव एवं वरिष्ठ पत्रकार पीकेएस गुर्वे ने कहां की मोबाइल वाणी पर संचालित अभियानों का सकारात्मक असर देखने को मिला है। साथ ही वर्ष 2022 में क्या खोया और क्या पाया विषय पर सारगर्भित बातें कही

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दोस्तों, , कोरोना संक्रमण का असर 2 सप्ताह या अधिकतम 1 माह में खत्म हो जाता है. इसके बाद जैसे ही पीडित की रिपोर्ट नेगेटिव आती है, उस समय से 3 माह बाद कोरोना टीके की पहली डोज लगवा सकते हैं .