नमस्कार आदाब साथियों वो कहते हैं न कि अगर " हम वन्य जीवों को सुरक्षित रखते हैं ,तो हम सिर्फ उनका नहीं बल्कि कहीं न कहीं खुद को भी सुरक्षित रखते हैं ।' जी हां साथियों ,यह वाक्य केवल वाक्य नहीं, बल्कि प्रकृति के संतुलन के लिए मनुष्य ,जीव,पेड़ पौधे किसी न किसी तरह एक दूसरे से जुड़े हुए है। वन्यजीवों के सम्मान और जैवविविधता के महत्व को बनाए रखने के उद्देश्य से हर वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है। विश्व वन्यजीव दिवस हर वर्ष एक थीम पर मनाई जाती है और इस वर्ष यानि 2025 की थीम है : वन्यजीव संरक्षण वित्त : लोगों और ग्रह में निवेश। दोस्तों , पर्यावरण संतुलन ,जैव विविधता काफ़ी हद तक वन्य जीवों पर निर्भर करता है और दुनिया की आधी से ज़्यादा जीडीपी प्रकृति पर निर्भर करता है। लेकिन अभी के युग में बढ़ता प्रदूषण ,पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ,जलवायु परिवर्तन आदि के कारण कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं और पृथ्वी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। इसीलिए वन्य जीव के संरक्षण के लिए धन जुटाने का नया तरीका खोजना बहुत ज़रूरी है। साथियों , वन्यजीव दिवस हमें प्रकृति और उसमें मौज़ूद जीवों की रक्षा करने की हमारी ज़िम्मेदारी को याद दिलाता है। प्रकृति के लिए वन्य जीवों का संरक्षण करना हर एक मनुष्यों की जिम्मेदारी होनी चाहिए। तो आइये हम सभी मिलकर वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रयास करें इसके साथ ही आप सभी श्रोताओं को मोबाइल वाणी के पूरे परिवार की ओर से विश्व वन्य जीव दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

बफर ज़ोन में वन विभाग के अधिकारी ने बताया है कि यह पेच राष्ट्रीय उद्यान में ब्लैक पैंथर देखा गया है । अफ्रीका और एशिया के चुनिंदा जंगलों में पाया जाने वाला काला तेंदुआ अब महाराष्ट्र के नेव गांव में पेच राष्ट्रीय उद्यान में दिखाई दिया है ।

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विश्व वन्यजीव दिवस जिसे आप वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के नाम से भी जानते है हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य है की लोग ग्रह के जीवों और वनस्पतियों को होने वाले खतरों के बारे में जागरूक हो इतना ही नहीं धरती पर वन्य जीवों की उपस्थिति की सराहना करने और वैश्विक स्तर पर जंगली जीवों और वनस्पतियों के संरक्षण के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य या दिवस मनाया जाता है.विश्व वन्यजीव दिवस के उद्देश्य को पूरा करने के लिए है हर वर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है जिससे लोगो में इसके प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूकता को बढ़ावा मिले . हर वर्ष की तरह इस वर्ष 2024 का विश्व वन्यजीव दिवस का थीम है " लोगों और ग्रह को जोड़ना: वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज" है। "तो आइये इस दिवस पर हम सभी संकल्प ले और वन्यजीवों के सभी प्रजातियों और वनस्पतियों के संरक्षण में अपना योगदान दे।

सिल्लेवानी वन परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत सितापार पांगडी के पास सुर्याबुर्या क्षेत्र में गायमुख रोड पर तेंदुएं ने बकरी का शिकार किया। तेंदुआ वन विभाग के लिए मुसीबत बन गया है । बितें एक सप्ताह से सौंसर रेंज में मूवमेंट व शिकार के बाद कल मंगलवार की रात्रि में सिल्लेवानी रेंज में गायमुख रोड पर बकरी का शिकार किया है । सिल्लेवानी रेंज अधिकारी आर के श्रीवास से प्राप्त जानकारी के अनुसार तेंदुआ ने सितापार पांगडी क्षेत्र के गायमुख माता मंदिर मार्ग से लगे श्रावण पातुरकर के खेत में एक बकरी का शिकार किया है । किसान ने बताया की तेंदूए ने शिकार के एक और बकरी बकरी को घसीट कर ले गया है । लेकिन वन अमले को आसपास में शिकार की हूई बकरी नहीं मिली वन अमले ने दिनभर सितापार पांगडी और आसपास के क्षेत्र में सर्चिंग की और ग्रामीणों को पशुओं की सुरक्षा करने व स्वयं सुरक्षित रहने को कहा । इधर तेंदुआ पकड़ में नहीं आने से क्षेत्र में दहशत का वातावरण बना हुआ है।

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