नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन झारखण्ड के सौजन्य से जरुरतमंदों के बीच कम्बल वितरण किया गया।
बोकारो जिला मुख्यालय से करीब 45 किमी दूर कसमार प्रखंड अंतर्गत बरईकला पंचायत के सुदूरवर्ती आदिवासी बहुल गांव चैनपुर का मुख्य पथ भारी वर्षा से मिट्टी बह जाने के कारण पुन: बाधित हो गया. बताते चलें कि चैनपुर गांव के निकट उक्त स्थल पर सड़क सुदृढ़करण के तहत एक संवेदक द्वारा पुलिया निर्माण किया जाना था जिसमें संवेदक ने पथ को काट कर पुलिया निर्माण के लिए पत्थर, बालू गिरा दिया था और काम भी आरंभ कर दिया था पर पुलिया निर्माण पुरा नहीं हुआ और दो माह तक ऐसी ही स्थिति में काम कुछ नहीं हुआ नतीजतन दो माह तक सड़क बाधित रहा. जिला के पदाधिकारी के निर्देश में संवेदक के द्वारा पूर्ववत कलवर्ट व मिट्टी डाल कर आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराया गया था.जो शुक्रवार के दिन हुई जोरदार बारिश से कलवर्ट के दोनों छोर की मिट्टी बह गयी जिससे चार पहिया वाहनों की आवाजाही बाधित हो गया है. जिससे ग्रामीणों को खेतों की जुताई के लिए ट्रैक्टर आर पार नहीं कर पा रहे हैं साथ ही अन्य चार पहिया वाहनों का आवागमन बाधित हो गया है.अभी तक पैदल, दो पहिया वाहन व साइकिल का आना जाना हो रहा है पर कुछ और मिट्टी बह जाने से आवागमन पानी खेत में उतर कर करना होगा. स्कूली बच्चों व बिमारियों को भी परेशानी उठानी पड़ेगी. चैनपुर निवासी मणि लाल महतो का कहना है कि मेरे पिताजी निधन हो गया है जिसके तहत सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करना जरुरी है. जिसमें आमंत्रित कुटुंब जनों का आवागमन बाधित हो गया है. इस सन्दर्भ में उक्त पथ सुदृढ़ी करण के संवेदक ने बताया कि पुलिया निर्माण में एक व्यक्ति के विरोध के कारण पुलिया निर्माण नहीं कराया जा सका है. अब बरसात आने से परेशानी बढ़ी है. बरसात समाप्त होने व धान कटने के बाद स्थायी रूप से पुलिया निर्माण करवाया जा सकेगा. फिल हाल मिट्टी डाल कर आवागमन चालू रखा जायगा.
बारिश ने बढ़ाई किसानों की खुशी धान रोपनी होने की उम्मीद जगी।लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने किसानों की खुशी कई गुना बढ़ा दी है। बुवाई का समय चल रहा है और खेत में धान के डंठल भी तैयार किए गए हैं। पानी की कमी थी जिसे प्रकृति ने अब आराम से भर दिया है।
झारखंड राज्य के बोकारो जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता नरेश महतो जानकारी दे रहे हैं कि झारखंड को सूखा क्षेत्र घोषित कर अविलम्ब राहत कार्य चलाई जाए। श्री वर्नवाल ने कहा कि जिस तरह से मानसून ने किसानों को धोखा दिया है, किसानों की आर्थिक स्थिति खराब है
झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता जे.एम.रंगीला ने बताया कि गर्मी को देखते हुए ग्रीष्मावकाश के बाद इसी महीने मौसम की वजह से लगातार स्कूलों की समय सारणी में बदलाव होता रहा है। राज्य भर के सरकारी स्कूलों में आज [ 1 जुलाई ] से सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक कक्षाएं सुचारू रूप से संचालित होगी। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
झारखंड राज्य के बोकारो जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता जे एम रंगीला जानकारी दे रहे हैं की राज्य में बारिश 28 मई से 2 जून तक समाप्त होने की संभावना है, जिससे कई जिलों के लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
तेज बारिश के साथ आए तूफान से घर का छप्पर उड़ा
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पेटरवार तथा आस -पास क्षेत्रों में इस वर्ष जाड़ा ऋतू में पाला, कोहरा व ज्यादा ठण्ड पड़ने से खेत -बाड़ी में लगी साग सब्जी में बहुत बुरा असर पड़ा है. इधर 15-20 दिनों में अधिकतर दिनों में मौसम खराब रहा. पाला, कोहरा तो पड़ा ही दूसरी ओर कड़ाके की ठण्ड पड़ने से भी लगी सब्जी पर बुरा असर पड़ा है. अहले सुबह से लेकर दस बजे दिन तक कोहरा या पाला पड़ना खेती के लिए प्रतिकूल स्थिति है. ऐसी स्थिति से क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. दारीद, लुकईया, उतासारा, कोजरम, बांगा, ओरदाना, ओबरा, जेबरा, चंद्रपूरा, अरजुवा, गागा, कोह, जाराडीह, चरगी, रुकाम, बुंडू, कोनारबेडा सहित अन्य गाँवो में लोगों की मुख्य आजीविका कृषि है. जबकि प्रत्येक वर्ष खेत बारी में लगी फसले अतिवृष्टि, अनावृष्टि, पाला, ओला कोहरा आदि से फसल चौपट हो जाती है. जबकि किसान ऊँची दर पर बीज, खाद, किट नाशक का प्रयोग करते हैं. तथा ट्रैक्टर से जुताई, मजदूरी भी बढ़ते दर में भुगतान करना पड़ता है. इस वर्ष भी इस समय प्रखंड के विभिन्न गाँवो में लगी आलू पाला पड़ने से मर गया है. प्याज का बिचड़ा नष्ट हो गया. फूल गोभी, बंध गोभी, टमाटर, बैगन, के पौधों सहित अन्य साग -सब्जी पर बुरा असर पड़ा है. खेत में लगी खीरा व तरबूज के छोटे छोटे पौधे मर गए. अन्य साग सब्जी की वृद्धि रुक गया. जिसका उपज पर बुरा प्रभाव होगा. चरगी पंचायत के चरगी ग्राम निवासी कृषक राधेश्याम बेदिया बताते हैं कि पाला कोहरा से मेरा आलू व प्याज का बिचड़ा मर गया. फूल गोभी व पत गोभी में भी मौसम का बुरा असर हुआ है. इसके अलावे अन्य साग सब्जी पर मौसम का बुरा असर पड़ा है. अरजुवा पंचायत अंतर्गत गागा ग्राम के चिरुवा बेडा निवासी महिला कृषक विभा देवी कहती हैं कि मौसम के दुष्प्रभाव से बाड़ी में लगी खीरा, झींगी, खरबूज, प्याज आदि के पौधों पर बुरा असर पड़ा है. सभी फसलों का ग्रोथ रुक गया है पौधे रुग्ण हो गए हैं जिससे अपेक्षित उपज नहीं मिल पायेगी. मौसम के दुष्प्रभाव से हुई फसलों की क्षति से किसानों में मायूसी व्याप्त है.