पेटरवार में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की सफलता को लेकर शुक्रवार को स्कूली छात्र-छात्राओं के द्वारा एक जागरूकता रैली निकाली गयी. रैली उत्क्रमित मध्य विद्यालय प्रखंड कॉलोनी के परिसर से निकाली गयी जो विभिन्न मार्गों का भ्रमण करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पेटरवार पहुंची

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पूज्य तपस्वी श्री जगजीवन जी महाराज ज्योति सरस्वती शिशु विद्या मंदिर पेटरवार में मंगलवार को चक्षु चिकित्सालय पेटरवार की ओर से आये पूज्य श्री आदर्श चन्द्र जी महाराज एवं श्री रितेश शाह कोलकाता संघ के अध्यक्ष क्रीट मेहता एवं अधिकारी गण दाता के सौजन्य से विद्यालय के सभी बच्चों को पाठ्य सामग्री, फल आदि उपहार के रूप में दिए गए

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लीला जानकी पब्लिक स्कूल रधुनाथपुरम पेटरवार के प्रांगण में शुक्रवार को सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2024 में सम्मिलित होनेवाले वर्ग दशम् के सभी छात्र-छात्राओं की विदाई सह आशीर्वचन समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर पेटरवार के सेवा निवृत प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी घनश्याम साहु ने बतौर मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए कहा कि ने विद्यार्थी सक्रिय रूप से मन लगा कर सतत परिश्रम करेंगे तो सुनिश्चित रूप से सफलता मिलेगी. शिक्षकों के मार्गदर्शन पर अपनी पढ़ाई का प्रबंधन करें.  विद्यालय के निदेशक नीरज सिन्हा ने विद्यार्थियों पर भरोसा जताते हुए कहा कि आप आगामी परीक्षा में बहुत ही अच्छे और शत-प्रतिशत अंक प्राप्त कर अपने जीवन को उत्कृष्ट बनाएँगे. यह परीक्षा ही आपका भविष्य तय करेगी. इसलिए पूरी तन्मयता के साथ स्वाध्याय में जुटे रहे. प्राचार्य अमर प्रसाद ने कहा कि उज्जवल भविष्य आपका इंतजार कर रहा है. मेहनत से कभी जी न चुराएँ.   इस अवसर पर कृष्ण कुमार सहित अपने विद्यालय के सभी प्रबुद्ध शिक्षक -शिक्षिकाओं ने विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए उत्तप्रेरित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की.

2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

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मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय में मनाया गया नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती

हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।