झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के कसमार प्रखंड से सुदाम कुमार सेन ,बोकारो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि अभी शहरों की तरह ग्रामीण इलाका में भी खेतों ,मैदान ,जमीनों को घेराव कर मकान, दूकान, फैक्ट्री बन रही है। पैसों कमाने की होड़ में जंगलों को काटा गया जिससे जगह खाली हो गया है।अगर जनसँख्या प्रभावित होगा ,जलवायु प्रभावित होगा तो लोगों की खेती बाड़ी प्रभावित होगी। अगर खेती नहीं होगी तो भविष्य में लोगों को खाने की समस्या से जूझना पड़ेगा
झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के कसमार प्रखंड से सुदाम कुमार सेन ,बोकारो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि दस साल पहले मौसम बहुत अच्छा था ,बारिश समय पर होता था जिससे खेती बाड़ी अच्छे से होती थी। लेकिन अब बारिश बेसमय आता है। जिससे फसलों को सही समय पर पानी नहीं मिलने से वो बर्बाद हो जाता है। अभी जिस तरह से अंधाधुन्द जंगलों की कटाई हो रही ,बड़ी बड़ी इमारतों का निर्माण हो रहा है ,इससे आने वाला युग ख़तरे में है। इसीलिए अभी से जनसँख्या पर नियंत्रण करना ज़रूरी है।
जलवायु की पुकार कार्यक्रम के अंतर्गत इस अंतिम प्रोमों में हम जानेंगे कि हमने जलवायु से सम्बंधित अनेक बातें की हैं और जानकारियों पर विचार भी किया है
झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के कसमार प्रखंड से सुदाम कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है की, बारिश नहीं होने के वजह किसान खेती नहीं कर पा रहे है । पानी के बिना किसानो के खेत सुख गए है। सरकार के द्वारा नहर के कनेक्शन को खेतो के तरफ मोड़ देना चाहिए, ताकि किसान खेती कर सके
जलवायु की पुकार [ एक नए सफर का अंत ] कार्यक्रम के अंतर्गत हम जानेंगे की कैसे दुनिया भर में तापमान तेजी से बढ़ रहा है जिसके कारण लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़ रहा है ।
झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के कसमार प्रखंड से सुदाम कुमार सेन ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि टीवी में दिखाया जाता है कि तापमान के कारण ग्लेशियर पिघल रहा है। लेकिन मीडिया में केवल ये बाते होने से पर्यावरण की समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। पहले के युग में जिस प्रकार बुजुर्ग लोग काम करते थे उसी प्रकार आज भी काम किया जाएगा तो इस जलवायु परिवर्तन का समाधान निकाला जा सकता है। बुजुर्गों की विरासत को बचाने के लिए नदी ,पहाड़ ,जंगल का संरक्षण पर ध्यान देना ज़रूरी है । सरकारी विभाग द्वारा अपने अपने वन ,नदी आदि क्षेत्र में सही से काम कर उसका संरक्षण करना चाहिए। अब जब मनमानी ढ़ंग से विकास कार्य हो रहा है जिससे की आपदाएँ बढ़ रही है ,उस पर रोक लगाने की आवश्यकता है
झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के कसमार प्रखंड से सुदाम कुमार ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि प्रकृति के अनुसार मनुष्य को जीवन जीना सीखना चाहिए। हर एक विभाग के अधिकारी अपने विभागीय स्तर पर काम करते है। इन सब के बीच पर्यावरण पर ध्यान देना है। प्रकृति में जीव जंतु पक्षी वास करते है लेकिन जब उनके घर को उजाड़ा जाता है तो यह ख़राब है। मानव का स्वार्थी होकर प्रकृति को नष्ट करना गलत है
जलवायु की पुकार [श्रोताओं की सरगम] कार्यक्रम के अंतर्गत हम जानेंगे अलग अलग लोगों के योगदान के बारे में की कैसे पर्यावरण के समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।
झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के पेटरवार प्रखंड के आजिया पंचायत से रीता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताते है की छोटे छोटे कदम से पर्यावरण संरक्षण में बहुत बदलाव आया है। पेड़ पौधे लगाने से चारो तरफ हरयाली दिख रही है। हमें अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए और प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए
झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला से नेहा कुमारी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि पर्यावरण संरक्षण के साथ जलवायु परिवर्तन की भी जानकारी मिली। जलवायु को स्वच्छ रखना ज़रूरी है