झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राजेश्वर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से दिनांक 01-05-24 को बताया कि उन्होंने 26 -04 -24 को एक खबर प्रसारित की थी। जिसमें उन्होंने हर घर नल योजना के तहत मार्मो ,सारुखुदर ,चौघड़िया , खारकी ,कुसुम्भा ,गोविंदपुर व अन्य पंचायतों में ग्रामीणों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है, जिससे ग्रामीणों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। इस सन्दर्भ में स्थानीय ग्रामीण निवासी गिरिलाल महतो ने बताया कि इन -चार महीने पहले पानी का मोटर खोलकर ले जाने की शिकायत करने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। जिस कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। इस ख़बर को राजेश्वर महतो द्वारा फेसबुक व लोकल वाट्सप ग्रुप में सम्बंधित अधिकारीयों को फॉरवर्ड किया गया। जिसके बाद सम्बंधित अधिकारीयों ने समस्या को संज्ञान में लेकर मोटर की तकनिकी खराबी का निवारण किया जिससे ग्रामीणों की पेयजल की समस्या दूर हुई। इस कार्य के लिए ग्रामीण मोबाइल वाणी को धन्यवाद दे रहे हैं

नासिक में रहने वाली मयूरी धूमल, जो पानी, स्वच्छता और जेंडर के विषय पर काम करती हैं, कहती हैं कि नासिक के त्र्यंबकेश्वर और इगतपुरी तालुका में स्थिति सबसे खराब है। इन गांवों की महिलाओं को पानी के लिए हर साल औसतन 1800 किमी पैदल चला पड़ता है, जबकि हर साल औसतन 22 टन वज़न बोझ अपने सिर पर ढोती हैं। और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

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हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

जल ही जीवन है। यह पंक्तियाँ हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। आज के समय में जब दुनिया शुद्ध जल की कमी से जूझ रही है, यह पंक्तियाँ और सार्थक हो जाती हैं। भारत में जल संकट लगातार गहराता जा रहा है। कई राज्य हैं जो भूजल की कमी के चरम बिंदु को पार कर चुके हैं। हर साल 22 मार्च के दिन विश्व जल दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमारे जीवन में जल के महत्व और उसके संरक्षण को समर्पित है।इस विश्व जल दिवस पर पानी की बर्बादी को रोके और जल को प्रदूषित होने से बचाये। मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से आप सभी को विश्व जल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में लाभार्थी रोहित से साक्षात्कार लिया गया है जो जल संरक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है।

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