झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में शिक्षकों और सुधारकों ने महिला शिक्षा में योगदान दिया है।जिससे उन्नीसवीं शताब्दी में भारत में महिला शिक्षा को बढ़ावा देने में मदद मिली।सन 1948 ईस्वी में भारतीय अग्रदूत ज्योतिबा की पत्नी सावित्री बाई फूले ने अठारह सौ अड़तालीस में पुणे में बालिकाओं के भारत का पहला स्कूल शुरू किया था

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि स्त्री ही सम्पत्ति की परंपरा में मुख्य भूमिका निभाती है।फिर भी प्राचीन समाज से लेकर आधुनिक समाज तक स्त्रियां उपेक्षित ही रही हैं।उन्हें कम से कम सुविधाओं अधिकारों,उन्नति के अवसरों में रखा जाता रहा।इस वजह से महिलाओं की स्थिति अत्यंत निचले स्तर पर है

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि 2005 के हिन्दु अधिकारी अधिनियम ने बेटियों को पैतृक समपत्ति में सहदायिक अधिकार दी गई है। लेकिन यह सामाजिक स्तर पर पूरी तरह लागू नहीं हो पाया था और कुछ बाधाएं भी थी। जैसे कि पितृ सताात्मक संस्कृति,सामाजिक रीति रिवाज,शिक्षा और जागरूकता की कमी और पितृ सतात्मक महिलाओं के भूमि अधिकारों के रास्ते में प्रमुख बढ़ाएं हैं

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाएं भारतीय कृषि और आजीविका का एक बड़ा हिस्सा है।लेकिन उनकी स्थिति अक्सर केवल मजदूर जैसी होती है जिसे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।भारत में 80 -90 प्रतिष्ठान महिलाएं कृषि पर निर्भर हैं। कृषि कार्य के साथ ये महिलाएं घर का काम, पढ़ाई,पशुपालन,इत्यादि भी कर रही हैं।मगर इन्हें कृषि मजदूर समझा जाता है

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को भूमि अधिकार मिलना चाहिए। 2005 के कानून के बावजूद पितृ सतात्मक संस्कृति,रीति रिवाज और जागरूकता की कमी के कारण वे पुरुषों के बराबर अधिकार और नियंत्रण से वंचित हैं।पैतृक सम्पत्ति में बराबर हिस्सा नही मिल पाता है।सुप्रीम कोर्ट के अनुसार लड़की और लड़का को पैतृक सम्पत्ति में बराबर हिस्सा मिलना चाहिए।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में महिलाएं खेती कार्य से जुड़ी हैं। मगर उनको आज भी मालिकाना हक़ नही मिल पा रहा है। अगर इनको मालिकाना हक़ और सम्पत्ति का अधिकार मिल जाता तो लोन लेकर और अच्छे तरीके से खेती कर पाती

विष्णुगढ़ प्रखंड के बनासो स्थित दौलत महतो मेमोरियल शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय में क्रिसमस गैदरिंग का आयोजन किया गया इससे मौके पर प्राचार्य डॉक्टर सुनील कुमार चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में कहा कि क्रिसमस के पावन अवसर पर समाज में प्रेम शांति सेवा और मानवता का संदेश देता है इसके अलावा प्रभु यीशु मसीह के जीवन में हमें करुणा त्याग और सद्भाव की प्रेरणा मिलती है मौके पर आइक्यूएसी कोऑर्डिनेटर एवं एन एस एस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉक्टर कुमारी स्वर्णा मिश्रा विभाग अध्यक्ष बबली कुमारी सहायक प्राध्यापक डॉक्टर ओंमकार नाथ शर्मा धर्मनाथ महतो भुवनेश्वर कुमार महतो विजयकांत चक्रवर्ती सौरभ समेत बड़ी संख्या में शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

विष्णुगढ़ प्रखंड के भारतीय जनता पार्टी पश्चिमी एवं पूर्वी मंडल के अध्यक्षों के द्वारा।अटल बिहारी वाजपेई का 100 वीं जयंती बड़े ही हर्षालस के साथ संपन्न हो गया

अधिकांश व्यक्तिगत पट्टे पुरुषों के नाम पर होते हैं. सामुदायिक अधिकारों में भी महिलाओं को भी कम प्रतिनिधित्व दिया जाता है. इसके चलते महिलाएं केवल खेत मजदूर बनकर रह जाती हैं. महिलाओं को इसका नुकसान यह होता है कि बैंक, बीमा तथा दूसरी सरकारी सहायता का लाभ नहीं उठा पाती है, जो उनके लिए चलाई जा रही हैं.

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि विधवा को अपने पति की स्व अर्जित और पैतृक सम्पत्ति में अपने हिस्से का दवा करने का पूरा अधिकार है।ठीक वैसे ही जैसे अन्य क़ानूनी वारिस जैसे बच्चों को मिलता है।यदि पति की मृत्यु बिना वसीयत लिखे हो जाती है और कोई वारिस नही है तो विधवा को सम्पत्ति का पूरा अधिकार मिलता है।अन्य वारिस है तो हिस्सा बंट जाता है