आपलोग हमें बताएं कि केवल परीक्षा में लाये हुए अच्छे नंबर ही एक अच्छा और सच्चा इंसान बनने का माप दंड कैसे हो सकता है? अक्सर देखा जाता है कि माता पिता अपने बच्चों के तुलना दूसरे बच्चों से करते है. क्या यह तुलना सही मायने में बच्चे को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करती है या उनके मन में नकारात्मक सोच का बीज बो देती है ? आपको क्या लगता है? इस पर आप अपनी राय, प्रतिक्रिया जरूर रिकॉर्ड करें। और हां साथियों अगर आज के विषय से जुड़ा आपके मन में किसी तरह का सवाल है तो अपने सवाल रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवालों का जवाब ढूंढ कर लाने की पूरी कोशिश करेंगे।

विष्णुगढ़ प्रखंड के अलपिटो पंचायत के हेठली बोदरा निवासी घनश्याम सिंह उर्फ गुलटेनिया की की मौत महाराष्ट्र क्षेत्र में हो जाने से परिजन रो रो कर बुरा हाल हो गया है बीते दिन उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचते हैं पूरा क्षेत्र मातम में बदल गया। घनश्याम पाठक पंचायत समिति सदस्य ने सरकार से हर संभव मदद की गुहार लगाई हैं इस संबंध में वीडियो को पत्र लिखे हैं।

विष्णुगढ़ प्रखंड मुख्यालय सभागार में झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर झारखंड आंदोलनकारियों को प्रखंड विकास पदाधिकारी अखिलेश कुमार एवं सीओ नित्यानंद दास प्रमुख जयबुन्निसा जिला परिषद सदस्य शेख तैयब एवं अन्य अतिथियों के द्वारा आंदोलनकारियों को प्रशस्ति पत्र माला पहनाकर भव्य स्वागत व सम्मानित किया गया।

विष्णुगढ़ प्रखंड मुख्यालय सभागार में अफ्रीका के ट्यूनीशिया देश में फंसे ग्रीडी हजारीबाग बोकारो जिला के कुल 48 श्रमिक फंसे हुए थे। जो केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के पहल पर सकुशल वतन वापसी हुई। कुशल पूर्वक लौटे हुए श्रमिकों के सरकार के द्वारा चलाए जा रहे कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया एवं श्रम विभाग के द्वारा एक-एक लाख रुपए का बीमा किया गया।

Transcript Unavailable.

हजारीबाग के हुरहुर की बेटी राखी कुमारी को इंटरनेशनल कबड्डी पदाधिकारी के रूप में चयनित किया गया। राखी कुमारी पिता श्री अशोक पासवान की पुत्री हजारीबाग के हुरहुर निवासी हैं। वे राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खिलाड़ी रह चुकी है। और पिछले तीन सीजन से प्रो कबड्डी लीग तथा राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में तकनीकी पदाधिकारी के रूप में उत्कृष्ट योगदान दे रही है। राखी इस उपलब्धि का श्रेय अपने गुरु जी और समर्थकों को देते हुए उन्होंने कहा कि यह उनके विश्वास और सहयोग के बिना संभव नहीं था। उन्होंने आईकेएफ के निदेशक तेजस्वी सिंह गहलोत कबड्डी एसोसिएशन ऑफ झारखंड के अध्यक्ष गोपाल ठाकुर चेयरमैन विपिन कुमार सिंह तथा हजारीबाग के सभी पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया।

ज़मीन मिलने के बाद विमला ने अपनी जरूरतों और नए तरीकों को अपना कर खेती का नक्शा ही बदल दिया है- क्योंकि अब वह सिर्फ मज़दूर नहीं, एक किसान है। इस विषय पर आप क्या सोचते हैं, महिलाएं अपने हक को कैसे हासिल कर सकती हैं. क्या आप नहीं चाहते की आपके आस पास विमला जैसी कई महिलाएं हों? मुझे उम्मीद है कि आप निश्चित देखना चाहते हैं. तो आप हमें बताइये आप अपने इलाके में कैसे अनेकों विमलाएं बनाएंगे उनको उनका भूमि अधिकार देकर आपकी राय इसके उलट भी हो सकती है. इसलिए पक्ष-विपक्ष के इस कार्यक्रम में अपनी राय ज़रूर रिकॉर्ड करें हमें बताएं कि आप इस मसले पर क्या सोचते हैं. राय रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाकर या फिर मोबाईलवाणी के जरिए.

आप हमें बताएं कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि आज के समय में अक्सर लोग दूसरों को निचा दिखाने की कोशिश करते हैं बिना इसकी परवाह किये की उनके मानसिक स्वास्थ्य पर इस बात का क्या असर पड़ेगा ? आपके अनुसार इस तरह के भेदभाव को हमारे सोच और समाज से कैसे मिटाया जा सकता है ? दोस्तों इस से जुड़ी आपके मन में अगर कोई सवाल है तो जरूर रिकॉर्ड करे . हम आपके सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के पद्मा ब्लॉक से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिला सशक्तिकरण की कई चुनौतियाँ हैं। पहली चुनौती है - समाज में गहरी जड़े जमा चुकी पितृ सतात्मक सोच महिलाओं को द्वितीय श्रेणी का नागरिक मानती है और यह बड़ी बात बनी हुई है। दूसरी चुनौती है - सुरक्षा समबंधी चिंताएं। इसमें महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न की घटनाएं अभी भी गंभीर मुद्दा एवं चिंता का विषय है। तीसरा चुनौती है - भेदभाव।इसमें कार्यस्थल और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में भेदभाव जारी है

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के पद्मा ब्लॉक से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि राजनीतिक में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है।जो स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं के भागीदारी को बढ़ावा देने का प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें स्वास्थ्य और सुरक्षा का भी शामिल किया गया है।जैसे मातृ मृत्यु दर में कमी और संस्थागत प्रस्ताव में वृद्धि हुई है।