इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?

झारखंड राज्य के हजारीबाग जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता गीता सिंह जानकारी दे रही हैं कि लगातार हो रही पेड़ों की कटाई और अपने सुख सुविधाओं के लिए मानव का स्वार्थी होना अब हम लोगों को ही महंगा पड़ने लगा है। अगर हम अपनी कुछ आदतों में बदलाव करें तो पर्यावरण प्रदूषण को कम किया जा सकता है

साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?

झारखंड राज्य के हजारीबाग जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता गीता सिंह जानकारी दे रही हैं की फैक्ट्री से निकलने वाले कचरे के कारण ग्रामीण बहुत परेशान हैं। नदी में सारे कचरे के डाले जाने से पानी दुषित हो रहा है। साथ ही क्षेत्र में बदबु भी फैल रही है। जिसके कारण बच्चे और ग्रामीण बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। जल्द से जल्द इस समस्या समाधान के लिए आवाज उठाई गई है

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दीपावली दियों से या धमाकों से? अबकि दीवाली पर हमें यह सोचना ही होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे शहरों की हवा हमारे इस उत्साह को शायद और नहीं झेल पा रही है। हवा इतनी खराब है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। भारत की राजधानी दिल्ली इस मामले में कुछ ज्यादा बदनाम है। दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित जगहों में शामिल दिल्ली में प्रदूषण इतना अधिक है कि लोगों का रहना भी यहां दूभर हो रहा है।

पर्यावरण असंतुलन के हैं कई कारण इस समस्या के लिए हम सभी हैं जिम्मेदार। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।