टाटीझरिया प्रखंड के धरमपुर पंचायत अंतर्गत सुदूरवर्ती क्षेत्र हरदिया आदिवासी टोला में सांसद जयंत सिन्हा के सौजन्य से मोदी आहार भोजनालय कार्यक्रम के तहत 600 से अधिक ग्रामीणों के बीच खिचड़ी का वितरण किया गया।कोरोना से बचाव के लिए आदिवासी टोला के लोगों को मास्क का भी वितरण किया गया। साथ ही ग्रामीणों से लॉकडाउन का संजीदगी से पालन करने का आग्रह किया गया। जिलाध्यक्ष टून्नू गोप ने कहा कि आज देश में कोरोना महामारी के बीच जारी लॉकडाउन में हम सभी का फर्ज बनता है कि जिन से जो बने वह गरीबों और जरूरतमंद लोगों के लिए आगे आएं।
टाटीझरिया में वाहन चेकिंग के दौरान हजारीबाग से सरिया जा रहे बोलेरो पर टाटीझरिया थाना में लॉकडाउन का उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया। धारा 188, 290 आईपीसी 51 डीएम एक्ट 2,3,4 झारखंड महामारी अधिनियम कोविड-19, केस संख्या 20/20 दिनांक 6.5.2020 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कोरोना संक्रमणकाल में देशव्यापी लॉकडाउन के बीच किसानों की समस्याओं को लेकर टाटीझरिया मोबाइलवाणी संवाददाता मिथिलेश कुमार बर्मन द्वारा प्रगतिशील कृषक शुकर महतो के साथ की गई वार्ता
बगोदर: मंगलवार को बगोदर थाना क्षेत्र के अटका बूढा चाच बिरहोर टण्डा पहुँचे गिरिडीह उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा एवं एसपी सुरेन्द्र कुमार झा l जिला प्रसाशन के द्वारा लगभग 44 बिरहोर परिवारों के वीच खाद्यान सामग्री के पैकेट का वितरण किया गया l बगोदर पहुँचे जिला आलाधिकारीयों के साथ सरिया- बगोदर अनुमंडल के एसडीएम राम कुमार मंडल, बगोदर बीडीओ रवीन्द्र कुमार, सीओ आशुतोष कुमार ओझा, थाना प्रभारी नवीन कुमार सिंह आदि शामिल थे। इस दौरान यहां आदिम जनजाति बिरहोर परिवारों से अधिकारियों ने कुशल छेम जाना l साथ हीं अधिकारियों ने बिरहोर परिवारों को राशन कार्ड के अलावे अन्य सुविधाओं की भी बात करी । उपायुक्त ने कहा कि सभी परिवारों को अप्रैल और मई दो महीने का राशन भी उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान किसी भी समस्या से जनता को जूझने नहीं दिया जाएगा, इसके लिए प्रशासन हरसमय तैयार है l उन्होने कहा की लॉक डाउन काल में हर जरूत मंदो को आगे भी हर संभव राहत दी जाएगी । अधिकारियों ने इस समुदाय के लोगों को लॉकडाउन का पालन करने के साथ हीं कोई भी कार्य के दौरान सोशल डिस्टेंस के तहत कार्य करने का भी सुझाव दिया है ।
बगोदर ll बगोदर प्रखंड में कोरोना वैश्विक महामारी और लॉक डाउन के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन और ब्रेक द चैन सिस्टम को लेकर बगोदर पुलिस पूरी तरह से सशक्त है l बगोदर के चौक चौराहे पर सरहद की तरह तैनात होकर अपने फर्ज़ अदा कर रहें है स्थानीय प्रसाशन l इसी तैनाती और सजगता हेतू पूर्व में बगोदर थाना प्रभारी सहित ड्यूटी पर तैनात जवान को रात के लगभग दो बजे जिले के अालाधिकारी के निगरानी में ड्यूटी में खरा उतरे पुलिस जवान को अधिकारीयों के हाथों पुरस्कृत होने का सौभाग्य भी मिल चूका है l इस बाबत कोरोना को मात देने बगोदर के जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्त्ता भी पीछे नहीं है l प्रखंड के मुख्य चौक चौराहे पर जहाँ पुलिस प्रसाशन दिन रत अपनी ड्यूटी पर रहते लोगों को सोशल डिस्टेंस के मानकों का पालन करा रही है और पालन नहीं करने वोले दो पहिया व चार पहिया वाहनों पर सवार सवारियों को सोशल डिस्टेंस के मानकों के तहत चलने का आदेश दे रहें है l तो वहीं बिना मास्क और हेलमेट के डबल और ट्रिपल दो पहिया चालकों और सवारों को सजा ए उठक बैठक दे रही है l वहीं दूसरी और सामाजिक कार्यकर्त्ता और पंचायत के जनप्रतिनिधि भी आगे आकर लोगों को सोशल डिस्टेंस के तहत कार्य करने की अपील कर रहें है l इधर कोरोना आपदा के मद्देनज़र लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग हेतू बगोदर के चौक चौराहे पर तैनात पुलिस बल के वीच मंगलवार को बगोदर पश्चिमि पंचायत के मुखिया लक्ष्मण महतो द्वारा मास्क व सेनिटाईज़र का वितरण किया गया l इसी वीच विहिप और बजरंगदल के जिला महामंत्री धीरेन्द्र कुमार उर्फ़ मन्नू,अध्यक्ष प्रवीण जायसवाल और कार्यकर्त्ताओं ने जरुरत मंदों के घर पहुँचे और खाद्य सामग्री का वितरण किया l
बगोदर(गिरिडीह) प्रवासी छात्रों की सकुसल घर वापसी करने और प्रगतिशील छात्र-कार्यकर्ताओं पर राजकीय दमन करने के खिलाफ शनिवार को यंग इंडिया राष्ट्रीय विरोध दिवस के तहत बगोदर प्रखंड के दर्जनों जगहों पर आइसा-इनौस ने एक दिवसीय धरना दिया। कार्यक्रम को बल देते हुवे इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रिय सचिव संदीप जायसवाल ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान देश के विभिन्न राज्यों मे जो छात्र फंसे हैं उनकी सकुशल घर वापसी की सरकार अविलंब ब्यवस्था करे।उन्होने कहा कि कोरोना से देश की आम जनता लड़ रही है,लॉक डाउन के मानको का पालन कर रही है पर केंद्र सरकार इसी दरम्यान छात्र-कार्यकर्ताओं पर यू.ए.पी.ए. के तहत मुकदमा कर रही है जो घोर निंदनीय है ।सरकार के नागरिकता संशोधन कानुन के विरोध मे आन्दोलन की अगुवाई कर रहे प्रगतिशील छात्र नेताओं में मिरान,सफुरा और उमर जैसे अन्य पर काला कानुन के तहत झूठा केस दर्ज़ कर हैरान परेशान करना चाहती है।राष्ट्रीय विरोध दिवस पर आइसा-इनौस ने सरकार से माँग करते हुए कहा कि सभी प्रवासी छात्रों को सुरक्षित घर वापसी किया जाय l छात्र-कार्यकर्ताओं पर यू.ए.पी.ए. केस वापस लिया जाय और आनंद तेलतुम्ब्डे और गौतम नव्लखा जैसे प्रख्यात समाजिक कार्यकर्ताओं को अविलंब रिहा किया जाय।राष्ट्रीय विरोध दिवस के तहत बगोदर के स्मृतिभवन बगोदर,मुंडरो,बाराटोला,तुकतुको,लुकुईया देवराडीह,करंबा ,पोखरिया,तारानारी,बनपुरा मे एकदिवसीय धरना दिया गया l कार्यक्रम में जिप सदस्य गजेंद्र महतो, पुरन कुमार महतो,बासुदेव विद्यार्थी,वीरेंद्र पटेल,जितेंद्र महतो,बोधी महतो,उप मुखिया राजू कुमार महतो,दिपक कुमार,हिमांशु कुमार,लाल मोहन महतो,राजेन्द्र कुमार,भुनेश्वर महतो,पिन्टू कुमार,जागेश्वर महतो,राजू पासवान,मुकेश पासवान,अशोक पासवान,टीपन कुमार महतो,चांद्रिक कुमार महतो समेत अन्य शामिल थे।
झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के टाटीझरिया प्रखंड से मिथलेश कुमार बर्मन मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में यात्री ट्रेनों की आवाजाही और वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। कई राज्यों ने अपनी सीमाएं भी सील कर दी है। सरकार ने यह कदम कोरोना वायरस का संक्रमण को रोकने के लिए उठाया है। सरकार की इस कार्यवाही से टाटीझरिया के सैकड़ों मजदूर मुंबई, दिल्ली, पुणे, हैदराबाद, सूरत, कोलकाता, गुजरात के बड़े-बड़े शहरों में फंस गए हैं। राज्यों में फंसे मजदूरों के पास खाने-पीने का सामान भी उपलब्ध नहीं है और ना ही उनके पास पैसे हैं। वे प्रतिदिन वहां काम करते हैं तब खाते हैं। आज सब कुछ बंद है। ऐसे में उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति बन गई है। प्रवासी मजदूरों ने सरकार से इस दिशा पर त्वरित समाधान निकाल कर राहत पहुंचाने की मांग की थी। इस खबर को मिथलेश कुमार बर्मन के द्वारा शीर्षक "लॉकडाउन को लेकर सैकड़ों मजदूर अन्य राज्यों में फंसे" के साथ 30/03/2020 को मोबाइल वाणी पर चलाया गया था। खबर प्रसारण के बाद इसे टाटीझरिया मेल नामक व्हाट्सएप ग्रुप, टाटीझरिया विकास मंच नामक व्हाट्सएप ग्रुप के अलावा कई व्हाट्सएप ग्रुपों तथा फेसबुक पर शेयर किया गया। इन ग्रुपों में क्षेत्र में कार्यरत पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि तथा कई समाजसेवी सदस्य जुड़े हुए हैं। संवाददाता मिथिलेश कुमार बर्मन ने प्रवासी मजदूरों की समस्या तथा मनोदशा से टाटीझरिया बीडीओ शाइनी तिग्गा को भी व्यक्तिगत रूप से अवगत कराया। इस खबर का असर यह हुआ कि सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाते हुए मजदूरों की सहायता के लिए दो-दो हजार रुपए उनके खाते में भेजने का आदेश बीडीओ को दे दिया। इसके लिए दारू बीडीओ रामरतन बर्णवाल तथा टाटीझरिया वीडियो शाइनी तिग्गा ने सभी मुखिया को फंसे मजदूरों की सूची बनाकर मांगा है। इस सूची में नाम, खाता नंबर, आधार नंबर समेत अन्य जानकारियां मांगी गई है। दोनों प्रखंड में कुल 17 पंचायतें हैं। इसमें 17 मुखियाओं ने युद्धस्तर पर सूची बनानी शुरू कर दी है। टाटीझरिया के भराजो मुखिया राम प्रसाद कुशवाहा और दारू के रामदेव खरीका मुखिया वीरेंद्र यादव ने कहा है कि यह सूची 2 दिनों के अंदर प्रखंड में जमा करने का निर्देश दिया गया है ,हम लोग जल्द से जल्द सूची बनाकर जमा कर देंगे।दारू और टाटीझरिया के फंसे हुए मजदूरों को दो-दो हजार रूपए मिलने से तत्काल खाने पीने की समस्याओं से राहत मिलेगी।
झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला टाटीझरिया प्रखंड से मिथिलेश कुमार वर्मन झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से दिनांक 14-04-20 को बताया कि झारखण्ड मोबाइल वाणी पर दिनांक 30-03-20 को एक खबर प्रसारित की गयी थी।खबर में बताया गया था कि वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में यात्री ट्रेनों की आवाजाही और वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। कई राज्यों ने अपनी सीमाएं भी सील कर दी है। सरकार की इस कार्रवाई से टाटीझरिया के सैकड़ों मजदूर मुंबई, दिल्ली, पुणे, हैदराबाद, सूरत, कोलकाता, गुजरात के बड़े-बड़े शहरों में फंस गए हैं। उन्होंने कहा है कि अब यह ज्यादा दिन तक वहां नहीं रह सकते। उनके पास खाने-पीने का सामान भी उपलब्ध नहीं है और ना ही उनके पास पैसे हैं। वे प्रतिदिन वहां काम करते हैं तब खाते हैं। ऐसे में उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति बन गई है। इन लोगों ने सरकार से इस पर त्वरित समाधान निकाल कर राहत पहुंचाने की मांग की है।इस खबर के प्रसारण के बाद मजदूरों की समस्या को टाटीझरिया मेल व्हाट्सएप ग्रुप/ टाटीझरिया विकास मंच व्हाट्सएप ग्रुप, अपने फेसबुक वॉल समेत अन्य कई व्हाट्सएप ग्रुप में फॉरवर्ड किया। इन ग्रुपों में कई प्रवासी मजदूर समेत प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता जुड़े हुए हैं। खबर सुनकर मुंबई व दिल्ली में प्रवासी मजदूरों के सहायतार्थ काम करने वाले स्वायत्तशासी सामाजिक संस्था झारखंडी एकता संघ इन मजदूरों की मदद के लिए आगे आया। समस्या को लेकर झारखण्ड एकता संघ के केंद्रीय अध्यक्ष असलम अंसारी से भी इस विषय में मोबाइल पर संवाददाता मिथिलेश कुमार वर्मन ने व्यक्तिगत बातचीत की। उन्होंने बताया कि झारखंडी एकता संघ अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह करते हुए प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए मुस्तैद है। बताया कि यह संस्था झारखंड के प्रवासी मजदूरों के लिए कार्य करती रहती है। इस समय पूरा देश लॉकडाउन में हुए संकट से अधिक परेशान है। वैसे मैं यह संस्था न सिर्फ झारखंड के प्रवासी मजदूरों के लिए बल्कि देश के विभिन्न स्थानों में फंसे मजदूरों के लिए भी काम कर रही है। संस्था द्वारा अब तक 2500 से अधिक प्रवासी मजदूरों को चिन्हित कर डिजिटल पेमेंट के माध्यम से एक हजार रुपये राशन का खर्च राशि उपलब्ध कराया गया है। इससे प्रवासी मजदूरों को खाने-पीने में काफी राहत मिली है। इस कार्य में संघ के केंद्रीय अध्यक्ष असलम अंसारी, शदरुल शेख, संतोष कुमार, ताजुद्दीन अंसारी, असगर खान, रवि प्रसाद, अजहर सिद्दीकी, विनोद प्रसाद, राजेंद्र शर्मा, अब्दुल करीम, वकील अंसारी, काशीफुल्लाह, रफीक अंसारी, संतोष मंडल समेत कई लोग प्रवासी मजदूरों को मदद पहुंचाने में काम कर रहे हैं।
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला टाटीझरिया प्रखंड से मिथिलेश कुमार वर्मन ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से दिनांक 13-04-20 की रात को बताया कि झारखण्ड मोबाइल वाणी पर दिनांक 13-04-20 को दिन के करीब 2 बजे एक खबर का प्रसारण किया गया था। जिसका शीर्षक था "झरपो में लॉकडाउन की उड़ रही है धज्जियां" .खबर में बताया गया था कि कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। सभी देशवासी अपने अपने घरों में कैद हैं। सिर्फ जरूरत के सामानों को लेने के लिए एक दो लोग बाजार में निकल रहे हैं। लेकिन इससे अलग प्रखंड के झरपो बाजार में लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाई जा रही है। बाजार में लोगों की भीड़ भी आम दिनों की तरह ही हो रही है। हजारों की संख्या में लोग बाजार में पहुंचकर खरीदारी कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण की न तो दुकानदारों को चिंता है और ना ही खरीदारों को। दुकानों को खोलने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो पा रहा है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन भी सोशल डिस्टेंसिग का पालन कराने में असमर्थ दिख रही है। इस खबर को टाटीझरिया मेल समेत अन्य कई व्हाट्सएप ग्रुपों में फॉरवर्ड किया गया। संवाददाता मिथिलेश कुमार वर्मन ने टाटीझरिया थाना प्रभारी चंदन कुमार साहू को भी व्यक्तिगत रूप से फोन कर झरपो बाजार में लग रही अनावश्यक भीड़ तथा लोगों द्वारा सामाजिक दूरी का अनुपालन नहीं करने की जानकारी दी। थाना प्रभारी को संवाददाता ने बताया कि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। थाना प्रभारी चंदन कुमार साव ने खबर प्रसारण सुनकर त्वरित कारवाई की। झरपो बाजार जाकर लोगों की भीड़ को हटाया । इस दौरान डूमर गांव के श्री कुमार को लॉकडाउन का अनुपालन नहीं करने तथा अभद्रता करने के आरोप में थाना कांड संख्या 13/20 में राष्ट्रीय महामारी अधिनियम एवं भादवि की अन्य धाराओं के तहत गिरफ्तार कर सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस कार्रवाई के बाद झरपो बाजार में लोगों की अनावश्यक भीड़ हटा दी गई है ।
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला टाटीझरिया प्रखंड से मिथिलेश कुमार वर्मन ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से दिनांक 13-04-20 को बताया कि झारखण्ड मोबाइल वाणी पर दिनांक 07-04-20 को एक खबर का प्रसारण किया गया था। जिसमें मनरेगा मजदूर मंजीत कुमार सिंह के साथ साक्षात्कार लिया गया था जिसमें उन्होंने बताया कि वह एक मनरेगा मजदूर हैं और मजदूरी कर उनका और परिवार वालों की आजीविका चलती है। लॉकडाउन से मनरेगा का कामकाज बंद हो गया है और बकाया मजदूरी भी नहीं मिली है। जिससे उन्हें राशन आदि की खरीदारी में परेशानी हो रही है। कर्ज लेकर घर का खर्चा चलाना पड़ रहा है। खबर प्रसारण के बाद ब्लॉक ऑफिसर के व्हाट्सएप ग्रुप में इस खबर को फॉरवर्ड किया गया। इसके अलावा मनरेगा बीपीओ राजीव आनंद से भी व्यक्तिगत बातचीत कर समस्याओं से अवगत कराया गया। बीपीओ ने आश्वासन दिया कि प्रखंड में बकाया मजदूरी की राशि आने वाली है और भुगतान का निर्देश भी प्राप्त हुआ है। जल्द ही सभी मजदूरों के खाते में बकाया मजदूरी का भुगतान डीबीटी के माध्यम से कर दिया जाएगा। इसके बाद उक्त मनरेगा मजदूर के खाते में कई किस्तों में बकाया राशि का भुगतान कर दिया गया। जिससे मजदूर ने कर्ज देने वाले का कर्ज भी चुकता कर दिया और परिवार में खाने-पीने में हो रही परेशानी से भी तात्कालिक राहत मिली। मजदूर ने यह जानकारी 11 अप्रैल को संवाददाता मिथिलेश कुमार वर्मन को फोन कर बताया। बकाया मजदूरी का भुगतान कराने में उनकी आवाज को प्रसारित करने के लिए उन्होंने मोबाइलवाणी को धन्यवाद दिया और कहा कि कोरोना संक्रमण के इस संकटकाल में मोबाइलवाणी की जिम्मेदारीपूर्ण भूमिका सराहनीय है।