प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण के अंतर्गत जिलों के लिए तय कुल लक्ष्य का 5 फीसदी आवास दिव्यांगों के लिए निर्धारित किया जाएगा। ग्रामीण विकास विभाग ने इसे सुनिश्चित करने को कहा है। जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि जिला अंतर्गत किसी पंचायत में किसी विशेष कोटि में योग्य लाभार्थी उपलब्ध नहीं रहने की स्थिति में प्रखंड स्तर पर लक्ष्य का आंतरिक सामंजन किया जायेगा। इसी तरह किसी प्रखंड में किसी कोटि विशेष में योग्य लाभार्थी उपलब्ध नहीं रहने पर जिलास्तर पर लक्ष्य का आंतरिक सामंजन किया जाएगा। वहीं जिला अंतर्गत संबंधित कोटि में योग्य लाभार्थी नहीं रहने पर ही राज्य को लक्ष्य प्रत्यार्पित किया जाएगा। गौरतलब है कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बिहार को पहले से तय आवासों का लक्ष्य बढ़ा दिया था। इसमें 5 फीसदी के करीब की वृद्धि की गई थी। वित्तीय वर्ष 2019-20 में पहले से आवंटित 10 लाख 12359 आवासों के भौतिक लक्ष्य में 57800 की वृद्धि की गई थी। तकरीबन 58 हजार इन नए आवासों को सभी जिलों के लक्ष्य में वितरित भी कर दिया गया था। साथ ही इसके अनुरूप प्रखंड तथा पंचायतवार व कोटिवार जिलों को लक्ष्य का निर्धारण व लाभुकों का चयन करने को कहा गया था। एक बार फिर से जिलों को ताकीद किया गया है कि तय लक्ष्य का 5 फीसदी आवास का लाभ दिव्यांगों को पहुंचाएं।

रक्सौल के बुनियाद केंद्र में बुधवार को एक कार्यक्रम के बीच दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के बीच श्रवण यंत्र का वितरण किया गया। रक्सौल बुनियाद केंद्र की प्रभारी डॉ इमराना खातून की देख रेख में श्रवण यंत्र का वितरण किया गया। डॉ इमराना ने बताया कि पूर्व से बुनियाद केंद्र पर आए जिन लोगों की जांच की गई थी, उनके बीच हियरिंग एड का वितरण हुआ है। बुनियाद केंद्र से बुधवार को कुल 9 लोगों को हियरिंग एड दिया गया, जिसमें 3 दिव्यांग और 6 वरिष्ठ नागरिक शामिल थे। डॉ खातून ने बताया कि रक्सौल में संचालित बुनियाद केंद्र से दिव्यांग, वृद्ध, विधवा महिला आदि लोगों को कई तरह की सुविधा निशुल्क दी जाती है। जिसमे आंख की जांच के बाद चश्मा वितरण, कान की जांच के बाद सुनने वाली मशीन का वितरण, दिव्यांग लोगों के लिए ट्राई साइकिल, फिजियोथेरेपी की सुविधा, स्पीच एंड हियरिंग थेरेपी आदि की सुविधा निशुल्क है। अनुमंडल के लोग इस सुविधा का लाभ ले सकते है।

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण छात्र योजना अंतर्गत 38 दिव्यांगजनों को बैट्री से चलने वाली ट्राईसाईकिल हेलमेट के साथ गुरुवार को प्रदान की गई। इस योजना अंतर्गत पूर्वी चम्पारण जिलें को 2022- 23 में 353 बैट्री चालित ट्राईसाईकिल आवंटित करने का लक्ष्य प्राप्त था, जिसे डीएम की अध्यक्षता मे गठित जिला स्तरीय स्क्रीनिंग समिति द्वारा शत प्रतिशत स्वीकृति दी गयी है। आयोजन जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग के द्वारा किया गया। इस अवसर पर सहायक निदेशक शिवेंद्र कुमार सहित बुनियाद केन्द्र एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग के सभी कर्मीगण मौजूद रहे।

सभी विकलांग बच्चों के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी प्रमाण-पत्र की बजाय दिव्यांगों की पहचान से संबंधित यूडीआईडी कार्ड जारी होगा। इसके लिए विकलांग लोगों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद उनकी दोबारा स्क्रिनिग होगी। स्क्रीनिंग के बाद विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इसी विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर बच्चों को अन्य कार्ड भी बनेगा। इस संदर्भ में जिलाधिकारी ने पत्र लिखकर 0-18 वर्ष के बच्चों का कार्ड बनाने को आदेशित किया है। इसके के प्रखंडवार तिथि का निर्धारण किया गया है। कैम्प में दिव्यांगता की जांच, सह मूल्यांकन, प्रमाण पत्र व यूडीआईडी कार्ड बनाया जाएगा इस आईडी की पूरे देश में मान्यता होगी। नई व्यवस्था के तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसके साथ ही दिव्यांगों का स्कैनिंग भी किया जायेगा। पहले की व्यवस्था में दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने पर जिला स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों का पैनल जांच करता है। इसके बाद प्रतिशत के हिसाब से दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करता है। जारी किया जाएगा यूनिक नंबर नई व्यवस्था में पहले दिव्यांगों का ब्योरा दर्ज किया जाएगा। जिससे स्क्रीनिंग के बाद दिव्यांग की पूरी स्थिति को दर्ज किया जा सके और दर्ज करने के वाद ही उन्हें यूनिक नंबर जारी किया जाएगा। फिर स्वास्थ्य विभाग विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करेगा। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से नामित की गई कंपनी की ओर से कार्ड जारी किया जाएगा। प्रमाण पत्र और कार्ड में विकलांगता का प्रकार, प्रतिशत और आईडी नंबर होगा। कार्ड में चिप भी लगाई जाएगी। कार्ड से पूरी जानकारी मिल जाएगी। कार्ड से मिलेगी पेंशन समाज कल्याण के माध्यम से योजनाओं का लाभ उठाने वाले दिव्यांगों के पास यूनिक आईडी कार्ड होना जरुरी है। इसके बिना किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसी के माध्यम से ही दिव्यांगों को पेंशन दिया जाएगा।

**15 दिब्यांगो के बीच ट्राइसाइकिल का होंगा वितरण ** *कुल 17 आवेदन में से 15 हुआ स्वीकृत* कोटवा - प्रखण्ड में दिव्यांगों के दिन बदलने वाले हैं। मिली जानकारी के मुताबिक प्रखण्ड क्षेत्र के 15 दिव्यांगों को सरकार द्वारा मुफ्त में बैटरी चालित ट्राई साइकिल शीघ्र उपलब्द्ध कराई जाएगी। ट्राई साइकिल के लिए प्रखण्ड के कई पंचायतो से 17 आवेदन दिए गए थे जिसमे 15 को मंजूरी मिली है जबकि बथना व महारानी भोपत का दो आवेदन रिजेक्ट किया गया है । ट्राइ साइकिल मिलने वालों में बथना का 2 , बड़हरवा कला पश्चिमी 1 , करारिया 1 , भोपतपुर उतरी 1 , डुमरा 2 , जसौली 1, अहिरौलिया 2 , कोटवा 1 एवं जगिरहा के 2 लाभुक शामिल हैं। इस बाबत पूछे जाने पर बीडीओ सरीना आजाद ने बताया कि शीघ्र ही वितरण की तिथि निर्धारित कर सभी 15 लाभुकों को ट्राइसाइकिल उपलब्ध करा दी जाएगी।

फेनहारा प्रखंड मुख्यालय के आईबी भवन में गुरुवार को प्रखंड के दिव्यांग जनों के साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी अर्पित आनंद में बैठक किया अर्पित आंनद ने ट्राई साइकिल बैटरी साइकिल व्हीलचेयर के बारे में जानकारी और आवेदन करने के बारे में विस्तार से दिव्यांग जनों को जानकारी दिया और मौके पर जिला पार्षद आकाश गुप्ता कार्यालय सहित गौतम कुमार तकनीकी सह कनीय अभियंता पंकज कुमार धर्मेंद्र कुमार,पीडब्ल्यूडी के प्रखण्ड अध्यक्ष शमसाद आलम, रणधीर कुमार संजीत सहनी शमीम अख्तर सीताराम सहनी सहित अन्य दिव्यांगजन मौजूद थे

31 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को डीएम के समक्ष समाहरणालय स्थित अंबेडकर चौक पर दिव्यांगजनों ने धरना दिया गया। अध्यक्षता प्रदेश महासचिव कुंदन कुमार व जिलाध्यक्ष सुबोध कुमार सिंह ने किया। दिब्यांगजनों ने मांगे पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन धरना जारी रखने की बात कही। मौके पर उदय, चितरंजन सिंह, मुकेश कुमार महतो, दिलीप सिंह, ज्योतिष राजनाथपुरी, उमैर आलम, शिवमंगल साह थे।

सीतामढ़ी जिले के दिव्यांग एवं वरिष्ठ नागरिक के लिए खुशी की खबर पास के माध्यम से सरकारी बसों में अब कर सकते हैं फ्री सफर इसकी जानकारी सीतामढ़ी सरकारी बस स्टैंड के कर्मी विजय कुमार ने दी है

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