सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है रोजगार समाचार। यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो बिहार पंचायत द्वारा निकाली गयी लेखपाल आईटी सहायक के 6570 पदों पर कार्य करने के लिए इच्छुक है । इन पदों पर उम्मीदवार मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से बी.कॉम / एम.कॉम / सीए इंटर की डिग्री प्राप्त की हो।सीए इंटर की शैक्षणिक योग्यता का प्रमाण पत्र रखने वाले उम्मीदवारों को वरीयता दी जाएगी। इसमें सामान्य उम्मीदवारों के लिए 1643 पद इकोनॉमिकली बैकवर्ड के लिए 1643 पद ,अनुसूचित जाति के लिए 1313 , अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 1183 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 657 अनुसूचित जनजाति के लिए 131 पदों पर भर्तियां निकाली गई हैं। इन पदों पर वेतनमान 20,000/- रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। इन पदों पर आवेदन करने के लिए आयु सीमा कम से कम 21 वर्ष रखी गई है। साथ ही आवेदनकर्ताओं का चयन लिखित परीक्षा पर आधारित होगा।इन पदों पर आवेदन करने के लिए आवेदन शुल्क सामान्य और अन्य उम्मीदवारों के लिए 500 रुपए ,और दिव्यांग आवेदकों के लिए अनुसूचित जाती ,अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 250 रूपए तथा महिला आवेदकों एवं विकलांग उम्मीदवारों के लिए 250 रुपए रखे गए हैं।यदि आप के पास मांगी गयी सारी योग्यताएं है तो आप अपना आवेदन आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट पर जा सकते हैं वेबसाइट है state.bihar.gov.in .याद रखिये आवेदन करने की अंतिम तिथि 29 मई 2024 रखी गयी है। तो साथियों अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ बाँट भी सकते हैं।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा किसानों को बता रहे है कि दुधारू पशुओं को संतुलित आहार दें। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

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नासिक में रहने वाली मयूरी धूमल, जो पानी, स्वच्छता और जेंडर के विषय पर काम करती हैं, कहती हैं कि नासिक के त्र्यंबकेश्वर और इगतपुरी तालुका में स्थिति सबसे खराब है। इन गांवों की महिलाओं को पानी के लिए हर साल औसतन 1800 किमी पैदल चला पड़ता है, जबकि हर साल औसतन 22 टन वज़न बोझ अपने सिर पर ढोती हैं। और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू जैविक खेती के फ़ायदे के बारे में जानकारी दे रहे हैं। ग्रीष्मकालीन फसल में जीवामृत का प्रयोग कैसे करनी चाहिए , इसकी पूरी जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.